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'सांडा तेल' के बारे में हम बता रहे '14 बड़ी बातें', जो कोई नहीं बताता
कोनेश्वर बाबा के दर्शन कर आगे बढ़े तो काले इमामबाड़े के सामने तंबू नजर आया। याद आया ये कल रात नहीं था यहां। दिमाग में सोया हुआ पत्रकार जाग जाता इससे पहले ही तंबू के बाहर रखा एक स्पीकर चीख-चीखकर सांडा, मूसली और शिलाजीत से नपुंसकता दूर करने के बारे में बताने लगा।
लखनऊ : आज सुबह जल्दी उठ गया, तो सोचा कुछ घूम लिया जाए। पहले बाइक निकाली। लेकिन मौसम मस्त लगा तो वापस खड़ी कर पैदल ही घंटाघर की तरफ निकल लिए। पास में ही है घर से। कोनेश्वर बाबा के दर्शन कर आगे बढ़े तो काले इमामबाड़े के सामने तंबू नजर आया। याद आया ये कल रात नहीं था यहां। दिमाग में सोया हुआ पत्रकार जाग जाता इससे पहले ही तंबू के बाहर रखा एक स्पीकर चीख-चीखकर सांडा, मूसली और शिलाजीत से नपुंसकता दूर करने के बारे में बताने लगा।
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ये सुनकर दिमाग भंड होने लगा। पूरा मूड खराब हो चुका था। वापस लौटने में ही भलाई समझी। वो क्या है कि अंदर का सोया पत्रकार जाग गया था। तो पता लगाना था कि ये सांडा क्या बला है और तेल कैसे निकलाते। और भाई साब! सबसे बड़ी बात कि सांडा नपुंसकता दूर कैसे करता है।
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तो मेहरबान बड़ी मेहनत करने के बाद जानकारी निकाल कर लाए हैं, जो उनके दिलों पर तुषारापात (भारी शब्द दे मारे हैं वो क्या है कि आपको भी लगना चाहिए कि हमारी भी भाषा पर अच्छी पकड़ है) करने वाली होगी जो अपनी मेहनत का पैसा नपुंसकता के साथ टेढ़ापन, पतलापन, छोटापन दूर करने के लिए बाबा बंगाली, बड़े जैन और हकीम चिरकन की दुकान पर फूंक आते हैं।
सांडे का तेल सांडा नाम के जीव से निकाला जाता है।
सांडा का वैज्ञानिक नाम युरोमेस्टिक हार्डवीकी है।
छिपकली जैसा होता सांडा है।
सांडा रूप रंग से डरावना लगता है लेकिन बहुत शर्मीला होता है।
सांडा राजस्थान में पाया जाता है।
सांडा को शुष्क मौसम रास आता है।
नर सांडा 2 फुट तक लंबा होता है।
अप्रैल मई में इसका प्रजनन काल होता है।
मादा सांडा एक बार में 15-20 अंडे देती है।
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सांडा बिल में रहता है और ऊपर से मिट्ठी से बिल को ढक लेता है। शिकारी इसे पकड़ने के लिए बिल में धुंआ करते हैं। जिसे सांडा सहन नहीं कर पाता और बाहर आ जाता है। फिर क्या शिकारी इसे पकड़ लेते हैं।
सांडा जी की पूंछ के पास एक थैली होती है। इसी को बर्तन में गरम कर 2-3 बूंद तेल निकाला जाता है।
हमने ना बड़े वाले डाक साब से सांडा और उसके तेल के बारे में सवाल दागे। तो उन्होंने कृष्णा सीरियल वाले भगवान जी जैसी मुस्कान सजाते हुए बताया कि भाई साब सब फर्जीवाड़ा है। बेचारे की जान मुफ्त में जा रही है। इस तेल का लिंग के सेंटीनेंस से कोई लेना देना नहीं। इस तेल में होता है पॉली अन्सेच्युरेटेड फैटी एसिड, जो जोड़ो और मांसपेशियों के दर्द में राहत देता है। अब इत्ते से दर्द के लिए किसी को मारना तो अच्छी बात नहीं।
हमने राजस्थान से पता करवाया है कि सांडा मारना गैरकानूनी है। इसको विलुप्तप्राय प्रजाति घोषित कर दिया गया है।