×

आतंकियों से प्यार और सरकार से सवाल

यूपी विधानसभा सत्र के दौरान नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी की तरफ से पूछे गए सवालों पर मुझे हैरानी हुई है। आज मैंने अख़बारों में छपी नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी का बयान पढ़ा।

raghvendra
Published on: 3 March 2021 1:43 PM GMT
आतंकियों से प्यार और सरकार से सवाल
X
फोटो— सोशल मीडिया

बृजलाल

बृजलाल

यूपी विधानसभा सत्र के दौरान नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी की तरफ से पूछे गए सवालों पर मुझे हैरानी हुई है। आज मैंने अख़बारों में छपी नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी का बयान पढ़ा। उन्होंने 2 मार्च, 2021 को विधानसभा में भाजपा के मंत्री से पूछा- ‘मंत्री यह दिखायें की सपा ने किन आतंकियों के मुक़दमे वापस लेने के आदेश दिए थे। अब समाजवादी पार्टी को मैं बताऊंगा कि उन्होंने तुष्टिकरण की राजनीति में न केवल आतंकियों को संरक्षण दिया अपितु हत्या, टाडा (TADA) जैसे मुक़दमे वापस लिए। कुछ बानगी।

1- 26 जनवरी, 1993 को मेरठ में पीएसी की टुकड़ी पर चायनीज़ ग्रीनेड से हमला हुआ था। मुक़दमा अपराध संख्या 56/94 धारा 302/307/427/286 आईपीसी, धारा 5/6 विस्फोटक अधिनियम और धारा 3/4 टाडा (Terrorism and Disruptive activities’ Prevention’ Act) थाना सिवल लाइन मेरठ में लिखा गया था। इस घटना में 41वीं वाहिनी ग़ाज़ियाबाद के हवलदार महेंद्र शर्मा मारे गये थे और सिपाही प्रमोद घायल हुए थे। मैं एसएसपी था और मैंने अब्दुल ज़ब्बार, मोहम्मद अयूब सहित सात आतंकियों को 2.250 किग्रा आरडीएक्स, चायनीज़ स्टिक और प्लास्टिक ग्रीनेड के साथ गिरफ़्तार किया था। वर्ष 1993 के अंत में मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने तुष्टिकरण की राजनीति में यह मुक़दमा वापस लिया, परंतु अदालत ने अनुमति नहीं दी और आतंकियों को आजीवन कारावास की सजा दी।

इसे भी पढ़ें: यूपी पंचायत चुनाव: जौनपुर में आरक्षण की सूची जारी, इन जातियों को मिली मायूसी

फोटो— सोशल मीडिया

2- 23 नवंबर, 2007 को लखनऊ, वाराणसी और अयोध्या की कचहरियों में बम विस्फोट हुए, जिनमें एक दर्जन से अधिक वकील और वादकारी मारे गये थे। मेरे निर्देशन में HUZI के आतंकवादी ख़ालिद मुज़ाहिद मड़ियाहु जौनपुर और हकीम तारिक क़ासमी आज़मगढ़ को बाराबंकी से गिरफ़्तार किया गया था। अखिलेश सरकार ने इन आतंकियों के कोतवाली बाराबंकी का मुक़दमा वापस ले लिया। इसी बीच आतंकी ख़ालिद की अयोध्या कोर्ट में पेशी से आते समय बाराबंकी में लू लगने से मौत हो गयी। अखिलेश यादव ने मेरे सहित 42 पुलिसकर्मियों पर हत्या का मुक़दमा क़ायम करवा दिया और मुझे जेल भेजने का प्रयास किया।

कोर्ट ने समाजवादी सरकार की तरफ से दोनों आतंकियों के मुक़दमा- वापसी को ग़लत ठहराया और सुनवाई करके आतंकी हकीम तारिक को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इसके बाद उसे तीन विस्फोट करने की घटनाओं में भी आजीवन कारावास की सजा मिली। इसके बाद भी विधानसभा में राम गोविंद चौधरी बोल रहे हैं कि भाजपा बताये कि आतंकियों के कौन मामले उनकी सरकार ने वापस लिए?

(लेखक भाजपा से राज्यसभा सदस्य हैं)

इसे भी पढ़ें: रॉकेट हमले में उड़ी सेना: इरान में एयरपोर्ट को बनाया निशाना, ताबड़तोड़ हुए धमाके

raghvendra

raghvendra

राघवेंद्र प्रसाद मिश्र जो पत्रकारिता में डिप्लोमा करने के बाद एक छोटे से संस्थान से अपने कॅरियर की शुरुआत की और बाद में रायपुर से प्रकाशित दैनिक हरिभूमि व भाष्कर जैसे अखबारों में काम करने का मौका मिला। राघवेंद्र को रिपोर्टिंग व एडिटिंग का 10 साल का अनुभव है। इस दौरान इनकी कई स्टोरी व लेख छोटे बड़े अखबार व पोर्टलों में छपी, जिसकी काफी चर्चा भी हुई।

Next Story