×

राजनीति ही सही, यूपी में किसानों की अभी और चांदी कटेगी

डीएम सीधे राज्य सरकार के लिए काम करता है। वह होता तो भारत सरकार का कर्मचारी लेकिन अधीनता राज्य सरकार की रहती है। यूपी में योगी सरकार ने धान खरीदने के लिए अच्छा प्रयास किया।

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 3 Dec 2020 2:53 PM GMT
राजनीति ही सही, यूपी में किसानों की अभी और चांदी कटेगी
X
विधानसभा चुनाव फरवरी 2022 के आसपास होने हैं लेकिन तैयारी अभी से शुरू हो गई है। किसानों को लुभाने का दौर जारी है। पंजाब के किसान भले आंदोलन कर रहे हों लेकिन यूपी के किसान कुछ खास हल्ला नहीं मचा रहे हैं।

पुतान सिंह

लखनऊ: यहां हम बात देश भर की नहीं बल्कि सिर्फ उत्तर प्रदेश की कर रहे हैं। यहां एमएसपी पर धान बेचने के लिए किसानों को ज्यादा पापड नहीं बेलने पडे। वजह, यहां कुछ माह बाद चुनाव का शंखनाद होने वाला है। वैसे विधानसभा चुनाव फरवरी 2022 के आसपास होने हैं लेकिन तैयारी अभी से शुरू हो गई है। किसानों को लुभाने का दौर जारी है। पंजाब के किसान भले आंदोलन कर रहे हों लेकिन यूपी के किसान कुछ खास हल्ला नहीं मचा रहे हैं। कारण कई हो सकते हैं।

चुनाव के समय लाभ

बडा कारण यूपी का किसान आम तौर पर खुद को हमेशा परेशान रहने की परंपरा मान चुका है। अगर चुनाव के समय लाभ मिल जाता है तो उसे अम्रत लगता है। जरा एमएसपी के पिछले आंकडों पर नजर डालते हैं। समझ में आ जाएगा कि भाजपा वोट पाने के लिए तुरूप के पत्ते फेंकने में बहुत माहिर है। मोदी ने ये नब्ज पकड कर रखी है। यहां त्वरित लाभ और धर्म की राजनीति सिर पर मंडराती है। दोनों मुददे पर भाजपा मुखर रहती है। फिलहाल, यहां त्वरित लाभ पर नजर डालते हैं।

यह पढ़ें...झारखंड में PLFI का आतंक, पुलिस के कब्जे में सबजोनल कमांडर

2018..19 में सरकार ने धान की एमएसपी में दो सौ रूपये प्रति क्विंटल की बढोत्तरी की थी। 1550 से 1750 कर दिया था। क्योंकि किसानों से वोट लेना था। इसके बाद 2019..20 में एमएसपी में सिर्फ 75 रूपये की बढोत्तरी की। 1750 से बढ कर 1815 रूपये हो गया। क्योंकि मोदी को वोट नहीं लेना था। इसके बाद 2020..21 में तो सिर्फ 53 रूपये की बढोत्तरी की गई। अब सामान्य धान की एमएसपी 1868 रूपये है। क्योंकि इस समय भी वोट नहीं लेना है। पिछले बीस साल में धान की एमएसपी में अगर उछाल देखेंगे तो बढोत्तरी जिस तरह कांग्रेस सरकार ने की उसी तरह मोदी सरकार ने।

गेहूं और धान की एमएसपी में भारी बढोत्तरी

मोदी सरकार ने सिर्फ लोकसभा चुनाव के मददेनजर एकदम से 200 रूपये बढा दिए। वोट लेने के लिए ही सही, किसानों को लाभ मिला। बात अगर चुनाव पर ही अटकती है तो किसानों के लिए 2021..22 बहुत शुभ होने वाला है। यूपी और पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव होने हैं। चुनाव के मददेनजर मोदी सरकार गेहूं और धान की एमएसपी में भारी बढोत्तरी कर सकती है। क्योंकि भाजपा के लिए यूपी में पहले से भी बेहतर जीत दर्ज करना बेहद जरूरी हो गया।

FARMER

पश्चिम बंगाल में अगर हार भी गए तो भी बहाने तमाम मिल जाएंगे पर यूपी में अगर 2017 के मुकाबले चार सीटें भी कम मिलीं तो 2024 का दर्द अभी से शुरू हो जाएगा। इस नाते दर्द न हो, पहले से ही दर्द निवारक दवा की तरह एमएसपी में भारी बढोत्तरी होने वाली है। दूसरी तरफ एक बात और साफ है। इस बार वे किसान भी सरकारी केंद्र पर धान बेचने में सफल हुए हैं जो कभी केंद्र पर जाते ही नहीं थे। यह कम से कम यूपी में देखने को मिला है।

किसानों से अनाज की खरीद

दरअसल सरकारी केंद्र पर आम किसानों से अनाज की खरीद वहां की राज्य सरकार पर भी निर्णय करता है। अगर डीएम सख्ती न बरते तो केंद्र प्रभारी खरीद नहीं करते, केंद्र खुलते ही नहीं। डीएम सख्त है तो फिर केंद्र भी खुलते हैं और खरीद भी होती है। डीएम सीधे राज्य सरकार के लिए काम करता है। वह होता तो भारत सरकार का कर्मचारी लेकिन अधीनता राज्य सरकार की रहती है। यूपी में योगी सरकार ने धान खरीदने के लिए अच्छा प्रयास किया।

यह पढ़ें...दमदार किसान महिला नेता: बैठक में ऐसी भूमिका, दलीलों से छूटे अधिकारियों के पसीने

बिचैलियों को ज्यादा गुंजाइश नहीं दी गई। यही सख्ती अगले गेहूं और धान की फसल के दौरान रहने के आसार हैं, जाहिर है फायदा किसान का होगा। इसके अलावा किसानों के खातों में दो हजार रूपये प्रति तिमाही तो आ ही रहे हैं। यूपी के गांव में सामान्य किसान से बात करिये, केंद्र की मोदी और यूपी की योगी सरकार पर लटटू हैं।

Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

Next Story