इस देश में जमीन पर नहीं होती खेती, जानिए कहां उगाते हैं लोग फल-सब्जियां

यह तकनीक धीरे-धीरे दुनिया में काफी लोकप्रिय हो रही है। इजराइल  में तो इसे खास तौर पर खेती के लिए उपयोग में लाया जा रहा है।

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 25 Sep 2020 4:15 AM GMT
इस देश में जमीन पर नहीं होती खेती, जानिए कहां उगाते हैं लोग फल-सब्जियां
X
वर्टिकल फार्मिंग यानि की दीवार पर खेती। यह तकनीक धीरे-धीरे दुनिया में काफी लोकप्रिय हो रही है। इजराइल  में तो इसे खास तौर पर खेती के लिए उपयोग में लाया जा रहा है।

लखनऊ : जब भी कभी खेती की बात की जाती हैं तो मन में आता हैं कि आजकल जमीन कितनी कम होती जा रही हैं और खेती के लिए जगह कम पड़ने लगी हैं।इससे दुनिया में खाद्य आपूर्ति हमेशा से ही चुनौतीपूर्ण रहा है।कृषि उत्पादन बढ़ाने की तकनीकों पर भी शोध चल रहे हैं। वहीं एक तकनीक ने लोगों का ध्यान आकर्षित किया है। यह तकनीक है वर्टिकल फार्मिंग यानि की दीवार पर खेती। यह तकनीक धीरे-धीरे दुनिया में काफी लोकप्रिय हो रही है। इजराइल में तो इसे खास तौर पर खेती के लिए उपयोग में लाया जा रहा है।

वर्टिकल फार्मिंग

अपने देश में कृषि के लिए बहुत जमीन है, लेकिन इजराइल जैसे देशों में जमीन की खासी कमी है, इसी समस्या से निजात पाने के लिए वहां लोगों ने वर्टिकल फार्मिंग करना सही समझा है। आधुनिक कृषि के लिए एक नया क्षेत्र हैं। इजरायल में जहां तकनीक की मदद से जमीन पर नहीं, बल्कि दीवारों पर खेती की जाती हैं। दीवारों पर ही गेहूं के साथ-साथ सब्जियां भी उगाई जाती हैं। इस तकनीक का नाम हैं वर्टिकल फार्मिंग यानी 'दीवार पर खेती करना' जो कि अब दुनियाभर में लोकप्रिय हो रही है।

यह पढ़ें..मिनी सचिवालय पर आतंकी हमला, ड्यूटी पर तैनात जवानों को बनाया निशाना

इस्रायल में कई दीवारों पर खेती

दरअसल, इजरायल और अन्य कई देशों में खेती लायक जमीन की काफी कमी है और इसी समस्या से निजात पाने के लिए वहां लोगों ने वर्टिकल फार्मिंग को अपना लिया है। इजरायल की कंपनी ग्रीनवॉल के संस्थापक पायोनिर गाइ बारनेस के मुताबिक, उनकी कंपनी के साथ गूगल और फेसबुक जैसी बड़ी कंपनियां भी जुड़ी हैं, जिनके सहयोग से इस्रायल में कई दीवारों पर वर्टिकल फार्मिंग तकनीक से खेती की जा रही है।

farmer इजराइल में दीवारों पर खेती, सोशल मीडिया से

सुंदरता भी आनाज भी

वर्टिकल फार्मिंग के तहत पौधों को गमलों में छोटे-छोटे यूनिट्स में लगाया जाता है और साथ ही यह सुनिश्चित किया जाता है कि पौधे गमलों से गिरें न। इन गमलों में सिंचाई के लिए भी विशेष प्रबंध किया जाता है। हालांकि अनाज उगाने के लिए यूनिट्स को कुछ समय के लिए दीवार से निकाल लिया जाता है और फिर बाद में उन्हें वापस दीवार में लगा दिया जाता है।अपने घर की दीवार को एक छोटा सा फार्म बनाने के मौका का विचार कई लोगों को आकर्षित कर रहा है। कई लोग इसके जरिए अपने घर की दीवार को सजावट के तौर पर इस्तेमाल करते हैं तो कुछ लोग इसके जरिए अपनी पसंद की सब्जी ऊगाने के लिए। इस पद्धति से बड़ी दीवारों पर गेहूं, चावल, जैसे अनाजों के अलावा कई तरह की सब्जियों का भी उत्पादन हो सकता है।

घर के तापमान कम रहता

इजरायल के अलावा वर्टिकल फार्मिंग यानी दीवार पर खेती की तकनीक अमेरिका, यूरोप और चीन में भी तेजी से फैल रही है। ऐसी खेती का सबसे बड़ा फायदा ये है कि दीवार पर पौधे होने से घर के तापमान में बढ़ोतरी नहीं होती और यह आसपास के वातावरण में भी नमी बनाए रखता है। इसके अलावा इससे ध्वनि प्रदूषण का असर भी कम ही होता है।

यह पढ़ें...किसानों का भारत बंद: कृषि बिल के खिलाफ चक्का जाम, इन पार्टियों का मिला समर्थन

farming इजराइल में दीवारों पर खेती, सोशल मीडिया से

इस तरह होती है खेती

इस तकनीक के सरलतम रूप में दीवार पर ऐसी व्यवस्था की जाती है की पौधे अलग से छोटे-छोटे गमलों में लगाए जाते हैं और उन्हें व्यवास्थित तरीके से दीवार पर इस तरह से रख दिया जाता है कि वे गिर न सकें। इनकी सिंचाई के लिए खास तरह की ड्रॉप इरिगेशन की तरह की व्यवस्था होती है जिससे इन पौधों को नियंत्रित तरीके से पानी दिया जाता है और इससे पौधों को दी जानी वाली पानी की मात्रा तो नियंत्रित होती है, पानी की बचत भी बहुत बचत होती है। इस पूरी सिंचाई व्यवस्था को कम्प्यूटर के जरिए नियंत्रित भी किया जा सकता है।

इजराइल के अलावा अमेरिका, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, इजराइल, चीन, कोरिया, जापान और भारत के बड़े शहरी इलाकों में तेजी से फैल रही है।

Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

Next Story