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दरियाई घोड़ों की ऐसी प्रेम कहानी, जिसने सुना वो फूट-फूट कर रो पड़ा

पिता का सबसे करीबी दोस्त उसका बेटा ही होता है। लेकिन ये अनमोल रिश्ता तो बेजुबानों में भी होता है। जहां इंसान जुबान से अपनी भावनाएं व्यक्त करता है वहीं एक बेजुबान अपने हावभाव से. ऐसी ही एक पिता-पुत्र की जोड़ी आजकल चर्चा में है।

APOORWA CHANDEL
Published on: 8 March 2021 4:38 PM IST
दरियाई घोड़ों की ऐसी प्रेम कहानी, जिसने सुना वो फूट-फूट कर रो पड़ा
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दरियाई घोड़ों की ऐसी प्रेम कहानी, जिसने सुना वो फूट-फूट कर रो पड़ा

नई दिल्ली: परिवार में हर रिश्ता बहुत ही अनमोल होता है। उनमें से एक खास रिश्ता होता है पिता-पुत्र का। कहते हैं पिता का सबसे करीबी दोस्त उसका बेटा ही होता है। लेकिन ये अनमोल रिश्ता तो बेजुबानों में भी होता है। जहां इंसान जुबान से अपनी भावनाएं व्यक्त करता है वहीं एक बेजुबान अपने हावभाव से. ऐसी ही एक पिता-पुत्र की जोड़ी आजकल चर्चा में है। आइये जानते है कौन हैं वो।

चिड़ियाघर में पिता-पुत्र की खास जोड़ी

कानपुर के चिड़ियाघर में एक दरियाई घोड़ा लक्ष्मी को परिवहन पिंजड़े में बंद कर गोरखपुर भेज दिया गया। वहीं लक्ष्मी के जाने के बाद दरियाई घोड़ा विष्णु काफी दुखी हुआ और इसी के साथ वो सचेत भी हो गया। क्योंकि मां को गोरखपुर भेजने के बाद पिता को भी पिंजड़े में बंद कर भेजने की तैयारी की जा रही थी। लेकिन विष्णु अपने तीन साल के बच्चे जय को छोड़कर जाना नहीं चाहता था। जिस वजह से उसने पिंजड़े के पास से दूरी बना ली। वह तीन दिन तक लगाए एक पिजड़े के पास केवल एक बार ही गया, लेकिन वो उसमें फंसा नहीं।

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पिता-पुत्र का प्यार

वहीं जब विष्णु चौथी बार पिजड़े के पास पहुंचा, तो उसका बेटा जय सचेत हो गया। और पिता को बचाने के लिए खुज उसमें फंस गया। लेकिन चिड़ियाघर प्रशासन को तो विष्णु को पकड़ना था, लिहाजा उन्होंने बड़ी मुश्किल से जय को पिजड़े से बाहर निकाला। पिता-पुत्र के इस प्यार भरे रिश्ते को देखकर हर कोई भावुक हो गया। और चिड़ियाघर प्रशासन को अपना फैसला बदलना पड़ा। जिसके बाद उन्होंने दूसरे दरियाई घोड़े को वहां भेजने का फैसला लिया।

कभी प्यार-कभी तकरार

विष्णु और जय का रिश्ता बहुत ही प्यारा हैं। विष्णु अपने बेटे को डांटता भी है और उसपर जान भी छिड़कता है। ऐसे ही विष्णु ने गुस्से में एक दिन जय पर हमला कर दिया। जिसके बाद चिड़ियाघर प्रशासन ने उसे दूसरे बाड़े में डाल दिया। वहीं जब उसके अंदर पुत्र प्रेम जागा, तो वह चिल्लाने लगा। बाद में प्रशासन ने वापस उसे बाड़े में छोड़ दिया।

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