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अरुण जेटली की हालत अभी भी नाजुक, दुआओं का सिलसिला जारी
किसी भी मरीज को ईसीएमओ पर तभी रखा जाता है जब उसके दिल और फेफड़े सही तरीके से काम नहीं करते हैं और वेंटीलेटर से कोई फायदा नहीं होता है। ईसीएमओ की मदद से मरीज को ऑक्सीजन दी जाती है।
नई दिल्ली: बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली की हालत काफी नाजुक बनी हुई है। शनिवार को डॉक्टरों ने जेटली की बिगड़ती हालत को देखते हुए वेंटिलेटर से हटाकर ईसीएमओ यानी एक्सट्राकॉर्पोरियल मेंब्रेन ऑक्सीजिनेशन पर शिफ्ट कर दिया है।
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उनकी सेहत में कोई सुधार नहीं दिख रहा है, जिसकी वजह से अब इलाज के साथ दुआओं का सिलसिला भी शुरू हो गया है। कई जगह जेटली की सेहत के लिए हवन किया जा रहा है।
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विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने ट्वीट किया, 'देश के प्रख्यात विधिवेत्ता, राजनेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रभु से कामना करते हैं.'
एम्स में नेताओं का लगा तांता
बता दें, पूर्व वित्त मंत्री का हालचाल लेने के लिए एम्स में नेताओं का तांता लगा हुआ है। गृह मंत्री अमित शाह जेटली का हालचाल जानने के लिए एम्स पहुंचे थे। शनिवार सुबह यूपी की पूर्व सीएम और बसपा सुप्रीमो मायावती भी उनसे मिलने पहुंचीं थी। शुक्रवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने एम्स जाकर अरुण जेटली का हाल जाना। शुक्रवार शाम यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी एम्स पहुंचकर जेटली से परिवार वालों से मुलाकात की।
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पूर्व मंत्री अरुण जेटली नौ अगस्त से एम्स के आईसीयू में भर्ती हैं। मिली जानकारी के मुताबिक 66 वर्षीय जेटली की स्थिति गंभीर बनी हुई है और डॉक्टरों की टीम उनकी स्थिति पर नजर रख रही है। अरुण जेटली को सांस लेने में तकलीफ और बेचैनी की शिकायत के बाद एम्स में भर्ती किया गया था।
क्या होता है ईसीएमओ?
किसी भी मरीज को ईसीएमओ पर तभी रखा जाता है जब उसके दिल और फेफड़े सही तरीके से काम नहीं करते हैं और वेंटीलेटर से कोई फायदा नहीं होता है। ईसीएमओ की मदद से मरीज को ऑक्सीजन दी जाती है।