Mathura News: श्री कृष्ण जन्मस्थान बेगम साहिबा मस्जिद मामला, मथुरा कोर्ट ने सुनवाई के लिए की 25 मई मुकर्रर

Mathura News: औरंगजेब के शासन काल के दौरान 1670 में मथुरा में बने भगवान श्री कृष्ण के भव्य मंदिर को तहस नहस कर दिया गया था। कोर्ट ने शनिवार को सुनवाई की और अगली तारीख 25 मई दे दी।

Mathura Bharti
Published on: 6 May 2023 7:55 PM GMT
Mathura News: श्री कृष्ण जन्मस्थान बेगम साहिबा मस्जिद मामला, मथुरा कोर्ट ने सुनवाई के लिए की 25 मई मुकर्रर
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Image: Newstrack

Mathura News: मथुरा की सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट में श्री कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास की तरफ से दावा दाखिल किया गया था। इस दावे में कहा गया कि औरंगजेब के शासन काल के दौरान 1670 में मथुरा में बने भगवान श्री कृष्ण के भव्य मंदिर को तहस नहस कर दिया गया था। जिसके बाद मंदिर से भगवान के विभिन्न विग्रह( मूर्तियों) को आगरा ले जाया गया और उन्हें बेगम साहिबा मस्जिद की सीढ़ियों के नीचे दवा दिया गया। इसी मामले में कोर्ट ने शनिवार को सुनवाई की और अगली तारीख 25 मई दे दी।

महेंद्र प्रताप सिंह ने दाखिल किया है दावा

श्री कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास के अध्यक्ष महेंद्र प्रताप सिंह ने सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट में दावा दायर किया था। इस दावे में ऐतिहासिक पुस्तकों को साख्य का आधार बनाया गया है और दावा किया गया है कि औरंगजेब ने भगवान श्री कृष्ण के मंदिर को ध्वस्त कर वहां विराजमान प्रतिमाओं(मूर्तियों) को आगरा में लाल किले में बनी जामा मस्जिद की सीढ़ियों के नीचे दवा दिया था। वादी ने मांग की है कि आगरा की जामा मस्जिद की सीढ़ियों से प्रतिमाओं को निकालकर भगवान श्री कृष्ण के मूल जन्मस्थान में स्थापित किया जाए।

अमीन सर्वे के लिए दिया था प्रार्थना पत्र

जामा मस्जिद की सीढ़ियों के नीचे मूर्तियां दबी होने का दावा करने वाले अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह ने 17 अप्रैल को सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट में अमीन सर्वे कराए जाने के लिए प्रार्थना पत्र दाखिल किया था। प्रार्थना पत्र में वादी ने कोर्ट से कहा था कि यह हिंदुओं की आस्था का विषय है,आज भी लोग उन सीढ़ियों से होकर निकलते हैं जिससे भावनाएं आहत हो रही हैं। उन सीढ़ियों से आवाजाही पर तत्काल रोक लगाई जाए और विवादित स्थल का अमीन सर्वे कराया जाए।

आर्केलोजिकल सर्वे ऑफ इंडिया को बनाया गया था प्रतिवादी

कोर्ट में दाखिल वाद में यूनियन ऑफ इंडिया के केंद्रीय सचिव, निदेशक आर्केलोजिकल सर्वे ऑफ इंडिया,अधीक्षक भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ऑफ इंडिया आगरा और निदेशक भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ऑफ इंडिया मथुरा को प्रतिवादी बनाया था। जिसमें प्रतिवादी पक्ष के अधिवक्ता खरग सिंह ने दावा को निराधार बताते हुए खारिज करने की मांग की थी। खरग सिंह ने कोर्ट से कहा कि इस तरह के दावे दायर करते रहते हैं। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद 6 मई को आदेश सुनाने की तारीख दी थी।

25 मई से पहले हो सकते हैं आदेश

वादी महेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि शनिवार को कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने कुछ बिंदु रखे जिसमें उन्होंने पुस्तक आदि के साख्य रखे। इसके बाद कोर्ट ने अगली तारीख 25 मई दे दी। इस बीच कोर्ट किसी भी दिन अमीन सर्वे को लेकर कोई आदेश कर सकती है।

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