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महिलाओं का समग्र विकास: सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता

यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते, रमन्ते तत्र देवता। हमारे देश में नारी को आदिकाल से ही मान-सम्मान की दृष्टि से देखा जाता रहा है। भारतीय संस्कृति में नारी जहां जननी है, वहीं उसे पुरुष से श्रेष्ठ का दर्जा भी प्राप्त है।

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Published on: 9 March 2021 4:45 PM IST
महिलाओं का समग्र विकास: सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता
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फोटो— सोशल मीडिया

राजेश चन्द्र गुप्त

राजेश चन्द्र गुप्त (Rajesh Chandra Gupta)

यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते, रमन्ते तत्र देवता। हमारे देश में नारी को आदिकाल से ही मान-सम्मान की दृष्टि से देखा जाता रहा है। भारतीय संस्कृति में नारी जहां जननी है, वहीं उसे पुरुष से श्रेष्ठ का दर्जा भी प्राप्त है। अनेक विदुषी एवं आदर्श महिलाओं की गांथाएं आज भी उदाहरण के रूप में प्रचलित हैं। कुछ काल खण्ड को छोड़कर महिलाएं हमेशा उच्चादर्श की प्रतीक रही हैं। समय के साथ बहुत कुछ बदल जाता है। यही स्थिति महिलाओं के साथ भी रही। बदलते वर्तमान दौर में महिलाएं आज पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर बराबर आगे बढ़ रही हैं। राष्ट्रीय ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बहुत से क्षेत्रों में तो महिलाओं ने उच्चतम शिखर पर पहुंचकर पुरुषों को भी काफी पीछे छोड़ दिया है। महिलाओं के सतत विकास एवं उत्थान के लिए प्रदेश सरकार ने कई कार्यक्रम एवं योेजनाएं संचालित की हैं।

वर्तमान सरकार ने महिलाओं और बालिकाओं के सशक्तीकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाकर उन्हें हर क्षेत्र में आगे बढ़ाने एवं प्रोत्साहित करने का जो काम किया है, वह निश्चय ही समय की मांग के अनुरूप एवं प्रसंशनीय हैं। समाज सहित सभी क्षेत्रों में महिलाओं के सकारात्मक योगदान और उनकी रचनात्मक ऊर्जा का उपयोग राष्ट्रहित में करने के उद्देश्य से महत्वाकांक्षी ‘मिशन शक्ति योजना' का शुभारम्भ किया गया है, जिसमें नारी सुरक्षा-नारी सम्मान-नारी स्वावलम्बन को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। इस योजना में महिलाओं तथा बालिकाओं के विरुद्ध अपराधों में संलिप्त अभियुक्तों के खिलाफ कठोर कार्रवाई, महिलाओं/बालिकाओं की सुरक्षा व अपराधों की रोकथाम, हिंसा एवं यौन उत्पीड़न आदि के मामलों में दण्ड के प्राविधानों हेतु जागरूकता उत्पन्न करना, प्रदेश के विभिन्न विभागों के मध्य समन्वय तथा कार्यरत अधिकारियों/कार्मिकों को महिलाओं के प्रकरणों में संवेदनशील व्यवहार करना आदि इसका प्रमुख उद्देश्य है। इसके साथ ही महिलाओं/बालिकाओं की सुरक्षा, उनकी गरिमा का सम्मान, संवेदनशील मामलों में उनकी पहचान की गोपनीयता, समानतापूर्ण वातावरण प्रदान करना इस मिशन का लक्ष्य भी है।

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सरकार ने लैंगिक समानता के तहत स्त्रियों को पुरुषों के बराबर अधिकार दिए हैं। महिलाओं को पुरुषों के समान मानव अधिकार, सामाजिक-आर्थिक तथा सांस्कृतिक अधिकार और विकास योजनाओं के लाभ हेतु पात्रता प्रदान की गई है। महिलाएं भी राजनीतिक जीवन में आवाज बुलन्द कर भागीदारी कर सकती हैं। इसके परिणामस्वरूप न्यायपूर्ण तथा भेदभाव रहित आदर्श समाज की स्थापना और राष्ट्र को विशेष बल मिलेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा शुरू की गई मिशन शक्ति योजना से निश्चित ही समाज पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। महिलाओं में सुरक्षा एवं आत्म सम्मान के प्रति सामाजिक जागरूकता और चेतना में भी वृद्धि हुई है। नारी सुरक्षा, सम्मान, स्वावलम्बन, सशक्तीकरण हेतु संचालित विभिन्न योजनाओं तथा कार्यक्रमों को गति मिली है। सभी विभागों में महिलाओं के कल्याण एवं उत्थान हेतु लाभप्रद योजनाओं के संचालन से महिलाएं उनका फायदा उठाकर सतत विकास के पथ पर अग्रसर हो रही हैं और बेहतर जीवन जीने के लिये आर्थिक रूप से सशक्त भी हो रही हैं। महिलाएं आज घर की चहारदीवारी से बाहर निकलकर अपनी नेतृत्व क्षमता का विकास कर शैक्षणिक एवं आर्थिक उन्नयन के पायदानों को तेजी से पार कर रही हैं। साथ ही महिलाएं शिक्षित और प्रशिक्षित होकर विकास की मुख्यधारा से जुड़कर कर्मठता एवं लगनशीलता की भूमिकाएं निभा रही हैं।

मिशन शक्ति योजना में शासन, प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन के सकारात्मक व्यवहार के फलस्वरूप महिला अपराधों में काफी कमी आई है। शहरी और ग्रामीण इलाकों में पुलिस की गश्त बढ़ने से महिलाओं में सुरक्षा की भावना काफी बलवती हुई है। स्कूलों और सार्वजनिक स्थलों पर पिंक पुलिस बूथ बनाकर पुलिस की ड्यूटी भी लगाई गई है। कुटुम्ब योजना के लागू होने से महिला अपराधों पर अंकुश लगा है। महिला सम्बंधी अपराधों में और कमी लाने के लिये महिला हेल्प डेस्क की योजना शुरू की गई है। 112 व 1090 के तहत प्राप्त होने वाली शिकायतों पर त्वरित निस्तारण सुनिश्चित किया जा रहा है। सार्वजनिक स्थानों पर कैमरे लगाये जाने से भी अपराधों पर नियन्त्रण हुआ है।

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मिशन शक्ति योजना को प्रभावी रूप से संचालित करने के उद्देश्य से महिलाओं और किशोरियों के अधिकाधिक सशक्तीकरण, बाल विवाह उन्मूलन तथा बाल अधिकारों के लिये बाल संरक्षण कार्य योजना का भी शुभारम्भ किया गया है। इससे महिलाओं और किशोरियों के सशक्तीकरण को बल मिला है। प्रदेश में मिशन शक्ति हेल्प लाइन के संचालन से पीडि़त महिलाओं तथा किशोरियों के पक्ष में आवाज बुलन्द हुई है। हेल्प लाइन व्यवस्था से जहां लोगों में जागरूकता बढ़ी है, वहीं महिलाओं को भी अपने कर्तव्यों के निर्वहन में सुगमता हुई है। महिलाओं और बच्चों के प्रति हिंसा और अपराध करने वालों की पहचान उजागर करने के काम शुरू किये गये। महिला हेल्प लाइन नम्बर 181, वीमेन पावर लाइन 1090, चाइल्ड हेल्प लाइन 1098 तथा आपात सेवा हेल्प लाइन नम्बर 112 पर प्राप्त शिकायतों का त्वरित निस्तारण किया गया है।

राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी स्कूल/कॉलेजों में छात्राओं की झिझक दूर करने तथा उनकी प्रतिभा का प्रदर्शन करने के लिये निरन्तर प्रोत्साहित करने की दिशा में सार्थक पहल की है, जिससे जनपद/प्रदेश स्तर पर अपनी दक्षता और क्षमता का वे खुलकर परिचय दे सकें और समाज में अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर सकें। सरकार ने बालिकाओं को विभिन्न क्षेत्रों में शीर्ष अधिकरियों के साथ सबसे ऊंची कुर्सी पर आसीन कराकर उन्हें नेतृत्व क्षमता एवं निर्णय लेने के लिये प्रेरित किया, जिसकी सर्वत्र प्रसंशा हुई और बालिकाओं में आत्म विश्वास की भावना भी विकसित हुई।

राज्य सरकार ने महिलाओं/बालिकाओं को शिक्षित कर उन्हें आत्म निर्भरता के साथ ही आत्म विश्वास से लवरेज करते हुये आत्म सम्मान से जीवन यापन करने एवं परिवार को खुशहाल बनाने हेतु अनेक ऐसे महिला हितार्थ योजनाएं एवं कार्यक्रमों को संचालित किया है, जो महिलाओं के उत्तरोत्तर विकास में सार्थक हैं। आज महिलाएं महिला उत्थान सम्बंधी योजनाओं का लाभ उठाकर विकास के पथ पर निरन्तरता से अग्रसर हो रही हैं, हर क्षेत्र में अपनी पहचान दर्ज करा रही हैं। महिलाओं के विकास की योजनाओं को हर स्तर पर प्राथमिकता से लागू कर सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह महिलाओं के समग्र विकास के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

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राज्य सरकार द्वारा महिलाओं एवं बालिकाओं के कल्याण के लिये विशेष अभियान भी समय—समय पर चलाए जा रहे हैं, जिसके कारण आज उनके प्रति सकारात्मक परिवर्तन एवं लोगों की सोच में बदलाव देखने को मिल रहा है। अब महिलाएं भी अपनी समस्याओं को खुलकर हर स्तर पर साझा करने लगी हैं। महिलाओं और बालिकाओं ने यौन शोषण, लैंगिग असमानता, घरेलू हिंसा, कन्या भ्रूण हत्या, स्कूल के आसपास शराब की दुकानों, सेनेटरी पैड की वेंडिग मशीन, कार्यस्थल पर लैंगिक हिंसा, दहेज उत्पीड़न जैसे तमाम मुद्दों पर अपनी बात कहने लगी हैं। महिला कल्याण विभाग द्वारा सोशल मीडिया हैण्डलर्स को भी सक्रिय बनाया गया है, जिससे जन सामान्य से वे सीधे जुड़ कर अपने दायित्वों का भलीभांति निर्वहन कर सकें।

इतना ही नहीं, अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर महिला हेल्प डेस्क के माध्यम से पात्र महिलाओं को आवासीय पट्टा, अभिलेखों का वितरण, तहसील स्तर पर विशिष्ट उपलब्धियां हासिल करने वाली महिलाओं का सम्मान, बालिकााओं के नाम पर पौधरोपण, ग्राम सभा में हाई स्कूल/इण्टरमीडिएट में सर्वोच्च अंक पाने वाली बालिकाओं के नाम पर तालाब का नामकरण, वरासत अभियान के दौरान दर्ज महिला खातेदारों, महिला सह खातेदारों को खतौनी की नकल का निःशुल्क वितरण तथा उत्कृष्ट कार्य हेतु महिला राजस्व कर्मियों एवं महिला लेखपालों का सम्मान जैसे कार्यक्रमों का आयोजन महिलाओं के सशक्तीकरण की दिशा में महत्वपूर्ण रहा है। इसी प्रकार विभिन्न विभागों द्वारा महिलाओं के सशक्तीकरण में अनेक योजनाएं एवं कार्यक्रम भी संचालित किये जा रहे हैंं।

नारी सुरक्षा, नारी सम्मान नारी स्वावलम्बन की दिशा में मिशन शक्ति योजना से महिलाओं एवं बालिकाओं के समग्र विकास से जहां नई गति और नया उत्साह का संचार महिलाओं में हो रहा है, वहीं महिलाएं पुरूष प्रधान समाज की छाया से निकलकर और स्वावलम्बी हो रहीे हैं, राष्ट्र और समाज के उत्थान में अपनी शक्ति का भरपूर प्रदर्शन कर रही हैं और अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उद्देश्य को भी सार्थक बनाने में महती भूमिका निभा रही हैं। यही नहीं, सशक्त महिलाएं अन्य महिलाओं तथा बालिकाओं का निरन्तर पथ प्रशस्त करने के लिये प्रेरित भी कर रही हैं।

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मिशन शक्ति योजना के अलावा महिलाओं के सशक्तीकरण तथा पूर्ण सामाजिक सुरक्षा सुलभ कराने के लिए अन्य योजनाएं एवं कार्यक्रम भी प्रारम्भ किये गये हैं, जिनमें बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, वन स्टाप सेन्टर, (आपकी सखी), महिला शक्ति केन्द्र उज्ज्वला तथा स्वाधार गृह, बाल संरक्षण सेवा, महिला हेल्प लाइन, रानी लक्ष्मीबाई महिला एवं बाल सम्मान कोष, पीडि़तों अथवा उनके आश्रितों हेतु पीडि़त क्षतिपूर्ति योजना आदि अनेक महिला उत्थानपरक योजनाएं हैं। पंचायत स्तर पर बैंकिंग सहित अन्य योजनाओं में सहयोग करने के लिए तथा गांवों की घरेलू महिलाओं का मार्गदर्शन करने अथवा उनके कार्यों को करवाने हेतु ‘वीसी सखी’ योजना शुरू की गई है। इसका प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप में लाभ महिलाओं को मिलेगा। इस प्रकार इन योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन होने पर निश्चित ही महिला सशक्तीकरण के क्षेत्र में नये आयाम स्थापित होंगे और भविष्य में ये योजनाएं महिलाओं के सर्वागीण विकास में मील का पत्थर साबित होंगी।

(यह लेखक का निजी विचार है)



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राघवेंद्र प्रसाद मिश्र जो पत्रकारिता में डिप्लोमा करने के बाद एक छोटे से संस्थान से अपने कॅरियर की शुरुआत की और बाद में रायपुर से प्रकाशित दैनिक हरिभूमि व भाष्कर जैसे अखबारों में काम करने का मौका मिला। राघवेंद्र को रिपोर्टिंग व एडिटिंग का 10 साल का अनुभव है। इस दौरान इनकी कई स्टोरी व लेख छोटे बड़े अखबार व पोर्टलों में छपी, जिसकी काफी चर्चा भी हुई।

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