×

चीन करता भारत का घेराव

गलवान घाटी के हत्याकांड पर चीन ने चुप्पी साध रखी है। लेकिन वह भारत पर सीधा कूटनीतिक या सामरिक हमला करने की बजाय अब उसके घेराव की कोशिश कर रहा है।

Newstrack
Published on: 30 July 2020 5:24 AM GMT
चीन करता भारत का घेराव
X

डॉ. वेदप्रताप वैदिक

गलवान घाटी के हत्याकांड पर चीन ने चुप्पी साध रखी है। लेकिन वह भारत पर सीधा कूटनीतिक या सामरिक हमला करने की बजाय अब उसके घेराव की कोशिश कर रहा है। घेराव का मतलब है, भारत के पड़ौसियों को अपने प्रभाव-क्षेत्र में ले लेना ! चीन के विदेश मंत्री ने पाकिस्तान, अफगानिस्तान और नेपाल के विदेश मंत्रियों के साथ एक संयुक्त वेबिनार किया। पाकिस्तान के विदेश मंत्री कोरोनाग्रस्त हैं, इसलिए एक दूसरे मंत्री ने इस वेबिनार में भाग लिया। यह संयुक्त बैठक की गई कोरोना से लड़ने के उद्देश्य को लेकर लेकिन उसमें हुए संवाद का जितना विवरण हमारे सामने आया है, उससे क्या पता चलता है ? उसका एक मात्र लक्ष्य था, भारत को दक्षिण एशिया में अलग-थलग करना।

ये भी पढ़ें:Poco M2 Pro की सेल: फिर से खरीदने का मौका, कीमत सिर्फ इतनी, जानें फीचर्स

नेपाल और पाकिस्तान के साथ आजकल भारत का तनाव चल रहा है, चीन ने उसका फायदा उठाया। इसमें उसने अफगानिस्तान को भी जोड़ लिया है। ईरान को उसने क्यों नहीं जोड़ा, इसका मुझे आश्चर्य है। वांग ने तीनों देशों को कहा और उनके माध्यम से दक्षिण एशिया के सभी देशों को कहा कि देखो, तुम सबके लिए अनुकरण के लिए सबसे अच्छी मिसाल है- चीन-पाकिस्तान दोस्ती। इसी उत्तम संबंध के कारण इन दोनों 'इस्पाती दोस्तों' ने कोरोना पर विजय पाई है। सारी दुनिया कोरोना फैलाने के लिए चीन को जिम्मेदार ठहरा रही है लेकिन चीन उल्टा दावा कर रहा है और पाकिस्तान में कोरोना महामारी का प्रकोप दक्षिण एशिया में सबसे ज्यादा है लेकिन चीन द्वारा इस मिसाल का जिक्र इसीलिए किया गया है कि वह घुमा-फिराकर भारत-विरोध का प्रचार करे।

ये भी पढ़ें:संगीत नाटक अकादमी में वेबिनार, नौटंकी के महत्व पर हुई चर्चा

वह यह भूल गया कि भारत ने दक्षिण एशियाई देशों को करोड़ों रुपए और दवाइयां दी हैं ताकि वे कोरोना से लड़ सकें। वांग ने कोरोना से लड़ने के बहाने चीन के सामरिक लक्ष्यों को भी जमकर आगे बढ़ाया। उसने अपनी 'रेशम महापथ' की योजना में अफगानिस्तान को भी शामिल कर लिया। चीन अब हिमालय के साथ हिंदूकुश का सीना चीरकर ईरान तक अपनी सड़क ले जाएगा। यदि यह सड़क पाकिस्तानी कश्मीर से होकर नहीं गुजरती तो शायद भारत इस पर एतराज नहीं करता लेकिन असली सवाल यह है कि दक्षिण एशिया में भारत की कोई गहरी और लंबी समर-नीति है या नहीं ? वह सारे दक्षिण एशिया को थल-मार्ग और जल-मार्ग से जोड़ने की कोई बड़ी नीति क्यों नहीं बनाता ?

देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Newstrack

Newstrack

Next Story