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बहुत खास चंद्रयान के 3 दिन, अब उठेगा इन रहस्यों से पर्दा

चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग से ठीक पहले ISRO का चंद्रयान-2 लैंडर विक्रम से संपर्क टूट गया। अभी तक इसका पता नहीं चल पाया है, वैसे तो इसे लेकर वैज्ञानिकों की उम्मीद अभी खत्म नहीं है।

Roshni Khan
Published on: 5 April 2023 9:25 PM GMT
बहुत खास चंद्रयान के 3 दिन, अब उठेगा इन रहस्यों से पर्दा
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नई दिल्ली: चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग से ठीक पहले ISRO का चंद्रयान-2 लैंडर विक्रम से संपर्क टूट गया। अभी तक इसका पता नहीं चल पाया है, वैसे तो इसे लेकर वैज्ञानिकों की उम्मीद अभी खत्म नहीं है। शुक्रवार को देर रात चांद पर उतरने से पहले विक्रम का धरती से संपर्क टूट गया था, उस वक्त लैंडर विक्रम चांद की सतह से महज 2.1 किलोमीटर की दूरी पर था। लैंडर विक्रम के साथ क्या हुआ और वो अब कहां और किस हालत में है, अभी तक इसकी कोई जानकारी नहीं मिली है।

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वैज्ञानिकों को पूरी उम्मीद है कि तीन दिन के अंदर इस रहस्य से पर्दा उठ जाएगा। रिपोर्ट्स के अनुसार, इसरो के वैज्ञानिक 3 दिन बाद लैंडर विक्रम को ढूंढ निकालेंगे। जहां से लैंडर विक्रम का संपर्क टूटा था, उस जगह पर आर्बिटर को पहुंचने में तीन दिन का समय लगेगा।

वैज्ञानिकों के अनुसार, टीम को लैंडिंग साइट की पूरी जानकारी है। आखिरी समय में लैंडर विक्रम रास्ते से भटक गया था, इसलिए अब वैज्ञानिक ऑर्बिटर के तीन उपकरणों के जरिए उसे ढूंढने की कोशिश करेंगे।'

हम आपको बता दें कि आर्बिटर में SAR (सिंथेटिक अपर्चर रेडार), IR स्पेक्ट्रोमीटर और कैमरे की मदद से 10 x 10 किलोमीटर के इलाके को छाना जा सकता है।

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वैज्ञानिकों के अनुसार, लैंडर विक्रम का पता लगाने के लिए उन्हें उस इलाके की हाई रेजॉलूशन तस्वीरें लेनी होंगी वैज्ञानिकों ने कहा कि अगर लैंडर विक्रम ने क्रैश लैंडिंग की होगी तो वह कई टुकड़ों में टूट चुका होगा। ऐसे में लैंडर विक्रम को ढूंढना और उससे संपर्क साधना काफी कठिन भरा होगा। लेकिन अगर उसके कंपोनेंट को नुकसान नहीं पहुंचा होगा तो हाई-रेजॉलूशन तस्वीरों के जरिए उसका पता लगाया जा सकेगा।

इससे पहले इसरो चीफ के। सिवन ने भी कहा है कि अगले 14 दिनों तक लैंडर विक्रम से संपर्क साधने की कोशिशें जारी रहेंगी। इसरो की टीम लगातार लैंडर विक्रम को ढूंढने में लगी हुई है। इसरो चीफ के बाद देश को उम्मीद है कि अगले 14 दिनों में कोई अच्छी खबर मिल सकती है।

अगले 14 दिनों तक प्रयास करते रहेंगे वैज्ञानिक इसरो के चेयरमैन के। सिवन ने दूरदर्शन को दिए अपने इंटरव्यू में कहा कि हालांकि हमारा चंद्रयान 2 के लैंडर से संपर्क टूट चुका है, लेकिन वो लैंडर से दोबारा संपर्क स्थापित करने के लिए अगले 14 दिनों तक प्रयास करते रहेंगे।

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उन्होंने कहा कि लैंडर के पहले चरण को सफलता पूर्वक पूरा किया गया। जिसमें यान की गति को कम करने में एजेंसी को सफलता मिली। अंतिम चरण में आकर लैंडर का संपर्क एजेंसी से टूट गया।

7.5 सालों तक काम करेगा ऑर्बिटर सिवन ने आगे कहा कि पहली बार हम चंद्रमा के ध्रुवीय क्षेत्र का डाटा प्राप्त करेंगे। चंद्रमा की यह जानकारी विश्व तक पहली बार पहुंचेगी।

ISRO चेयरमैन ने बताया कि चंद्रमा के चारों तरफ घूमने वाले आर्विटर के तय जीवनकाल को सात साल के लिए बढ़ाया गया है। यह 7.5 सालों तक काम करता रहेगा। यह हमारे लिए संपूर्ण चंद्रमा के ग्लोब को कवर करने में सक्षम होगा।

Roshni Khan

Roshni Khan

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