TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

Love Story of Seema and Anju: सीमा और अंजू के प्रेम कहानी में पाक की चाल तो नहीं

Love Story of Seema and Anju: हर हालत में भारत की सुरक्षा और जांच एजेंसियों को यह गहराई से जाँच कर पता लगाना चाहिए कि सीमा कैसे भारत आ गई और अंजू भारत से पाकिस्तान कैसे चली गई।

RK Sinha
Published on: 31 July 2023 10:34 PM IST
Love Story of Seema and Anju: सीमा और अंजू के प्रेम कहानी में पाक की चाल तो नहीं
X
सीमा और अंजू के प्रेम कहानी में पाक की चाल तो नहीं: Photo- Social Media

Love Story of Seema and Anju: आजकल सोशल मीडिया पर सीमा और अंजू की मोहब्बत से जुड़ी कहानियों को चटकारे लगाकर पेश किया जा रहा है। पर इस तरफ ध्यान नहीं दिया जा रहा है कि कहीं इन दोनों के कथित इश्क में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों का कोई रोल तो नहीं है। ये आप सभी जानते हैं कि सीमा एक पाकिस्तानी महिला है। उसका ग्रेटर नोएडा के सचिन नाम के नौजवान से सोशल मीडिया पर इश्क का परवान चढ़ा तो वो अपना वतन और शौहर को छोड़कर नेपाल होते हुए अपने प्रेमी के पास आ गई। वो अपने साथ अपने बच्चों को भी ले आई। उधर, राजस्थान के भिवाड़ी में रहने वाली दो बच्चों की मां अंजू पाकिस्तान चली गई अपने प्रेमी से मिलने। वहां उसने निकाह के बाद इस्लाम धर्म को कुबूल भी कर लिया । अब अंजू हो गई है फातिमा। अंजू की फेसबुक के जरिये पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वाह प्रान्त में रहने वाले 29 साल के नसरूल्लाह से दोस्ती हुई थी, यह बताया जा रहा है ।

पहले बात सीमा की

पर यहां हम बातें करेंगे उस बड़े सवाल की, जिसकी तरफ ध्यान देने की जरूरत है। पहले बात सीमा की। सीमा बिना किसी पासपोर्ट या वीजा के नेपाल के रास्ते भारत आ गई। एक बार हम यह मान भी लेते हैं कि वह पाकिस्तान की किसी खुफिया एजेंसी से संबंध नहीं भी रखती होगी। पर एक दुश्मन देश की नागरिक का अपने चार छोटे बच्चों के साथ नेपाल से बिना किसी अवरोध या मदद के या गतिरोध ग्रेटर नोएडा तक आसानी से पहुंचना गंभीर सवाल तो खड़े करता ही है। इसी तरह से नेपाल के रास्ते पाकिस्तानी आतंकवादियों को भारत में कत्लेआम मचाने के लिए भी तो भेजा जा सकता है। उसने 2008 में मुंबई में भी तो यही तो किया था। उसके बाद मुंबई हमेशा-हमेशा के लिए बदल गयी।

26 नवंबर 2008 को पाकिस्तान के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकवादियों ने समुद्री मार्ग से मुंबई में प्रवेश किया और अचानक मुम्बई के बाजारों चौराहों पर हमला कर दिया। उस आतंकी हमले में सैकड़ों लोगों की जानें चली गईं और हजारों करोड़ रुपए की संपत्ति तबाह हो गई। इसके बावजूद पाकिस्तान में उस हमले के मास्टर माइंड खुलेआम घूम रहे हैं। अगर कोई सोच रहा है कि मुंबई हमलों के बाद सब कुछ शांत हो गया था, तो वे फिर पठानकोट और उसके बाद उरी की घटनाओं को भी जरा याद कर लें। कहने का मतलब यह है कि हमें जागना होगा। हमें याद रखना होगा कि पाकिस्तान किसी भी रास्ते से भारत की पीठ पर वार कर सकता है। क्या यह संभव नहीं है कि पाकिस्तान की ही खुफिया एजेंसियों ने ही सीमा को भारत में भेजा हो ताकि टोह ली जा सके कि हमारे निगाहबान कितने सतर्क हैं?

अंजू से फातिमा बनी महिला की कहानी

अब बात कर लें अंजू से फातिमा बनी महिला की। यह सवाल तो पूछा ही जाएगा कि उसे मजे-मजे में पाकिस्तान का वीजा कैसा मिल गया। पाकिस्तानी एंबेसी से भारतीय नागरिकों को बहुत कम वीजा ही मिलते हैं। आप कभी पाकिस्तानी एँबेसी के गेट के बाहर जाकर खुद देख लें। उनका वीजा देने वाला गेट नेहरू पार्क की तरफ है। वहां पर बुजुर्ग मुसलमान वीजा के लिए सुबह से शाम तक बैठे होते हैं। वे सरहद के उस पार अपने करीबियों को मिलने जाना चाहते हैं। पर उन्हें पाकिस्तान वीजा देने से इंकार करता रहता है। इसलिए ही ये सवाल पूछने का मन कर रहा है कि पाकिस्तान एंबेसी ने अंजू को अपने दोस्त से मिलने का वीजा कैसे दे दिया?

पाकिस्तान में मुहाजिरों के हकों के लिए लड़ने वाली मुताहिदा कौमी मुवमेंट (एमक्यूएम) के नेता अल्ताफ हुसैन 2004 में राजधानी दिल्ली आए थे। वे तब कह रहे थे कि दोनों पड़ोसी मुल्कों के संबंध खराब होने के कारण देश के बंटवारे के समय बंट गए परिवार भी हमेशा-हमेशा के लिए एक-दूसरे से दूर हो गए। कारण यह है कि अब दोनों देशों का वीजा लेना मुश्किल हो गया है। भारत तो पाकिस्तान के नागरिकों को वीजा देने में इसलिए बहुत एहतियात बरतता है, क्योंकि; वहां से पाकिस्तान भारत में आतंकी तत्वों को भेजता रहा है। हालांकि वहां से हजरत निजामउद्दीन औलिया के उर्स में भाग लेने के लिए इस बार भी बहुत से तीर्थ यात्रियों को भारत ने वीजा दिया था। पर पाकिस्तान तो भारत के लेखकों, पत्रकारों, डाक्टरों को भी वीजा देने से आनाकानी करता है। पर उसने अकेली अंजू को वीजा देने में गजब की जल्दी दिखाई। इसलिए शक तो होता है कि आखिर पाकिस्तान ने किस वजह से उसे फटाफट वीजा दिया।

एक दौर में हर साल सैकड़ों निकाह होते थे,जब दूल्हा पाकिस्तानी होता था और दुल्हन हिन्दुस्तानी। इसी तरह से सैकड़ों शादियों में दुल्हन पाकिस्तानी होती थी और दूल्हा हिन्दुस्तानी। सरहद के आरपार निकाह इसलिए बंद हो गए, क्योंकि; पाकिस्तान लगातार भारत में आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देता रहा। वीजा और फिर नागरिकता पाने के झंझट से बचने के लिए बहुत सारे लोग सीमा के उस पार अपना जीवन साथी खोजना बंद कर चुके हैं। पाकिस्तान के भारत के खिलाफ छदम युद्ध जारी रखने की नीति के कारण दोनों देशों के नागरिकों को ही सबसे ज्यादा नुकसान हुआ। मुंबई हमलों से पहले दिल्ली-मुंबई में पाकिस्तान से शायर, लेखक, फिल्मी कलाकार बराबर आते रहते थे। दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में पाकिस्तान के मशहूर शायर अहमद फराज को लगातार देखा जा सकता था। उनका एक मशहूर शेर है ‘’रंजिश ही सही, दिल ही दुखाने के लिए आ, आ फिर से मुझे छोड़ के जाने के लिए आ।’

सीमा कैसे भारत आ गई और अंजू भारत से पाकिस्तान कैसे चली गई?

खैर, हर हालत में भारत की सुरक्षा और जांच एजेंसियों को यह गहराई से जाँच कर पता लगाना चाहिए कि सीमा कैसे भारत आ गई और अंजू भारत से पाकिस्तान कैसे चली गई। इन दोनों के कथित प्रेम के पीछे का सच सामने आना ही चाहिए। पाकिस्तान हमें बार-बार नुकसान पहुंचाता रहा है। वहां पर आम लोगों की जिंदगी कठिन होती जा रही है। राजनीतिक अस्थिरता और महंगाई के कारण आम इंसान का जीना मुश्किल हो गया है। इसलिए वहां की जनता सड़कों पर आने को बेताब है। इस सच्चाई से पाकिस्तान सरकार अवगत है। इसलिए वह कुछ इस तरह का हथकंडा अपना सकती है कि पाक की जनता को उसके मूल सवालों से भटकाया जा सके।

आर.के. सिन्हा

(लेखक वरिष्ठ संपादक, स्तंभकार और पूर्व सांसद हैं)



\
RK Sinha

RK Sinha

Next Story