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बिहार चुनाव: मुश्किल में फंसे चिराग, NDA से अलग होने पर पार्टी नेता सहमत नहीं
सीटों के बंटवारे पर कड़ा रुख अख्तियार करने वाले लोजपा के मुखिया चिराग पासवान मुश्किल में फंस गए हैं। एनडीए से अलग होने के मुद्दे पर उन्हें अपनी पार्टी के अधिकांश नेताओं का समर्थन नहीं मिल रहा है।
अंशुमान तिवारी
नई दिल्ली। सीटों के बंटवारे पर कड़ा रुख अख्तियार करने वाले लोजपा के मुखिया चिराग पासवान मुश्किल में फंस गए हैं। एनडीए से अलग होने के मुद्दे पर उन्हें अपनी पार्टी के अधिकांश नेताओं का समर्थन नहीं मिल रहा है। लोजपा के कई वरिष्ठ नेता सीटों के बंटवारे पर सम्मानजनक समझौते की बात से तो सहमत है, लेकिन वे एनडीए से अलग होकर चुनाव मैदान में उतरने का खतरा मोल लेने के इच्छुक नहीं है। ऐसे में जेडीयू के खिलाफ कड़ा तेवर अपनाने वाले चिराग की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं।
एनडीए से अलग नहीं होना चाहते पार्टी नेता
चुनाव आयोग की ओर से बिहार चुनाव की तारीखें घोषित होने के बाद सीटों के बंटवारे पर बातचीत की प्रक्रिया तेज हो गई है। चिराग पासवान ने रविवार को पार्टी की रणनीति तय करने के लिए कई वरिष्ठ नेताओं के साथ बातचीत की।
पार्टी के संस्थापक रामविलास पासवान के छोटे भाई और सांसद पशुपति कुमार पारस मौजूदा सियासी हालात में एनडीए से अलग होने पर सहमत नहीं दिखे। उनका कहना था कि मौजूदा सियासी समीकरणों को देखते हुए पार्टी को एनडीए के साथ ही चुनाव लड़ना चाहिए। उनका कहना था कि एनडीए से अलग होकर चुनाव लड़ना सियासी नजरिए से कतई फायदेमंद नहीं होगा।
एनडीए में रहकर चुनाव लड़ने की वकालत
पार्टी के एक और वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद सूरजभान सिंह ने ने भी पारस के नजरिए का समर्थन किया। उनका भी यही कहना था कि एनडीए के साथ रहकर ही चुनाव लड़ना उचित होगा। चिराग पासवान की पार्टी के कई अन्य नेताओं से भी बातचीत हुई और उन्होंने भी एनडीए के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की बात ही कही।
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हालांकि इन सभी नेताओं ने इस बात पर सहमति जताई कि पार्टी को विधानसभा चुनाव के दौरान उचित हिस्सेदारी मिलनी चाहिए और सीटों के बंटवारे पर सम्मानजनक समझौता किया जाना चाहिए।
पार्टी नेताओं ने चिराग पासवान के साथ एकजुटता भी जताई। पारस की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि पूरी पार्टी चिराग पासवान के साथ एकजुट है।
चिराग ने लिखी शाह को चिट्ठी
इस बीच चिराग पासवान ने केंद्रीय गृह मंत्री और भाजपा के पूर्व अध्यक्ष अमित शाह को चिट्ठी लिखकर सीटों के बंटवारे का मुद्दा सुलझाने की मांग की है। उन्होंने अपनी चिट्ठी में सीटों के बंटवारे के मुद्दे पर एनडीए में अब तक कोई बातचीत शुरू होने पर नाराजगी भी जताई है।
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उनका कहना है कि चुनाव की तारीखों का एलान हो चुका है मगर अभी तक सीटों के बंटवारे को लेकर कोई बातचीत नहीं की गई है जिसके कारण अनिश्चितता की स्थिति बनी हुई है। माना जा रहा है कि चिराग पासवान की ओर से ज्यादा से ज्यादा सीटें हासिल करने के लिए दबाव की रणनीति अपनाई जा रही है।
प्रसाद ने एनडीए को एकजुट बताया
पासवान की यह नाराजगी केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद के उस बयान के बाद आई है जिसमें उन्होंने कहा है कि एनडीए एकजुट होकर चुनाव लड़ने के लिए तैयार है। रविशंकर प्रसाद ने एनडीए में नाराजगी के संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में कहा था कि एनडीए पूरी तरह एकजुट है और एनडीए में शामिल सभी दल मिलकर बिहार में चुनाव लड़ेंगे।
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उनका यह भी कहना था कि यदि किसी दल को कोई नाराजगी है तो उसे बातचीत करके दूर कर लिया जाएगा। लोजपा के तीखे तेवर के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मैं किसी भी पार्टी को लेकर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा। लोजपा हमारे साथ है और हम लोग मिलकर चुनाव लड़ेंगे।
चिराग पासवान के तीखे तेवर
सीटों के बंटवारे को लेकर लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान लगातार तीखे तेवर अपनाए हुए हैं। वे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी लगातार हमलावर बने हुए हैं। पिछले दिनों चिराग की अध्यक्षता में हुई लोजपा के संसदीय बोर्ड की बैठक में 143 सीटों पर जदयू के खिलाफ उम्मीदवार उतारने का एलान किया गया था, लेकिन इस बाबत अंतिम फैसला लेने का अधिकार चिराग आसमान को सौंप दिया गया था। अब देखने वाली बात यह होगी कि चिराग पासवान लोजपा की चुनावी संभावनाओं को देखते हुए क्या रणनीति अपनाते हैं।
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