भारत के लिए अच्छी खबर

इस बैठक में अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, फ्रांस, इटली, जापान और कनाडा ने भाग लिया। इस बैठक में सबसे पहले तो सभी देशों के नेताओं ने कोरोना महामारी के बाद विश्व की अर्थ-व्यवस्था के पुनरोद्धार का संकल्प किया।

Roshni Khan
Published on: 21 Feb 2021 4:46 AM GMT
भारत के लिए अच्छी खबर
X

vadik-pratap

डॉ. वेदप्रताप वैदिक

नई दिल्ली: अमेरिका और यूरोप से भारत की दृष्टि से दो अच्छी खबरें आई हैं। एक तो अमेरिका की बेहतर वीज़ा नीति और दूसरी जी-7 राष्ट्रों की बैठक में से उभरी विश्वनीति। डोनाल्ड ट्रंप ने गोरे अमेरिकियों के वोट पटाने के लिए अपनी वीज़ा-नीति को काफी कठोर बनाने की घोषणा कर दी थी। ताकि भारतीयों का अमेरिका में जाना घट जाए और जो वहां पहले से हैं, उन्हें लौटना पड़े और वयस्क होने पर उनके बच्चे भी वहां न टिक सकें।

ये भी पढ़ें:Newstrack: एक क्लिक में पढ़ें आज सुबह 10 बजे की देश और दुनिया की बड़ी खबरें

बाइडन प्रशासन ने ट्रंप की वीजा-नीति को उलट दिया है

ट्रंप ने यह दिखाने के लिए यह किया था कि यदि अमेरिका से भारतीय लोग भागेंगे तो उनके रोजगार गोरों को मिलेंगे लेकिन ट्रंप के विरुद्ध हमारे मोदी-ट्रंप भक्तों ने भी अमेरिका में शोर मचाया तो चुनाव-अभियान के दौरान ही ट्रंप को झुकना पड़ा लेकिन बाइडन प्रशासन ने ट्रंप की वीजा-नीति को उलट दिया है। अब भारतीयों को कार्य-वीजा मिलना आसान होगा और ग्रीन कार्ड भी। बाइडन-प्रशासन की दूसरी घोषणा अमेरिका की समग्र विश्व नीति के बारे में है। यह घोषणा जी-7 देशों की दूर-बैठक (वर्चुअल मीटिंग) में हुई।

बैठक में इन देशों ने भाग लिया

इस बैठक में अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, फ्रांस, इटली, जापान और कनाडा ने भाग लिया। इस बैठक में सबसे पहले तो सभी देशों के नेताओं ने कोरोना महामारी के बाद विश्व की अर्थ-व्यवस्था के पुनरोद्धार का संकल्प किया। दूसरा, उन्होंने गरीब देशों को कोरोना का टीका बंटवाने की घोषणा की। अमेरिका ने 400 करोड़ रु. खर्च करने का वादा किया। एक विश्व-स्वास्थ्य संधि संपन्न करने पर भी विचार किया गया।

तीसरा, अमेरिका ने पेरिस-जलवायु समझौते में फिर से शामिल होने की घोषणा की। चौथा, बाइडेन ने म्युनिख सुरक्षा बैठक में कहा कि चीन की गलत और स्वार्थी नीतियों का डटकर मुकाबला किया जाएगा लेकिन बाइडन का रवैया ट्रंप की तरह आक्रामक नहीं था। पांचवाँ, नाटो के 30 सदस्य-राष्ट्रों की पीठ थपथपाते हुए बाइडन ने रूस और चीन के दांव-पेंचों से निपटने की घोषणा भी की।

ये भी पढ़ें:शाहजहांपुरः हाईटेंशन लाइन की चपेट में आने से बेटी की मौत, मां-बेटे झुलसे

छठा, ईरान के साथ ट्रंप द्वारा तोड़े गए 2015 के परमाणु-समझौते को पुनर्जीवित करने की भी घोषणा हुई। भारत को इससे काफी आर्थिक और सामरिक लाभ होगा। सातवां, जब चीन पर अमेरिका और यूरोप लोकतांत्रिक बनने का दबाव डालेंगे तो उस दबाव का असर भारत-चीन संबंधों पर पड़ेगा। भारत उसका फायदा उठा सकता है।

(लेखक, भारतीय विदेश नीति परिषद के अध्यक्ष हैं)

(यह लेखक के निजी विचार हैं)

दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Roshni Khan

Roshni Khan

Next Story