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भाजपाइयों ने राज्यपाल को बताई रायबरेली मामले की हकीकत 

भारतीय जनता पार्टी के प्रतिनिधि मण्डल ने राज्यपाल  रामनाईक से मुलाकात कर रायबरेली प्रकरण पर कांग्रेस के षड़यंत्र को उनके सामने रखा।

Aditya Mishra
Published on: 16 May 2019 5:15 PM GMT
भाजपाइयों ने राज्यपाल को बताई रायबरेली मामले की हकीकत 
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लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी के प्रतिनिधि मण्डल ने राज्यपाल रामनाईक से मुलाकात कर रायबरेली प्रकरण पर कांग्रेस के षड़यंत्र को उनके सामने रखा। भाजपा ने राज्यपाल को अवगत कराया कि किस तरह कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के लोग रायबरेली में दुर्घटना को अपराध प्रचारित करके अनावश्यक दबाव बना रहे है और सरकार को बदनाम करके राजनैतिक फायदा उठाने का प्रयास कर रहे है।

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भाजपा प्रतिनिधि मण्डल ने प्रदेश उपाध्यक्ष जेपीएस राठौर व प्रदेश महामंत्री विद्यासागर सोनकर के नेतृत्व में राज्यपाल से मिलकर कहा कि इस पूरे षड़यंत्र के मूल में एमएलसी दिनेश प्रताप सिंह का श्रीमती सोनिया गांधी के विरूद्ध मजबूती से चुनाव लड़ना है। सोनिया के विरूद्ध दिनेश प्रताप सिंह चुनाव न लड़ सके इसलिए दबाव बनाते हुए कांग्रेस द्वारा उनके जिला पंचायत अध्यक्ष भाई के विरूद्ध अविश्वास प्रस्ताव प्रस्तुत कराया। श्रीमती प्रियंका गाधी की साजिश से लाया गया अविश्वास प्रस्ताव एक बार गिर चुका था जो कि नियमानुसार एक साल तक पुनः प्रस्तुत नहीं किया जा सकता था। परन्तु फिर भी लोकसभा चुनाव के बीच में दबाव बनाकर पुनः अविश्वास प्रस्ताव प्रस्तुत कराया गया और भाजपा प्रत्याशी के रूप में दिनेश प्रताप सिंह को इस अविश्वास प्रस्ताव में उलझाये रखने की कोशिश की जाती रही।

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प्रतिनिधि मण्डल के साथ पहुंचे एमएलसी दिनेश प्रताप सिंह ने भी अपना पक्ष रखते हुए राज्यपाल महोदय को बताया कि जिला पंचायत रायबरेली के अविश्वास प्रस्ताव को लेकर जो भी घटनाक्रम हुआ है वह कांग्रेस व समाजवादी पार्टी के लोगों द्वारा राजनैतिक लाभ लेने के लिए एक दुर्घटना को अपराध बताकर अफवाह बनाई गई और दुर्घटना में चोटिल लोगों से फर्जी मुकदमें पंजीकृत कराये गए। जबकि विधायक रायबरेली सुश्री अदिति सिंह की गाड़ी तेज गति में थी और अचानक सामने से आये दुपहिया वाहन के कारण ब्रेक लगाने पर उन्हीं के पीछे चल रही गाड़ियां आपस में टकराने से गाडियां पलट गई जिसमें सुश्री अदिति सिंह और उसी गाड़ी में बैठे राजेश अवस्थी घायल हो गये। अब तक की सारी विवेचनाओं और प्रत्यक्षदर्शियों के आधार पर अदिति सिंह की गाड़ी पर किसी प्रकार का कोई हमला नहीं हुआ। सिर्फ दुर्घटना में चोटे आई। राकेश अवस्थी ने अपनी एफआईआर में लिखा की मेरी गाडी में टक्कर मारी गई। जबकि 160 किमी. की गति से चलने वाली कोई गाड़ी अगर टक्कर मारेगी तो वह गाड़ी भी क्षतिग्रस्त होगी लेकिन ऐसी कोई भी गाड़ी का पता नहीं चला। विधायक की गाड़ी पर हमला होना बताया जा रहा है जबकि गाड़ी का कोई शीशा तक नहीं टूटा है।

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प्रतिनिधि मण्डल ने राज्यपाल के समक्ष विषय रखते हुए कहा कि जिला पंचायत अविश्वास प्रस्ताव के लिए सदस्यों को काफी दिनों तक कांग्रेस द्वारा मध्य प्रदेश सरकार की सुरक्षा में मध्य प्रदेश कांग्रेस के महासचिव अजय सिंह के होटल में बंधक बनाकर रखा गया था। मध्य प्रदेश से निकल कर सदस्यो को कांग्रेस के कुछ दंबग लोग साथ लेकर उत्तर प्रदेश आये। जिला पंचायत सदस्यों ने उत्तर प्रदेश में आने पर अपने परिजनों को सूचना दी और जैसे ही उनके परिजन नजदीक आते गये वह गाड़ियो से उतरकर भागे। कुछ सदस्यों ने अपने परिजनों को लखनऊ बरेली मार्ग स्थित टोल प्लाजा पर पहुंचने की सूचना दी ताकि गाड़ियों की गति धीमी होते ही वहां से भाग सके। टोल प्लाजा पर जिला पंचायत सदस्य उतरकर भागे तो बंधक बनाने वाले लोगो से उनकी झड़प व हल्की मारपीट हुई होगी। टोल प्लाजा की घटना तथा विधायक के एक्सीडेंट से एमएलसी दिनेश प्रताप सिंह तथा भारतीय जनता पार्टी के किसी भी कार्यकर्ता का किसी प्रकार का कोई लेना-देना नहीं है।

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प्रतिनिधि मण्डल ने अवगत कराया कि अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में कम से कम 27 सदस्य होने चाहिए थे परन्तु कांग्रेस व सपा के पास आवश्यक संख्या न होने के कारण उन्होंने मतदान में भाग नहीं लिया और इस हार को छिपाने के लिए अनर्गल आरोप लगाकर प्रशासन व मा. न्यायालय को गुमराह करके अनुचित लाभ लेने के उद्देश्य से दबाव बनाकर झूठे मुकदमें लिखवाये गये।

Aditya Mishra

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