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सेना पर गिरे बम-गोले: भारत-अमेरिका ने कसी कमर, चीन ने किया ताबड़तोड़ हमला

अगर चीनी नौसेना युद्धकाल के दौरान अदन की खाड़ी को बंद कर देती है तो भारत समेत एशिया के कई देशों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। इसी रास्ते से होकर जहाज स्वेज नहर के रास्ते अटलांटिक महासागर होते हुए अमेरिका और कनाडा जाते हैं।

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Published on: 26 Oct 2020 12:52 PM GMT
सेना पर गिरे बम-गोले: भारत-अमेरिका ने कसी कमर, चीन ने किया ताबड़तोड़ हमला
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सेना पर गिरे बम-गोले: भारत-अमेरिका ने कसी कमर, चीन ने किया ताबड़तोड़ हमला

नई दिल्ली: भारत के खिलाफ पाकिस्तान के साथ मिलकर चीन हमेशा युद्ध की रणनीति बनाने में लगा है। मौजूदा समय में भारत और अमेरिका से चीन का तनाव जारी है। इस बीच चीन चोरी-चोरी जंग की तैयारियों में जुटा हुआ है। चीनी नौसेना ने भारत के पश्चिम में स्थित अदन की खाड़ी में लाइव फायर ड्रिल भी किया है। चीनी जंगी जहाज मिसाइलों को निशाना बनाते और नेवल गन के गोले दागते दिखाई दिए।

अगर युद्ध हुआ तो अदन की खाड़ी मुख्य भूमिका निभाएगी

अदन की खाड़ी में किया गया लाइव फायर ड्रिल के बारे में चीनी सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने बताया है और इसका वीडियो जारी किया है। जिसमें लिखा है कि चीन की 36वीं एस्कॉर्ट फ्लीट ने अदन की खाड़ी में लाइव फायर ड्रिल किया है। अदन की खाड़ी का रणनीतिक महत्व काफी अहम है। इस रास्ते से होकर दुनिया का 40 फीसदी पेट्रोलियम और गैस का निर्यात होता है।

चीनी नौसेना बंद कर सकती है अदन की खाड़ी का रास्ता

अगर चीनी नौसेना युद्धकाल के दौरान अदन की खाड़ी को बंद कर देती है तो भारत समेत एशिया के कई देशों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। इसी रास्ते से होकर जहाज स्वेज नहर के रास्ते अटलांटिक महासागर होते हुए अमेरिका और कनाडा जाते हैं। व्यापार के दृष्टिकोण से भी यह खाड़ी बड़ी अहमियत रखती है।

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आसान नहीं होगा रास्ता बंद करना

चीन के लिए अदन की खाड़ी को बंद करना इतना आसान नहीं होगा। इस क्षेत्र में चीन के जिबूती बेस के पास ही अमेरिका, फ्रांस और जापान का बेस भी मौजूद है। ये तीनों देश ही चीन के इस नेवल ब्लॉकेज के खिलाफ कड़ा एक्शन ले सकते हैं। क्योंकि, इसके सबसे बड़ा नुकसान अमेरिका को होगा। चीन अगर नेवल ब्लॉकेज लगाने में कामयाब हो जाता है तो एक तो अमेरिका की साख खत्म हो जाएगी, वहीं दूसरी ओर अमेरिका के साथ बाकी एशियाई देशों को होने वाला व्यापार प्रभावित होगा।

भारत समेत दुनिया की तेल सप्लाई लाइन को काट सकते हैं

चीन और पाकिस्तान साथ मिलकर ग्वादर से अफ्रीका में स्थित जिबूती तक नौसैनिक गश्त को बढ़ाने की तैयारी कर रहे हैं। इनके गश्ती रास्ते में होर्मुज जल संधि का क्षेत्र भी आएगा। अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) के मुताबिक, पूरी दुनिया में निर्यात होने वाले कुल कच्चे तेल का 40 से 46 फीसदी हिस्सा 'होर्मुज जल संधि' क्षेत्र से ही जाता है। ऐसे में चीन और पाकिस्तान युद्ध जैसी स्थिति में भारत समेत दुनिया की तेल सप्लाई लाइन को काट सकते हैं।

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पाकिस्‍तानी नौसेना पर अरबों डॉलर खर्च कर रहा चीन

चीन अब अरबों डॉलर के हथियार की मदद से पूरी पाकिस्‍तानी नौसेना का रंग रूप ही बदलने जा रहा है। चीन और पाकिस्तान के बीच नौसैनिक संबंध भी तेजी से बढ़े हैं। अप्रैल में ही चीन और पाकिस्तान ने अरब सागर में एक नौसैनिक अभ्यास आयोजित किया था। हाल में ही जारी सैटेलाइट तस्वीरों से भी खुलासा हुआ है कि चीनी युद्धपोतों की रक्षा के लिए पाकिस्तान ने अपनी अगोस्टा-19 बी टाइप की डीजल इलेक्ट्रिक अटैक पनडुब्बी को तैनात किया था। फ्रांसीसी मूल की यह पनडुब्बी परमाणु मिसाइल बाबर-3 को लॉन्च करने में सक्षम है।

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चीन से 8 पनडुब्बी खरीद रहा पाकिस्तान

पाकिस्तानी नौसेना अपनी ताकत को बढ़ाने के लिए चीनी डिजाइन पर आधारित टाइप 039 बी युआन क्लास की पनडुब्बी खरीद रही है। डीजल इलेक्ट्रिक चीन की यह पनडुब्बी पाकिस्तान की नौसैनिक ताकत में इजाफा करने में सक्षम है। जिसमें एंटी शिप क्रूज मिसाइल लगी होती हैं। यह पनडुब्बी एयर इंडिपैंडेंट प्रपल्शन सिस्टम के कारण कम आवाज पैदा करती है। जिससे इसे पानी के नीचे पता लगाना बहुत मुश्किल होता है।

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