TRENDING TAGS :
आर्थिक पैकेज नहीं, जुमलों का पिटारा खोला है केंद्र सरकार ने: अखिलेश
सपा अध्यक्ष ने शुक्रवार को केंद्र सरकार के आर्थिक पैकेज पर सवाल उठाते हुए कहा कि अब किसी को इसमें रत्ती भर भ्रम नहीं रह गया है कि भाजपा सरकार अमीरों के लिए, अमीरों के हितों के पोषण के लिए और गरीब, किसान तथा मजदूर के खिलाफ है।
मनीष श्रीवास्तव
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि केंद्र सरकार ने कोई पैकेज नहीं दिया, जुमलों का पिटारा खोल दिया है। सरकार के पैकेज की जैसे-जैसे परतें खुलती जा रही हैं, वैसे-वैसे इनका खोखलापन भी सामने आ रहा है। उन्होंने अधिकारियों द्वारा प्रवासी मजदूरों और उनकी तस्वीरों पर किए जा रहे अधिकारियों द्वारा किए जा रहे अपमान और असंवेदनशील व्यवहार की आलोचना करते हुए सवाल किया कि क्या मुख्यमंत्री ऐसे नाकारा, संवेदनशून्य अफसरों पर तत्काल कड़ी कार्यवाही करेंगे?
प्रवासी मजदूरों का अपमान व उनके साथ असंवेदनशील व्यवहार करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही
सपा अध्यक्ष ने शुक्रवार को केंद्र सरकार के आर्थिक पैकेज पर सवाल उठाते हुए कहा कि अब किसी को इसमें रत्ती भर भ्रम नहीं रह गया है कि भाजपा सरकार अमीरों के लिए, अमीरों के हितों के पोषण के लिए और गरीब, किसान तथा मजदूर के खिलाफ है। हाल के भाजपा सरकार के निर्णयों से साफ हो गया है कि उसकी नीतियों के फलस्वरूप देश में अमीर-गरीब की खांई ज्यादा चैड़ी होगी तथा देश अराजकता की दिशा में चलता दिखाई देगा।
किसान और कर्ज लेकर फांसी के फंदे से बच पायेंगे?
उन्होंने कहा कि यह कौन सी किसानों के हित की घोषणा है कि किसानों को कर्ज लेने के लिए कहा जा रहा है। बेमौसम वर्षा और ओलावृष्टि से उसकी फसल बर्बाद हुई। गेंहू का न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं मिला। गन्ना किसान बदहाल है। बैंक और साहूकार ब्याज पर ब्याज वसूलते जा रहे है। खेती के काम आने वाले उपकरण और अन्य सामग्री सब मंहगी है। ऐसे में क्या किसान और कर्ज लेकर फांसी के फंदे से बच पायेंगे?
ये भी पढ़ेंःअभी-अभी भयानक हादसा: बेकाबू हुई कार और गिरी खाई में, बिछ गई लाशें
कई अफसरों के आंखों का पानी मर गया
अखिलेश ने कहा कि मुख्यमंत्री प्रवचन देते हैं कि प्रवासियों का अपमान न हो, पर उनके अधिकारी गरीब को अपमानित करने का मौका नहीं चूकते हैं। आगरा के डीएम को एक मजबूर की बेबसी पर अपने बचपन का मनोरंजन याद आता है। कई जगह गरीबों से पुलिस वालों ने ही वसूली कर डाली। लगता है कई अफसरों के आंखों का पानी मर गया है।
बच्चों के भविष्य का क्या होगा?
उन्होंने कहा कि आज का समय भविष्य की हवा हवाई बातों का नहीं, किसानों-गरीबों को तत्काल मदद और राहत देने का है। भूख से मर रहे है बेरोजगारी के शिकार बिना इलाज बेहाल है। बच्चों के भविष्य का क्या होगा? श्रमिकों की रोज जान जा रही है। उन्होंने कहा कि आज भी जालौन, बहराइच, जौनपुर में श्रमिकों की मौत हो गयी, सैकड़ों घायल हैं। यह कम साहसिक कदम नहीं है कि सैकड़ों किलोमीटर महिलायें, बच्चें और लाचार श्रमिक पैदल ही अपनें गांवों की ओर निकल पड़े, क्या यही आत्मनिर्भर भारत का प्रारम्भिक परिचय का भयावह दृश्य है?
ये भी पढ़ेंःखतरे में मजदूरों का भविष्य, अब इनकी जगह ले ली मशीनों ने
बेबस मजदूरों के लिए कोई इंतजाम नहीं, वे सड़कों पर भूखें प्यासे मरने को मजबूर
सपा मुखिया ने कहा कि घर लौट रहे उन बेबस मजदूरों के लिए कोई इंतजाम नहीं है, जो सड़कों पर भूखें प्यासे मरने को मजबूर हैं। भाजपा सरकार अब भेदभाव और विद्वेष के चलते गरीबों, मजदूरों को राशनपानी-भोजन की मदद देने वाले समाजवादी कार्यकर्ताओं पर मुकदमें दर्ज कर रही है और उन्हें राहत कार्य करने से रोक रही है। मेरठ, बुलंदशहर और कई अन्य जनपदों से ऐसी शिकायतें मिल रही है।
दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।