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यह जासूसी कौन करवा रहा है?

इस्राइल की एनएसओ नामक एक साॅफ्टवेयर कंपनी की एक जबर्दस्त तिकड़म अभी-अभी पकड़ी गई है। इस कंपनी ने दुनिया के लगभग आधा दर्जन देशों के 1400 लोगों के फोन टेप करने उनके व्हाट्साप संदेशों को इकट्ठा कर लिया है।

Dr. Ved Pratap Vaidik
Published on: 2 Nov 2019 12:36 PM IST
यह जासूसी कौन करवा रहा है?
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डॉ. वेदप्रताप वैदिक

लखनऊ: इस्राइल की एनएसओ नामक एक साॅफ्टवेयर कंपनी की एक जबर्दस्त तिकड़म अभी-अभी पकड़ी गई है। इस कंपनी ने दुनिया के लगभग आधा दर्जन देशों के 1400 लोगों के फोन टेप करने उनके व्हाट्साप संदेशों को इकट्ठा कर लिया है। सारी दुनिया में यह माना जाता है कि व्हाट्साप पर होनेवाली बातचीत या भेजे जानेवाले संदेशों को कोई टेप नहीं कर सकता लेकिन अब यह भ्रम टूट चुका है।

ये भी देखें:कमलेश तिवारी हत्याकांड का दाऊद इब्राहिम कनेक्शन! सामने आया सनसनीखेज खुलासा

विवाद में भारत भी घिरा है

इस विवाद में भारत भी घिर गया है। भारत के ऐसे कई पत्रकारों, प्रोफेसरों, समाजसेवियों और वकीलों के नाम उजागर हुए हैं, जिनके मोबाइल फोनों को अप्रैल-मई के महीनों में टेप किया गया है। इस गुप्त षड़यंत्र का कनाडा के टोरंटो विश्वविद्यालय के 'सिटीजन लेब' ने भांडाफोड़ कर दिया है। भारत में अब नया विवाद उठ खड़ा हुआ है। कांग्रेस का आरोप है कि यह घृणित काम मोदी सरकार ने करवाया है। नागरिकों की निजता और गोपनीयता भंग करने के लिए भाजपा सरकार विदेशी एजेन्सियों का इस्तेमाल कर रही है।

16 भारतीयों लोगों को टेप किया गया है

जिन 16 भारतीय लोगों को टेप किया गया है, वे सभी या तो दलित हैं या वामपंथी हैं या सरकार विरोधी लोग हैं। इन लोगों पर जासूसी करने के लिए सरकार ने 'पेगासुस' नामक इस्राइली साॅफ्टवेयर खरीदा है। सरकार ने इन आरोपों को बिल्कुल झूठा बताया है और 'व्हाट्साप' से सारे मामले पर सफाई मांगी है। विरोधी नेताओं का कहना है कि उस इस्राइली कंपनी का बयान पढ़िए। वह कहती है कि हम नागरिकों की निजता भंग नहीं करते हैं बल्कि सिर्फ सरकारों को अपना साॅफ्टवेयर बेचते हैं ताकि अपराधियों और देशद्रोहियों को वे पकड़ सकें। यदि यह सच है तो मोदी सरकार बड़ी मुसीबत में फंस सकती है।

वे लोग सरकार-विरोधी जरुर हैं

इसकी संभावना कम ही है, क्योंकि इस तरह की जासूसी निगरानी तो भारत सरकार खुद कर सकती है, कुछ कानून-कायदों के तहत लेकिन हो सकता है कि व्हाट्साप संदेश उसकी पकड़ के बाहर रहे हों। इस तरह की जासूसी 10 लोगों पर करने के लिए एनएसओ कंपनी सिर्फ 5 से 10 करोड़ रु. तक लेती है। जिन लोगों पर जासूसी की गई है, वे लोग सरकार-विरोधी जरुर हैं लेकिन वे इतने खतरनाक नहीं है कि उन पर विदेशी जासूस कंपनी को लगाया जाए। यदि भारत सरकार को यही करना था तो उसके लिए असली खतरा पैदा करनेवाले कई दूसरे लोग हैं। यह मामला काफी उलझा हुआ है। यह तूल पकड़ेगा जरुर लेकिन भारतीय और अमेरिकी अदालतें भी इस पर क्या कहती हैं, यह जानने की उत्सुकता बनी रहेगी।

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अभी तक पता नहीं चला है ये जासूसी किसने करवाई है

अभी तक ठीक से पता नहीं चला है कि यह जासूसी कौन करवा रहा है और यह भी पता नहीं कि सिर्फ इन दर्जन भर मामूली लोगों पर ही यह जासूसी हो रही है। कहीं यह सूची बहुत लंबी न हो ?

Dr. Ved Pratap Vaidik

Dr. Ved Pratap Vaidik

डॉ. वेद प्रतापवैदिक अपने मौलिक चिंतन, प्रखर लेखन और विलक्षण वक्तृत्व के लिए विख्यात हैं।अंग्रेजी पत्रकारिता के मुकाबले हिन्दी में बेहतर पत्रकारिता का युगारंभ करनेवालों में डॉ.वैदिक का नाम अग्रणी है।

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