×

नसबंदी को लेकर बीजेपी का कांग्रेस पर तंज-कमलनाथ के गुरू कौन थे पता है न?

मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार का नसबंदी को लेकर जारी किया गया फरमान काफी चर्चा में है। इस फरमान में सरकार ने स्वास्थ्य कर्मचारियों को पुरुषों की नसबंदी को लेकर टारगेट दिया है।

Aditya Mishra
Published on: 21 Feb 2020 8:22 AM GMT
नसबंदी को लेकर बीजेपी का कांग्रेस पर तंज-कमलनाथ के गुरू कौन थे पता है न?
X

इंदौर: मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार का नसबंदी को लेकर जारी किया गया फरमान काफी चर्चा में है। इस फरमान में सरकार ने स्वास्थ्य कर्मचारियों को पुरुषों की नसबंदी को लेकर टारगेट दिया है। इसमें कहा गया है कि अगर वह टारगेट को पूरा नहीं कर सकेंगे तो उनकी सैलरी काटी जाएगी और अनिवार्य रिटायरमेंट भी दी जा सकती है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कमलनाथ सरकार ने परिवार नियोजन प्रोग्राम में पुरुषों की भागीदारी बढ़ाने के लिए मेल मल्टी पर्पस हेल्थ कर्मचारी को यह फरमान जारी किया है। इसमें राज्य सरकार ने स्वास्थ्य कर्मचारियों को हर महीने 5 से 10 पुरुषों की नसबंदी का ऑपरेशन करने का टारगेट दिया है।

ये भी पढ़ें...गुपचुप तरीक से पाकिस्तान पहुंचे शत्रुघ्न सिन्हा, मचा हंगामा, देखें वायरल Video

राज्य में सिर्फ 0.5 प्रतिशत पुरुष ने ही नसबंदी कराई: रिपोर्ट

राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-4 की रिपोर्ट के मुताबिक राज्य में सिर्फ 0.5 प्रतिशत पुरुष ने ही नसबंदी कराई है। मध्य प्रदेश के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) ने शीर्ष जिला अधिकारियों और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों (सीएचएमओ) से ऐसे पुरुष कर्मचारियों की पहचान करने को कहा है।

अधिकारियों ने कहा है कि 'जीरो वर्क आउटपुट' वाले कर्मचारी पर 'नो वर्क नो पे' का सिद्धांत को लागू किया जाए। यदि वे 2019-20 की अवधि में कम से कम एक मामले में एंट्री नहीं करते हैं जो अगले महीने समाप्त होता है। एनएचएम मिशन डायरेक्टर ने 11 फरवरी को यह फरमान जारी किया है।

पिछले पांच वर्षों में राज्य में नसबंदी के लिए पुरुषों की संख्या घट रही है। 2019-20 में 3 लाख 34 हजार महिलाओं की तुलना में 20 फरवरी 2020 तक 3,397 पुरुषों ने नसबंदी कराई थी। 2015-16 में राज्य ने 9,957 पुरुष नसबंदी कराई थी और उसके बाद के तीन वर्षों में संख्या क्रमशः 7,270, 3,719 और 2,925 रही थी।

इस मामले में कांग्रेस ने सफाई दी है। पार्टी प्रवक्ता सैयद जाफर ने कहा है कि मोदी सरकार का राष्ट्रीय कार्यक्रम है जनसंख्या नियंत्रण उसका का पालन मध्य प्रदेश के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने किया है। सभी जिलाें के स्वास्थ्य अधिकारियों को सालभर के लिए ऐसे टारगेट दिए जाते हैं।

RSS के मुखपत्र में बीजेपी नेताओं को नसीहत, हर बार मोदी-शाह मदद को नहीं आएंगे

सैलरी काटना राज्य सरकार का मकसद नहीं

कई बार अधिकारी समय पर इस टारगेट को पूरा नहीं करते हैं और साल के अंत में फरवरी और मार्च में उन पर बहुत दवाब होता है। अधिकारियों ने कर्मचारियों को टारगेट पूरा करने के लिए कहा है और ऐसा न करने पर उनपर कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा है कि इसके लिए उनको नौकरी से निकलना और सैलरी काटना राज्य सरकार का मकसद नहीं है।

वहीं बीजेपी नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा है कि इमरजेंसी के समय कमलनाथ जी के गुरू कौन थे पता है न कहने की जरूरत नहीं है। जनसंख्या नियंत्रण गुंडई से नहीं होनी चाहिए।

जानिए कौन है ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ का नारा लगाने वाली लड़की, येदियुरप्पा ने…

Aditya Mishra

Aditya Mishra

Next Story