×

TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

BJP नेतृत्व की मुख्यमंत्रियों को नसीहत, ब्यूरोक्रेसी पर लगाम नहीं तो किए जाएंगे बाहर

उत्तराखंड में तीरथ सिंह रावत के सामने सबसे बड़ी चुनौती बेलगाम ब्यूरोक्रेसी को काबू करने की है। नाराज विधायकों ने पार्टी नेतृत्व को साफ तौर पर बताया कि त्रिवेंद्र सिंह रावत की सरकार में उन लोगों की हैसियत लेखपाल और थानेदार से भी गई गुजरी हो गई थी।

Shivani
Published on: 10 March 2021 9:59 PM IST
BJP नेतृत्व की मुख्यमंत्रियों को नसीहत, ब्यूरोक्रेसी पर लगाम नहीं तो किए जाएंगे बाहर
X

नई दिल्ली। उत्तराखंड में सत्ता परिवर्तन के साथ ही भारतीय जनता पार्टी नेतृत्व ने मुख्यमंत्रियों को साफ तौर पर बता दिया है कि अगर ब्यूरोक्रेसी पर लगाम लगाने में नाकाम रहे, तो त्रिवेंद्र सिंह रावत बनने के लिए तैयार हो जाएं। अधिकारियों की सलाह पर काम करने के बजाय जनता की बात सुनें और कार्यकर्ताओं की कसौटी पर खरा उतरने की कोशिश करें। बेरोजगारी के साथ ही सामाजिक व धार्मिक मामलों में भी सरकार को संवदेनशील और सकारात्मक छवि का निर्माण करना होगा।

भारतीय जनता पार्टी नेतृत्व ने मुख्यमंत्रियों को दी बड़ा नसीहत

उत्तराखंड में तीरथ सिंह रावत के सामने सबसे बड़ी चुनौती बेलगाम ब्यूरोक्रेसी को काबू करने की है। नाराज विधायकों ने पार्टी नेतृत्व को साफ तौर पर बताया था कि त्रिवेंद्र सिंह रावत की सरकार में उन लोगों की हैसियत लेखपाल और थानेदार से भी गई गुजरी हो गई थी।

ये भी पढ़ेँ- नंदीग्राम में ममता-शुभेंदु को टक्कर देंगी मीनाक्षी, माकपा ने उतारा चुनाव मैदान में

ब्यूरोक्रेसी पर नहीं लगाई लगाम तो पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत जैसा होगा अंजाम

मंत्रियों ने भी बताया कि उनकी बैठकों में शामिल होने से सूबे के वरिष्ठ अधिकारी कतराते रहे हैं। गंभीर मामलों में भी छोटे अधिकारियों को भेज दिया जाता था और उन अधिकारियों को न जानकारी होती थी और न फैसला करने की स्थिति में होते थे। इस वजह से बैठक अक्सर बेनतीजा ही रहती थी। लोगों के जरूरी काम भी नहीं हो पाते थे।

bjp-high-level-advised-chief-ministers-to-control-bureaucratic-influence-otherwise-will-suffer-like-trivendra-singh-rawat

तीरथ सिंह रावत की प्राथमिकता- नौकरशाही को काबू करना

भाजपा के वरिष्ठ सूत्रों की मानें तो तीरथ सिंह रावत को साफ बता दिया गया है कि उन्हें प्रदेश की नौकरशाही को सबसे पहले काबू में करना है। नौकरशाही ने ही त्रिवेंद्र सिंह रावत से ऐसे फैसले करा लिए जिनसे प्रदेश में सरकार की बदनामी हुई और लोगों की नाराजगी बढ़ी है। ऐसे अधिकारियों को तत्काल किनारे किए जाने की जरूरत है।

नौकरशाही के भरोसे न रहे सरकार, विधायकों का असंतोष करें दूर

भाजपा नेतृत्व ने दूसरे राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भी इससे सबक सीखने को कहा है। बताया जा रहा है कि राज्य नेतृत्व को बता दिया गया है कि नौकरशाही के भरोसे रहकर सरकार नहीं चलाई जा सकती है। कार्यकर्ता और नौकरशाही के बीच संतुलन कायम करना होगा। जिन राज्यों में विधायक और सरकार के मंत्री अपने को नौकरशाही के साथ सहज महसूस नहीं कर रहे हैं वहां मुख्यमंत्री को तत्काल हस्तक्षेप करना होगा। अगर विधायकों का असंतोष बढ़ा तो मुख्यमंत्रियों को उत्तराखंड की तर्ज पर परिणाम देखना पड़ सकता है।

ये भी पढ़ेँ- महादेव के भक्त तीर्थ सिंह रावत बने सीएम, दूधवेश्वर मठ के महन्त ने दी शुभकामनाएं

ब्यूरोक्रेसी के हाथ सौंपी सरकार, तो विदाई तय

लोगों को बता दिया गया है कि जिस तरह से गुजरात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री रहने के दौरान ब्यूरोक्रेसी पर नियंत्रण स्थापित किया था, उसी तरह से काम करना होगा। ब्यूरोक्रेसी के हाथ में सरकार सौंपने वालों को अपनी विदाई की तैयारी कर लेनी चाहिए।

अखिलेश तिवारी



\
Shivani

Shivani

Next Story