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3 महीने पहले अरुण जेटली को हो गया था मौत का एहसास
अपने पत्र में जेटली ने लिखा था कि उनकी तबीयत सही नहीं है, जिसकी वजह से वह इस साल चुनाव नहीं लड़ेंगे। मालूम हो, राजनेता होने के साथ-साथ अरुण जेटली सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील भी थे। वह मोदी सरकार-1 में फ़ाइनेंस मिनिस्टरी संभाल चुके हैं।
नई दिल्ली: पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली का एम्स में आज निधन हो गया। जेटली 9 अगस्त से एम्स में भर्ती थे। उनको सांस लेने में दिक्कत थी, जिसकी वजह से उन्हे हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। एम्स में भर्ती करने के बाद भी उनकी हालत लगातार बिगड़ रही थी।
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तबीयत में कोई सुधार न होने की वजह से उन्हें वेंटिलेटर से हटाकर ईसीएमओ यानी एक्सट्राकॉर्पोरियल मेंब्रेन ऑक्सीजिनेशन पर शिफ्ट किया गया था। इसके बाद भी उनकी हालत में कोई सुधार नहीं हुआ। ऐसे में आज दोपहर 12:07 पर अरूण जेटली ने आखिरी सांस ली और दुनिया को अलविदा कह दिया।
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बता दें, जेटली को अपनी मृत्यु का एहसास तीन महीने पहले ही हो गया था। उनकी मृत्यु के बाद अब इस बात पर चर्चा काफी तेज हो गयी है। सब यही कह रहे हैं कि क्या वाकई जेटली को तीन महीने पहले इस बात का एहसास हो गया था कि अब वो ज्यादा समय के मेहमान नहीं है।
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दरअसल, मई 2019 में जब मोदी सरकार-2 का गठन हुआ, तब तबीयत खराब होने की वजह से जेटली ने इस साल हुए लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा। इसके लिए अरुण जेटली ने पीएम मोदी को पत्र लिखा था।
तीन महीने पहले लिखा था पत्र
अपने पत्र में जेटली ने लिखा था कि उनकी तबीयत सही नहीं है, जिसकी वजह से वह इस साल चुनाव नहीं लड़ेंगे। मालूम हो, राजनेता होने के साथ-साथ अरुण जेटली सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील भी थे। वह मोदी सरकार-1 में फ़ाइनेंस मिनिस्टरी संभाल चुके हैं।