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बुंदेलखंड पैकेज : राहुल ने कमलनाथ से कहा- आप कार्रवाई कीजिए
राहुल गांधी ने बुंदेलखंड इलाके में संम्पन हुई अपनी चुनावी सभा कहा, बुदेलखंड पैकेज में हजारों करोड़ रुपये दिए गए थे, इस पैकेज को भाजपा नेताओं ने बुंदेलखंड की जनता से छीन लिया। कमलनाथ जी आप कार्रवाई कीजिए और बुंदेलखंड की जनता को वह पैसा दिलाइए।
भोपाल : देश के पिछड़े इलाकों में शुमार लेकिन लहलहाते राजनीतिक फसल वाले बुंदेलखंड के लिए पूर्व की सरकार ने 7600 करोड़ का विशेष पैकेज मंजूर किया लेकिन वहां के हालात बदले नजर नहीं आते हैं। अब कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुंदेलखंड इलाके में संम्पन हुई अपनी चुनावी सभा कहा, बुदेलखंड पैकेज में हजारों करोड़ रुपये दिए गए थे, इस पैकेज को भाजपा नेताओं ने बुंदेलखंड की जनता से छीन लिया। कमलनाथ जी आप कार्रवाई कीजिए और बुंदेलखंड की जनता को वह पैसा दिलाइए।
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आपको बता दें 2008 के बाद से राहुल लगातार बुंदेलखंड आते रहे हैं यहां उन्होंने जमीनी हकीकत को काफी पास से देखा और पिछली सरकार के दौरान 7,600 करोड़ से कुछ अधिक का विशेष पैकेज मंजूर कराया।
पैकेज के तहत मध्य प्रदेश के सागर, दमोह, छतरपुर, टीकमगढ़, पन्ना और दतिया के लिए 3,860 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था। इस राशि से जल संसधान, कृषि, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, उद्यानिकी, वन, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, पशुपालन, मत्स्य-पालन, कौशल विकास आदि विभागों के जरिए सरकार को अलग-अलग काम कराने थे। बाकी का पैसा इन्हीं कामों में यूपी के बुंदेलखंड वाले इलाके में खर्च होना था।
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पैकेज में हुआ जमकर झोल
पहले आप ये जान लीजिए कि सरकारी नियमावली में प्रावधान है कि सेवानिवृत्ति के चार वर्ष बाद जिम्मेदार पर कार्रवाई नहीं की जा सकती। अब आपको बताते हैं कि खेल कैसा था, इस योजना कि जिम्मेदारी उन अफसरों को दी गई जो या तो रिटायर हो चुके थे या फिर जल्द होने वाले थे। अब कर्मचारियों-अधिकारियों की सेवानिवृत्ति के चार साल गुजर चुके हैं और उन्हें कोई सजा नहीं मिल सकती। जबकि बुंदेलखंड अभी भी तरस रहा है।
घटिया निर्माण
बांध कुछ साल में ही फट गए।
नलजल योजना की पाइप लाइनों घटिया सामग्री।
बकरी पालन के लिए बीमार बकरियां।
नहरें उन स्थानों पर बनाई जहां पानी ही नहीं।
पहाड़ों पर तालाब बना दिए।
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बड़ा घोटाला है
पैकेज के 2,000 करोड़ से अधिक खर्च हो चुके हैं। पत्थर और अन्य निर्माण सामग्री की ढुलाई के लिए जिस वाहन नंबर को ट्रक का बताया गया था, वह स्कूटी का निकला। ट्रकों के जरिए माल ढुलाई बताई गई, वह जीप और अन्य छोटे वाहनों के नंबर निकले थे।
बुंदेलखंड पैकेज के नाम पर सिर्फ अफसरों और ठेकेदारों का उद्धार हुआ। पैकेज से बड़े-बड़े गोदाम बनाए गए, जिनमें रखने के लिए अनाज नहीं है। नहरें अस्तित्वहीन हो चुकी हैं, बांध ढह गए, पेयजल योजनाओं का लाभ नहीं मिला। खेती की हालत नहीं सुधरी, लिहाजा हालात जस के तस हैं।