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मुंबई के अस्पतालों में नई मुसीबत, अब इस तरीके से होगा कोरोना मरीजों का इलाज

कोरोना से संक्रमित मरीजों की बढ़ती संख्या के कारण देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में हालात दिन-प्रतिदिन बिगड़ते जा रहे हैं। मुंबई में हालत यह हो गई है कि कोविड अस्पतालों में मरीजों के लिए तैयार किए गए सभी साढ़े तीन हजार बेड भर गए हैं।

Dharmendra kumar
Published on: 14 May 2020 3:49 PM GMT
मुंबई के अस्पतालों में नई मुसीबत, अब इस तरीके से होगा कोरोना मरीजों का इलाज
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अंशुमान तिवारी

मुंबई: कोरोना से संक्रमित मरीजों की बढ़ती संख्या के कारण देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में हालात दिन-प्रतिदिन बिगड़ते जा रहे हैं। मुंबई में हालत यह हो गई है कि कोविड अस्पतालों में मरीजों के लिए तैयार किए गए सभी साढ़े तीन हजार बेड भर गए हैं। नए मरीजों के लिए बेड की कमी दूर करने का एक नया तरीका खोजा गया है। अब दो बेडों के बीच एक और बेड लगाकर इस कमी को पूरा किया जा रहा है। पिछले 24 घंटे के दौरान विभिन्न अस्पतालों में बेडों के बीच की दूरी को कम करके 1500 नए बेड बढ़ाए गए हैं।

कम किया दो बेडों के बीच का अंतर

जानकारों के मुताबिक मुंबई में कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या प्रशासन के लिए बड़ी मुसीबत बन गई है। अस्पतालों में कोरोना संक्रमितों के बेड फुल हो जाने के बाद दो बेडों के बीच के अंतर को कम करने का फैसला किया गया है। बेडों के बीच की दूरी को कम करने के बाद नायर अस्पताल में बेडों की संख्या बढ़कर 336 से 800, केईएम अस्पताल में 200 से 220 और सेंट जॉर्ज में 400 से 690 हो गई है। सूत्रों का कहना है कि मुंबई में जिस तेजी से मरीजों की संख्या बढ़ रही है, उसे देखते हुए प्रशासन ने यह कदम उठाया है। बीएमसी के एक अफसर का कहना है कि मरीज तो पहले से ही संक्रमित हैं। इस कारण दो बेडों के बीच के अंतर को कम करने में कोई हर्ज नहीं है।

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निजी अस्पतालों को तैयार रहने को कहा

कोरोना मरीजों के इलाज के लिए बीएमसी ने निजी अस्पतालों को भी तैयार रहने को कहा है। मुंबई के सरकारी अस्पतालों में 250 वेंटिलेटर का इस्तेमाल किया जा रहा है। निजी अस्पतालों से 200 वेंटिलेटर बेड की व्यवस्था करने को कहा गया है। बीएमसी अधिकारियों का अनुमान है कि इस महीने के अंत तAll Postsक मुंबई में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़कर 50 हजार तक पहुंच सकती है। ऐसे में बीएमसी की ओर से कोरोना मरीजों के इलाज के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की कोशिशें भी शुरू कर दी गई है।

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54 में से 40 मौतें अकेले मुंबई में

देश में कोरोना का सबसे बड़ा हमला महाराष्ट्र में ही दिख रहा है। राज्य में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या करीब 26000 तक पहुंच गई है। राज्य में बुधवार को 1495 नए मरीज मिले। यह अभी तक कोरोना मरीजों का सबसे बड़ा आंकड़ा है। मुंबई के हालात भी काफी खराब हैं। राज्य में पिछले 24 घंटे के दौरान कोरोना से 54 लोगों की मौतें हुईं और इनमें से 40 लोगों की जान अकेले मुंबई में गई है। राज्य में अब तक कोरोना से मौतों का आंकड़ा करीब एक हजार तक पहुंच चुका है।

इस इंजेक्शन के मिल रहे अच्छे नतीजे

मुंबई के विभिन्न अस्पतालों में कोरोना मरीजों के इलाज में टोसिलिजुमैब नामक दवा के इंजेक्शन का इस्तेमाल किया जा रहा है। बीएमसी अधिकारियों का दावा है कि इस इंजेक्शन को लगाने से कोरोना से संक्रमित मरीजों की स्थिति में सुधार भी आया है। उनका कहना है कि विभिन्न अस्पतालों में अभी तक 40 मरीजों पर इस इंजेक्शन का इस्तेमाल किया गया है। ये सभी मरीज कोरोना वायरस से गंभीर रूप से संक्रमित हैं और इनमें से 30 मरीजों में इस इंजेक्शन को लगाने के अच्छे नतीजे मिले हैं।

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प्रवासी मजदूरों के लिए 54 करोड़ की मंजूरी

इस बीच महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में फंसे दूसरे राज्यों के मजदूरों को उनके घर भेजने तथा दूसरे राज्यों में फंसे महाराष्ट्र के लोगों को वापस लाने के लिए 54.75 करोड़ रुपए मंजूर की है। राज्य सरकार ने फैसला किया है कि यह पैसा जिला कलेक्टरों को उपलब्ध कराया जाएगा और उन्हीं के माध्यम से मजदूरों के लिए रेल टिकट का इंतजाम किया जाएगा। सरकारी सूत्रों का कहना है कि मजदूरों की आवाजाही को आसान बनाने के लिए सरकार की ओर से यह कदम उठाया गया है।

Dharmendra kumar

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