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घोषणा-पत्र नहीं, रिश्वत पत्र

यों तो हर चुनाव में लगभग सभी पार्टियां अपने वोट पटाने के लिए मतदाताओं को कुछ न कुछ सब्जबाग दिखाती हैं लेकिन हरयाणा के लोग ज्यादा लाग-लपेट नहीं करते हैं।

Shivakant Shukla
Published on: 12 Aug 2023 3:29 PM GMT
घोषणा-पत्र नहीं, रिश्वत पत्र
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डॉ. वेदप्रताप वैदिक

चुनाव जीतने के लिए राजनीतिक दल क्या-क्या पासे नहीं फेंकते ? हरयाणा के चुनाव में कांग्रेस और भाजपा ने जो घोषणा-पत्र या संकल्प पत्र जारी किए हैं, यदि उन्हें एक ही नाम देना चाहें तो कह सकते हैं कि हरयाणा के दलों ने अपने-अपने ‘रिश्वत-पत्र’ जारी कर दिए हैं। यों तो हर चुनाव में लगभग सभी पार्टियां अपने वोट पटाने के लिए मतदाताओं को कुछ न कुछ सब्जबाग दिखाती हैं लेकिन हरयाणा के लोग ज्यादा लाग-लपेट नहीं करते हैं।

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उन्हें जो भी करना हो या कहना है, वे साफ-साफ दो टूक कर देते हैं

उन्हें जो भी करना हो या कहना है, वे साफ-साफ दो टूक कर देते हैं। तो हम ज़रा देखें कि कांग्रेस पार्टी ने हरयाणा की जनता को कौन-कौन-से रसगुल्ले परोसे हैं। उसने सत्तारुढ़ होने के 24 घंटे के अंदर ही किसानों का कर्ज माफ करने की घोषणा की है। हर किसान को उसकी फसल की हानि पर हर्जाने के तौर पर 12000 रुपए देगी। सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा और हरयाणा की बसों में यात्रा उनके लिए मुफ्त होगी।

बेरोजगार स्नातकों को कांग्रेस सरकार 7000 रुपए प्रति माह देगी और एम.ए. पास को 10,000 रुपए प्रति माह मिलेंगे। सबसे बड़ी बात यह कि गैर-सरकारी संस्थानों के लिए यह अनिवार्य होगा कि वे अपने यहां हरयाणा के नौजवानों को 75 प्रतिशत नौकरियां दें। दलित छात्रों को 12000 और 15000 प्रति वर्ष का वजीफा मिलेगा। जाहिर है कि इन सब खैरातों को बांटने के पहले नेताओं ने यह हिसाब नहीं लगाया होगा कि इतना पैसा आएगा कहां से ? भाजपा भी पीछे क्यों रहती ? उसने भी दलितों और किसानों के लिए 3 लाख रु. का कर्ज बिना किसी गिरवी के देने की घोषणा कर दी है।

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मंहगाई-भत्ता देने की घोषणा

किसानों के कल्याण के लिए उसने 1000 करोड़ रु. रखे हैं। 25 लाख नौजवानों के रोजगार-प्रशिक्षण पर 500 करोड़ रु. खर्च किए जाएंगे। कांग्रेस ने निजी क्षेत्रों में हरयाणा के 75 प्रतिशत जवानों को रोजगार देने की बात कही तो भाजपा ने उसे 95 प्रतिशत कर दिया। बूढ़ों को 3000 रु. प्रति मास पेंशन के साथ-साथ सभी पेंशनभोगियों को मंहगाई-भत्ता देने की घोषणा हुई है।

2000 स्वास्थ्य केंद्र खोलने, कन्याओं को मुफ्त शिक्षा, औरतों को मुफ्त बस-यात्रा की भी घोषणा हुई है। दोनों पार्टियों ने मतदाताओं के फिसलपट्टियां बिछा दी हैं। उन्होंने यह नहीं बताया कि वे हरयाणा से गरीबी, गंदगी, अशिक्षा, बेरोजगारी, बीमारी आदि कैसे दूर करेंगी।

Shivakant Shukla

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