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अजीत पवार का सुप्रीम कोर्ट में दावा- मैं ही असली एनसीपी, राज्यपाल को दिया पत्र सही

महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजीत पवार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वही असली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) हैं और पार्टी के 54 विधायकों ने राज्य में सरकार गठन के संबंध में अपनी ओर से फैसला लेने के लिए उन्हें अधिकृत किया है।

Aditya Mishra
Published on: 25 Nov 2019 9:46 PM IST
अजीत पवार का सुप्रीम कोर्ट में दावा- मैं ही असली एनसीपी, राज्यपाल को दिया पत्र सही
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नई दिल्ली: महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजीत पवार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वही असली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) हैं और पार्टी के 54 विधायकों ने राज्य में सरकार गठन के संबंध में अपनी ओर से फैसला लेने के लिए उन्हें अधिकृत किया है।

एनसीपी के अनुभवी नेता शरद पवार के भतीजे अजीत पवार ने शीर्ष अदालत को बताया कि "परिवार में झगड़ा जल्द ही सुलझ जाएगा"।

जस्टिस एन वी रमना, अशोक भूषण और संजीव खन्ना की पीठ के समक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह ने अजीत पवार का प्रतिनिधित्व करते हुए कहा कि भाजपा के साथ सरकार बनाने के लिए राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को दिया गया समर्थन पत्र "तथ्यात्मक और कानूनी रूप से सही है"।

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मैं राकांपा हूं...

श्री सिंह ने कहा "मैं राकांपा हूं। मेरे द्वारा दिया गया पत्र तथ्यात्मक रूप से सही है। इस पत्र का खंडन करने के लिए कुछ भी नहीं है। मैं अपनी पार्टी के 54 विधायकों द्वारा विधायक दल के नेता के रूप में अधिकृत किया गया था " मैंने वह पत्र राज्यपाल को दिया। मेरे परिवार में जो झगड़ा है, उसे जल्द ही सुलझा लिया जाएगा, लेकिन यह याचिका अब समाप्त होनी चाहिए। "

उन्होंने कहा कि शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस द्वारा शीर्ष अदालत में दायर याचिका में भी कहा गया है कि वह एक राकांपा नेता हैं और उन्होंने मुझे (अजीत पवार को) पार्टी के रूप में भी शामिल किया है।

शीर्ष अदालत ने सिंह से पूछा कि बहुमत साबित करने के लिए विधानसभा में फ्लोर टेस्ट के सवाल पर उनका क्या कहना है। सिंह ने जवाब दिया कि फ्लोर टेस्ट के मुद्दे पर वह मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी की दलील को अपनाएंगे, कि राज्यपाल के विवेकाधीन अधिकार पर अदालत सदन के फ्लोर पर बहुमत साबित करने के लिए कहकर हस्तक्षेप नहीं कर सकती।

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मुकुल रोहतगी ने कही ये बात

रोहतगी ने कहा कि फडणवीस के पास अजीत पवार के 170 विधायकों के समर्थन का पत्र था और उसके बाद उन्होंने राज्य सरकार बनाने का दावा पेश किया। उन्होंने कहा, "ऐसा कोई भी मामला नहीं है कि फडणवीस ने राज्यपाल को जो दस्तावेज सौंपे हैं, वे जाली हैं।"

रोहतगी ने कहा कि पवार परिवार में किसी तरह का झगड़ा चल रहा था। उन्होंने कहा "एक पवार मेरे साथ है, एक और पवार उनके साथ सुप्रीम कोर्ट में है।" उन्होंने कहा कि गठबंधन अनावश्यक रूप से हार्स ट्रेडिंग का आरोप लगा रहा था। उन्होंने कहा कि "वास्तव में, शुक्रवार तक वे हार्स ट्रेडिंग में लिप्त थे।"

शीर्ष अदालत ने कहा कि वह देवेंद्र फड़नवीस के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार के लिए फ्लोर टेस्ट के मुद्दे पर मंगलवार को सुबह 10.30 बजे एक आदेश पारित करेगी। इसके शपथ ग्रहण को शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन ने चुनौती दी है।

शीर्ष अदालत के आदेश का उत्सुकता से इंतजार किया जा रहा है क्योंकि गठबंधन ने फ्लोर टेस्ट जल्द कराने की मांग की है, जबकि भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार को इसके लिए राज्यपाल द्वारा 23 नवंबर को 14 दिन की अनुमति दी गई थी।

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Aditya Mishra

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