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Mau News: काला मोतिया (ग्लूकोमा) को न करें नजर अंदाज, नेत्र दृष्टी के लिये खतरा

Mau News: घोसी में मिले 5 काला मोतिया (ग्लूकोमा) के रोगी, जाँच और इलाज शुरू, 104 नंबर डायल कर और विस्तार पूर्वक जानकारी प्राप्त करें।

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Published on: 16 March 2023 6:28 PM GMT
Mau News: काला मोतिया (ग्लूकोमा) को न करें नजर अंदाज, नेत्र दृष्टी के लिये खतरा
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glaucoma danger to eye (Photo-Social Media)
Mau News: मऊ जनपद में विश्व ग्लूकोमा सप्ताह के तहत सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र समेत जिला चिकित्सालय पर ग्लूकोमा के मरीजों को अधिक से अधिक लक्षणों के आधार पर परीक्षण करके तथा पहचान और संकेतों के आधार पर रोकथाम के लिए कार्यक्रम चलाया जा रहा है, जो 18 मार्च तक चलेगा। इसके लिए समस्त सा.स्वा. केन्द्रों के अधीक्षक समेत आरबीएसके, सीएचओ, एनसीडी के लोगों को विशेष दिशा निर्देश दिए गए हैं। यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. नरेश अग्रवाल ने दी।
ग्लूकोमा की पहचान
सीएमओ डा. एन अग्रवाल ने बताया कि काला मोतिया (ग्लूकोमा) के रोगियों को लक्षणों के आधार पर पहचान तथा उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों तथा जिला चिकित्सालय पर लाकर समुचित जांच और इलाज का प्रबंधन करने के लिए कहा गया है। इसके रोगियों का शासन के मंशा के अनुरूप सरकारी खर्च पर इलाज कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि ग्लूकोमा के संकेत और लक्षण में प्रकाश के स्रोत के चारों ओर रंगीन घेरे दिखाई पड़ना। साइड विजन में धीरे-धीरे कमी आना और दृष्टि क्षेत्र का सीमित हो जाना, चश्मे का नंबर जल्दी-जल्दी बदलना इसके लक्षणों में शुमार है। प्रत्येक ब्लॉक के कार्यक्रम प्रबन्धक, आशा संगिनी व सीएचओ एवं आशा कार्यकर्ता अपने क्षेत्र में ग्राम स्तर पर लोगों को जागरूक कर ग्लूकोमा स्क्रीनिंग (जांच) करने के लिए प्रेरित करने का काम करेगे।

सरकारी खर्चे पर इलाज

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी नोडल डा. आरएन सिंह ने बताया कि दृष्टि चोर के रूप में जाना जाने वाला काला मोतिया (ग्लूकोमा) नेत्र की दृष्टि के लिए खतरा पैदा करने वाला रोग है। यह सामान्यतः 40 वर्ष से अधिक आयु के लोगों, विशेषकर ऐसे लोगों को होता है, जिसके परिवार में काला मोतिया (ग्लूकोमा) का इतिहास रहा होता है। काला मोतिया ग्लूकोमा का इलाज सभी राजकीय चिकित्सालयों में सरकार के खर्चे पर उपलब्ध है। साथ में मोतियाबिंद का ऑपरेशन भी संपादित किया जा रहा है।

सामुदायिक स्वास्थ्य के केंद्र घोसी के नेत्र परिक्षण अधिकारी डा. अनिल कुमार सिंह ने बताया कि काला मोतिया (ग्लूकोमा) लक्षणों के आधार पर अबतक 5 सम्भावित मरीज मिले हैं, जिनमें 4 महिला 1 पुरुष है। पहले इस रोग से ग्रसित महीने में एक या दो ही आते थे दवा और परामर्श लेकर चल जाते थे। कभी उनके रिकार्ड रखने के लिये कोई निर्देश नहीं मिले थे, लेकिन शासन के द्वारा विशेष अभियान चलाये जाने के बाद हमनें अब लिस्टिंग करना शुरू कर दिया है।

कोई निश्चित दवा नहीं

डा. अनिल कुमार सिंह ने बताया कि इससे बचने के लिए कोई फौरी तौर पर दवा नहीं है। काला मोतिया (ग्लूकोमा) को रोका नहीं जा सकता है, लेकिन यदि इसका शुरू में पता लग जाए तो समुचित एवं नियमित इलाज हो तो ग्लूकोमा होने के कारण होने वाले दृष्टिहीनता से बचा जा सकता है। इससे संबंधित जानकारी के लिए 104 नंबर डायल कर और विस्तार पूर्वक जानकारी प्राप्त की जा सकती है।

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