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प्रियंका गांधी के 'राम सबके हैं' बयान पर CM योगी ने कही ये बड़ी बात
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के 'राम सबके हैं' के बयान पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। सीएम योगी ने कहा कि यह सद्बुद्धि उस वक्त आनी चाहिए थी, जब यहां पर कुल लोगों के पूर्वजों ने रामलला की मूर्तियों को हटाने की कोशिश की थी।
लखनऊ: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के 'राम सबके हैं' के बयान पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। सीएम योगी ने कहा कि यह सद्बुद्धि उस वक्त आनी चाहिए थी, जब यहां पर कुल लोगों के पूर्वजों ने रामलला की मूर्तियों को हटाने की कोशिश की थी।
आखिर वो कौन लोग थे, जो अयोध्या में रामलला का मंदिर नहीं चाहते थे। हम आज के इस कार्यक्रम में सभी लोगों को बुलाना चाहते थे। कोरोना के प्रोटोकॉल के कारण सीमित संख्या में लोगों को बुलाना था। साधु-संत इस कार्यक्रम में भाग लेना चाहते थे। लेकिन इस पूरे कार्यक्रम में करीब 200 मेहमान ही आ पाए।
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बीजेपी का कोई बड़ा पदाधिकारी इस कार्यक्रम में नहीं आया: योगी आदित्यनाथ
सीमित संख्या में मेहमानों को बुलाकर एक शुभ कार्यक्रम की शुरुआत कर देना, इस मकसद से हम लोग कार्यक्रम को रखे थे। उन्होंने कहा कि राम सबके हैं, यह हम बहुत पहले से कहते आए हैं। लेकिन वे कौन लोग थे जो कह रहे थे कि हम गर्भगृह से 200 मीटर दूर शिलान्यास करेंगे। वहां पर कुछ नहीं होना है। विवादित ढांचे में कुछ नहीं करना है।
सीएम योगी ने कहा कि बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी इस कार्यक्रम में आ सकते थे। प्रदेश अध्यक्ष भी आ सकते थे। लेकिन कोई भी इस कार्यक्रम में सहभागी नहीं है। बीजेपी का भी कोई पदाधिकारी कार्यक्रम में नहीं आया।
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राम के काज में सभी को सहयोग करना चाहिए'
सीएम योगी ने कहा कि हमारा मानना है कि राम सबके हैं। सभी लोगों को राम के काज में सहयोग भी करना चाहिए। लेकिन राम के नाम पर समाज को बांटने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।
कोरोना के प्रोटोकॉल को भी सख्ती से लागू करना था। लेकिन एक बहुप्रतिक्षित कार्यक्रम को बिना किसी देरी के आगे बढ़ाना था। इस उद्देश्य से ये कार्यक्रम हम लोगों ने इस रूप में किया। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का लाइव प्रसारण था।
यूपी के सीएम ने आगे कहा कि हमने सबको जोड़ने का काम किया। ये लोग बोलते कुछ हैं और करते कुछ और हैं। हमने जो कहा वो किया।
हमने राम के नाम पर राजनीति नहीं की है।
भगवान राम के मंदिर के लिए जिस निष्ठा से हम 1984 में जुड़े थे उसी निष्ठा से 2020 में भी जुड़े हुए हैं। लेकिन उन लोगों को सोचना चाहिए। 1949 में आखिर इनकी भावनाएं क्या थी। 1984 में क्या थी और 1992 में क्या थी। उसके बाद क्या थी। समय-समय पर वो अदालत में जाते थे।
उन्होंने ये भी कहा कि आज का दिन मेरे लिए बहुत ही भावुक और गौरवपूर्ण पल था। बतौर सीएम मैंने यूपी की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाली और इस कार्य को मैंने पिछले तीन सालों से बड़े नजदीक से महसूस किया है।
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