×

कश्मीर से पाक को बड़ा नुकसान

इसीलिए उन्होंने श्रीलंकाई संसद में होनेवाले इमरान के भाषण को स्थगित कर दिया था, क्योंकि इमरान अपने भाषण में कश्मीर का मुद्दा जरूर उठाते।

Roshni Khan
Published on: 26 Feb 2021 3:37 AM GMT
कश्मीर से पाक को बड़ा नुकसान
X
कश्मीर और पाकिस्तान की राजनीति पर डॉ. वेदप्रताप वैदिक का लेख (PC: social media)

डॉ. वेदप्रताप वैदिक

लखनऊ: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान पिछले साल नवंबर में अफगानिस्तान गए थे और अब वे श्रीलंका गए हैं। उनका काबुल जाना तो स्वाभाविक था लेकिन उनके कोलंबो जाने पर कुछ पलकें ऊपर उठी हैं। कहीं ऐसा तो नहीं कि श्रीलंका की राजपक्ष-सरकार, चीन और पाकिस्तान का दक्षिण एशिया में कोई नया त्रिभुज उभर रहा है? राजपक्ष-सरकार और भारत के बीच कई वर्षों तक श्रीलंकाई तमिलों की वजह से तनाव चलता रहा है और उस काल के दौरान राजपक्ष बंधुओं ने चीन के साथ घनिष्टता भी काफी बढ़ा ली थी लेकिन इधर दूसरी बार सत्तारूढ़ होने के बाद भारत के प्रति उनकी लिहाजदारी बढ़ गई है।

ये भी पढ़ें:तलाक केस: शादी के बाद महिला ने किया घर का काम, पति देगा इतने लाख मुआवजा

श्रीलंकाई संसद में होनेवाले इमरान के भाषण को स्थगित कर दिया था

इसीलिए उन्होंने श्रीलंकाई संसद में होनेवाले इमरान के भाषण को स्थगित कर दिया था, क्योंकि इमरान अपने भाषण में कश्मीर का मुद्दा जरूर उठाते। लेकिन इमरान चूके नहीं। उन्होंने कश्मीर का मुद्दा उठा ही दिया, एक अंतरराष्ट्रीय व्यापार सम्मेलन में। इस बार इमरान ने कश्मीर पर बहुत ही व्यावहारिक और संतुलित रवैया अपनाया है। उन्होंने कहा कि कश्मीर समस्या भारत और पाकिस्तान को बातचीत से हल करनी चाहिए। यदि जर्मनी और फ्रांस- जैसे, आपस में कई युद्ध लड़नेवाले राष्ट्र प्रेमपूर्वक रह सकते हैं तो भारत और पाक क्यों नहीं रह सकते?

जिन्ना के सपनों को चूर-चूर कर दिया है

पाक कब्जेवाले कश्मीर के कई ''प्रधानमंत्रियों'' और खुद पाकिस्तान के राष्ट्रपतियों, प्रधानमंत्रियों और कई आतंकवादियों को मैं अपनी मुलाकातों में यही समझाता रहा हूं कि कश्मीर ने पाकिस्तान का जितना नुकसान किया है, उतना नुकसान दो महायुद्धों ने यूरोप का भी नहीं किया है। कश्मीर-विवाद ने पाकिस्तान की नींव को खोखला कर दिया है। जिन्ना के सपनों को चूर-चूर कर दिया है। कश्मीर के कारण पाकिस्तान युद्ध और आतंकवाद पर अरबों रू. खर्च करता है। साधारण पाकिस्तानियों को रोटी, कपड़ा, मकान, दवा और तालीम भी ठीक से नसीब नहीं है।

ये भी पढ़ें:पति ने की शारिरिक संबंध बनाने की जिद, तो पत्नी ने उठाया ऐसा कदम, उड़ जाएंगे होश

नेताओं और नौकरशाहों पर फौज हावी रहती है। इमरान खान जैसे स्वाभिमानी नेता को भीख का कटोरा फैलाने के लिए बार-बार मालदार देशों में जाना पड़ता है। पूरे कश्मीर पर कब्जा होने से पाकिस्तान को जितना फायदा मिल सकता था, उससे हजार गुना ज्यादा नुकसान कश्मीर उसका कर चुका है। बेहतर हो कि इमरान खान जनरल मुशर्रफ के जमाने में जो चार-सूत्री योजना थी, उसी को आधार बनाएं और भारत के साथ खुद बात शुरु करें। यदि वे सफल हुए तो क़ायदे-आजम मोहम्मद अली जिन्ना के बाद पाकिस्तान के इतिहास में उन्हीं का बड़ा नाम होगा।

दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Roshni Khan

Roshni Khan

Next Story