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Lok sabha election 2019 कुशीनगर: चुनावी घमासान अब जोरों पर
जिले की सात में से पाँच विधान सभा क्षेत्रों को मिलाकर बने 65 - कुशीनगर संसदीय सीट के लिए आखिरी चरण यानि 19 मई को मतदान होना है । इस कारण चुनावी घमासान अब जोरों पर है ।
सूर्य प्रकाश राय
कुशीनगर: जिले की सात में से पाँच विधान सभा क्षेत्रों को मिलाकर बने 65 - कुशीनगर संसदीय सीट के लिए आखिरी चरण यानि 19 मई को मतदान होना है । इस कारण चुनावी घमासान अब जोरों पर है । नामांकन के दिन से ही लगभग हर दिन भाजपा का कोई ना कोई बड़ा नेता मोर्चा संभाले दिख रहा है तो विपक्षी दल के भी नेताओं का दौरा भी जारी है । हर दिन जिले में कहीं ना कहीं वीवीआईपी नेताओं के हेलीकॉप्टर उतरते दिख रहे हैं, गर्मी के बावजूद भीड़ नेताओं के भाषण सुनने के लिए जुट रही है ।
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2014 के चुनाव में कुशीनगर संसदीय सीट से भाजपा के राजेश पाण्डेय ने काँग्रेस प्रत्याशी और यूपीए सरकार मे गृह राज्य मंत्री रहे आरपीएन सिंह को कड़ी पटखनी दी थी । 95,540 मतों के अंतर से भाजपा ने यहाँ अपनी जीत दर्ज करायी थी । भाजपा के राजेश पाण्डेय ने 3,70,051 मत प्राप्त किए थे तो काँग्रेस के आरपीएन सिंह को 2,84,511 मत पाकर संतोष करना पड़ा था । बसपा के डॉ. संगम मिश्र को 1,32,881 मत मिल पाए थे वहीं सपा के राधेश्याम सिंह 1,11,256 ही मत पा सके ।
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वर्तमान 2019 के चुनाव में तस्वीर काफी बदली बदली सी नजर आ रही है, कारण ये है कि पिछली बार जीत का झण्डा बुलन्द करने वाली भाजपा ने प्रत्याशी परिवर्तन करते हुए विजय दूबे के रुप मे एक नया चेहरा सामने ला दिया है । वहीं सपा और बसपा एक साथ गठबन्धन फार्मूले के साथ सपा कोटे के नथुनी प्रसाद कुशवाहा को मैदान में उतार रखा है । इस चुनावी महासमर में काँग्रेस ही एक ऐसी पार्टी है जिसने अपने पुराने और पार्टी के बड़े चेहरे आरपीएन सिंह को पुनः प्रत्याशी बनाकर मैदान में उतारा है । इसके साथ ही एक महिला, एक किन्नर और नौ अन्य प्रत्याशी मैदान में डटे हुए हैं ।
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2014 के चुनाव में भाजपा की ऐतिहासिक जीत को मोदी मैजिक का नाम दिया गया था, मोदी तब घोषित प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार थे । लोकसभा 2019 के चुनाव में एक बार फिर मोदी - मोदी के नारे के साथ ही भाजपा प्रत्याशी अपनी नैया को पार लगाने में जुटे दिख रहे हैं तो एक साथ होकर मैदान में आयी सपा-बसपा, गठबन्धन फार्मूले के तहत जीत दर्ज कराने के लिए हाथ पाँव मार रही है । काँग्रेस ने साफ सुथरे छवि के अपने पुराने प्रत्याशी पर दाँव लगाकर माहौल को अपने पक्ष में करने की जुगत लगाई है ।
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सरकारी तंत्र से प्राप्त के आँकड़ों के मुताबिक इस लोक सभा क्षेत्र में ब्राम्हण 18 फीसदी से अधिक हैं, वहीं अनुसूचित 13 फीसदी तो मुसलमान 10 फीसदी है । निर्णायक भूमिका निभाने वाली इन तीन जातियों में से सिर्फ मुस्लिम मतदाताओं ने अभी तक अपनी खामोशी नही तोड़ा है जिसके कारण काँग्रेस और गठबन्धन प्रत्याशी की साँसे अटकी पड़ी है । ऐसा पहली बार दिख रहा है जब भाजपा अल्पसंख्यक वोटों में भी अपनी थोड़ी हिस्सेदारी की बात कर रहा है । पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चा के जिलाध्यक्ष असदुल्ला सिद्दीकी बताते हैं कि इस बार मोदी सरकार के विकास योजनाओं के लाभ पा चुके अल्पसंख्यक समाज के लोग भी बड़ी संख्या में भाजपा को वोट करने जा रहे हैं ।
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चुनावी जनसभाओं के दृष्टिकोण से भाजपा ने पहला स्थान बना रखा है । नामांकन के दिन ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और फिर लगातार कई बड़े नेताओं के दौरे और फिर बीते 12 तारीख को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जनसभा में उमड़ी भीड़ ने चुनावी माहौल में गरमाहट ला दी है । वही सपा बसपा गठबन्धन की ओर से यहाँ सिर्फ अखिलेश यादव ने बड़ी जनसभा में अपनी ताकत का एहसास कराया और अब साँसद धर्मेन्द्र यादव, जो बदायूँ से पार्टी प्रत्याशी भी थे, ने 11 तारीख से कुशीनगर में कैम्प कर रखा है और लगातार जनसंपर्क कार्यक्रम करते दिख रहे हैं ।
काँग्रेस की ओर से ज्योतिरादित्य सिंधिया ने एक बड़ी सभा की और 16 को राहुल गाँधी की जनसभा और 17 को प्रियंका गाँधी का 20 किमी का रोड शो क्या गुल खिलाएगा, ये 23 को मतगणना के बाद ही पता चल सकेगा । मोदी लहर की सामने आ रही बातों के बीच कुल मिलाकर इस सीट पर लड़ाई अभी त्रिकोणीय नजर आ रही है ।