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सच या झूठः ये है कारों का कब्रिस्तान, जहां दफन हैं सैकड़ों कारें, जानें क्यों

दुनिया में किसी भी कोने में चले जाइए, जन्म और मृत्यु तय है। और सभी जगह दो ही तरीके है मौत के बाद या तो जलाया जाएगा या दफनाया जाएगा।। जिसे श्मशान या कब्रिस्तान कहते हैं। इंसानों के दफनाने की जगह तो सुने होंगे। लेकिन कभी गाडियों का कब्रिस्तान का नाम सुना है।  अगर नही सुना तो हम बता रहे है

suman
Published on: 18 Jun 2020 5:47 PM IST
सच या झूठः ये है कारों का कब्रिस्तान, जहां दफन हैं सैकड़ों कारें, जानें क्यों
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बेल्जियम: दुनिया में किसी भी कोने में चले जाइए, जन्म और मृत्यु तय है। और सभी जगह दो ही तरीके है मौत के बाद या तो जलाया जाएगा या दफनाया जाएगा।। जिसे श्मशान या कब्रिस्तान कहते हैं। इंसानों के दफनाने की जगह तो सुने होंगे। लेकिन कभी गाडियों का कब्रिस्तान का नाम सुना है। अगर नही सुना तो हम बता रहे है। दक्षिण बेल्जियम के लग्ज़मबर्ग प्रांत में एक क़स्बा है ‘चैटिलोन’। इसे कारो के कब्रिस्तान के नाम से जानते है क्योकि यहां के जंगलों में 70 साल पुरानी 500 से अधिक कारे खड़ी है। 70 सालों से एक ही जगह खड़ी सारी कारे खराब हो चुकी है और इन पर पेड़, पौधे और लताएं निकल आई है।

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अमेरिकी सैनिकों से जुड़ी कारें

आश्चर्य की बात है कि यहां इतनी सारी कारे कहां से आई इस बारे में कोई कुछ भी नहीं जानता है। वैसे तो इन कारों के बारे में यहां पर कई कहानियां है पर जो कहानी सबसे ज्यादा प्रचलित है वो इन करों का सम्बन्ध अमेरिकी सैनिकों से जोड़ती है।

सेकंड वर्ल्ड वॉर

कहते हैं कि सेकंड वर्ल्ड वॉर की समाप्ति के बाद जब अमेरिकी सैनिक वापस घर जाने की तैयारी करने लगे तो तो वो अपनी कारें अपने साथ नहीं ले जा सके। तब उन्हें चैटिलोन के जंगल अपनी कारों को छुपाने के लिए सबसे उपयुक्त लगे, क्योंकि यह एक पहाड़ी इलाका था और लोगों का यहाँ पर आना जाना बिलकुल भी नहीं था। अमेरिकी सैनिकों का विचार इन्हें यहां पर कुछ समय ही छुपाने का था। उनकी योजना अमेरिका पहुंचने के बाद वापस कारें अमेरिका मंगवाने की थी। पर ऐसा हो नहीं पाया और ये कारें यहां हमेशा के लिए रह गई।

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कुछ लोग इसे नहीं मानते

हालांकि स्थानीय लोग इस कहानी को सही नहीं बताते हैं। उनके अनुसार ये सभी कारें स्थानीय निवासियों की है। कई दशकों से ऐसा चला आ रहा है की जब भी किसी की कार खराब हो जाती है वो अपनी कार इस जंगल में खड़ी कर जाता है। लेकिन इसमें कोई सच्चाई नहीं है क्योंकि वहा खड़ी सारी कारे तक़रीबन एक ही मॉडल की है ।ह ग्रेवयार्ड केवल फोटो में ही शेष बचा है। क्योंकि दो साल पहले बेल्जियम सरकार ने इन खराब कारों से जंगल के पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रतिकूल असर को देखते हुए इन कारों को यहां से हटा दिया है।

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