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कभी नहीं मरता ये जीव, अमर रहने का वरदान, बुढ़ापे के बाद होता है ऐसा

परिवर्तन प्रकृति का नियम है। एक ना एक दिन दुनिया को अलविदा कहना होगा। लेकिन हम आज आपको जिस जीव के बारे में बताने जा रहे हैं वो इस दुनिया का इकलौता जीव है जो कभी नहीं मर सकता।

Monika
Published on: 16 March 2021 11:45 AM IST
कभी नहीं मरता ये जीव, अमर रहने का वरदान, बुढ़ापे के बाद होता है ऐसा
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अमर है ये जीव, कभी नही मरता

टोक्यो : जिसने भी धरती पर जन्म लिया है उसे एक दिन मरना होता है। परिवर्तन प्रकृति का नियम है। फिर चाहे वो कुछ दिनों तक जीवित रहे या फिर कई सालों तक। एक ना एक दिन उसे भी दुनिया को अलविदा कहना होगा। लेकिन हम आज आपको जिस जीव के बारे में बताने जा रहे हैं वो इस दुनिया का इकलौता जीव है जो कभी नहीं मर सकता। इसलिए इसकी उम्र का सही अंदाज़ा भी नहीं लगाया जा सकता।

नहीं मरता ये जीव

बता दें, कि इस जीव की खासियत ये हैं कि सेक्सुअली मेच्योर होने के बाद वापस बच्चे वाली स्टेज में आ जाता है। उसके बाद वापस फिर से विकसित होता है। ये प्रोसेस चलता रहता है। इसलिए बायोलॉजिकली ये कभी नहीं मरता।

इस जीव का नाम है टूरिटॉपसिस डॉर्ह्नी (Turritopsis Dohrnii)। ये जेलीफिश की एक प्रजाति है, इसे अमर जेलीफिश (Immortal Jellyfish) भी कहते हैं। ये दिखने में बहुत ही छोटी होती है। जो विकसित होने के बाद इनके शरीर का व्यास 4.5 मिलिमीटर होता है ।

टूरिटॉपसिस डॉर्ह्नी

प्रशांत महासागर में हुआ जन्म

युवा टूरिटॉपसिस डॉर्ह्नी के 8 टेंटिकल्स आम भाषा में सूंड होते हैं। वही मेच्योर जेलीफिश के 80 से 90 टेंटिकल्स हो सकते हैं। ये आमतौर पर समुद्र की तलहटी में रहते हैं। इस जेलीफिश की कई प्रजातियां होती हैं। जो दुनिया भर में विभिन्न सागरों में पाई जाती हैं।

आपको बता दें, कि इस टूरिटॉपसिस डॉर्ह्नी का जन्म प्रशांत महासागर में हुआ। अब ये लगभग सभी सागरों में पाई जाती है। इसकी छोटी से लाइफ साइकिल होती है। यह मरता नहीं है खुद को वापस नए रूप में बदल लेता है। अगर समुद्र का तापमान 20 से 22 डिग्री है तो ये 25 से 30 दिनों में वयस्क होकर वापस बच्चा बना जाते हैं। 14 से 25 डिग्री में ये18 से 22 दिन में ही सेक्सुअली मेच्योर होकर वापस बच्चा बन जाते हैं।

टूरिटॉपसिस डॉर्ह्नी

कई जेलीफिश की उम्र तय

लेकिन आपको बता दें, कि ऐसा सारी जेलीफिश के साथ नहीं होता। ज्यादातर जेलीफिश की उम्र तय होती है। कुछ घंटों जिंदा रहती हैं, या कुछ महीनों तक। लेकिन टूरिटॉपसिस डॉर्ह्नी ऐसे एकलौती जेलीफिश है जो मरती नहीं।

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क्या खाता है ये जीव

टूरिटॉपसिस डॉर्ह्नी मांसाहारी होता है। ये जूप्लैंकटॉन्स खाता है. साथ ही मछली के अंडे ,छोटे मोलस्क इसका पसंदीदा आहार होते हैं। अपनी टेंटिकल्स यानी सूंड से शिकार करता है. ऐसा नहीं है कि टूरिटॉपसिस डॉर्ह्नी को जान का खतरा नहीं होता। इसे आमतौर पर दूसरी प्रजाति कि जेलीफिश खाना पसंद करती हैं। साथ ही मछली, कछुए, पेंग्विंस आदि खाते हैं ।

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Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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