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Mirzapur News: छानबे उपचुनाव से ठीक पहले सपा को बड़ा झटका, पूर्व जिलाध्यक्ष बीजेपी में शामिल हुए

Mirzapur News: सपा के पूर्व जिला अध्यक्ष जय सिंह बीजेपी में शामिल हो गए हैं। उन्होने अपने दर्जनों समर्थकों के साथ बीजेपी की सदस्यता ली। जय सिंह भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता ली।

Anant Shukla
Published on: 3 May 2023 10:55 PM IST
Mirzapur News: छानबे उपचुनाव से ठीक पहले सपा को बड़ा झटका, पूर्व जिलाध्यक्ष बीजेपी में शामिल हुए
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Jai Singh joins BJP (Photo-Social Media)

Mirzapur News: अपना दल के विधायक राहुल कोली के निधन के बाद छानबे विधान सभा सीट पर हो रहे उप चुनाव से ठीक पहले समाजवादी पार्टी को बड़ा झटका लगा है। सपा के पूर्व जिला अध्यक्ष जय सिंह बीजेपी में शामिल हो गए हैं। उन्होने अपने दर्जनों समर्थकों के साथ बीजेपी की सदस्यता ली। जय सिंह भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता ली।

गौरतलब है कि भारतीय निर्वाचन आयोग ने स्वार और छानबे विधानसभा सीट पर उप चुनाव के लिए 29 मार्च को अधिसूचना जारी की थी। दोनों सीटों पर 10 मई को वोटिंग होगी और 13 मई को रिजल्ट आएगा। 13 अप्रैल से नामांकन शुरू हुआ था जिसकी अंतिम तिथि 20 अप्रैल थी। नामांकन वापिस लेने की अंतिम तिथि 24 अप्रैल थी।

क्यों हो रहा उप चुनाव

स्वार सीट पर समाजवादी पार्टी नेता और आजम खान के पुत्र अब्दुल्ला आजम पर हेट स्पीच मामले में दो साल से अधिक सजा होने के कारण सदस्यता चली गई थी। जबकि छानबे विधानसभा सीट पर अपनादल के विधायक रहे राहुल कोली के निधन के बाद उप चुनाव हो रहा है।

छानबे सीट पर भाजपा की सहयोगी दल अपना दल (एस) की तरफ से स्वर्गीय राहुल प्रकाश कोल की पत्नी रिंकी कोल को मैदान में उतारा गया है। जबकि सपा से कीर्ति कोल को उम्मीदवार घोषित किया गया है। इस उप चुनाव से पटेल बहने दूरी बनाए हुई हैं।

क्यों होता है उपचुनाव

नियमानुसार यदि कोई सदस्य अपना कार्यकाल पूरा होने से पहले स्तिफा दे देता है, किन्ही कारणों से सदस्यता रद्द हो जाती है या उसका निधन हो जाता है तो उसकी सीट खाली हो जाती है। खाली होने के बाद चुनाव आयोग को उस सीट पर छह महीने के अंदर उपचुनाव कराना पड़ता है। यदि छह माह से पहले विधानसभा चुनाव आ जाता है तो उपचुनाव की आवश्यकता नहीं पड़ती। उपचुनाव में जीते उम्मीदवारों का कर्यकाल उस सीट पर बचे कार्यकाल के तक ही होता है।



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Anant Shukla

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