TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

MP- MLA में काफी दिनों से चल रही थी तनातनी, आखिरकार हो गई जूतमपैजार

संतकबीर नगर से भाजपा सांसद शरद त्रिपाठी व पार्टी के विधायक राकेश सिंह बघेल के बीच जूतमपैजार भले ही अचानक हो गई हो मगर दोनों के बीच तनातनी काफी दिनों से चल रही थी। दोनों के बीच काफी दिनों से खींचतान चल चल रही थी और इसकी चरम परिणति बुधवार को जिला योजना समिति की बैठक में जूतमपैजाम के रूप में हुई।

Anoop Ojha
Published on: 7 March 2019 12:11 PM IST
MP- MLA में काफी दिनों से चल रही थी तनातनी, आखिरकार हो गई जूतमपैजार
X

अंशुमान तिवारी

लखनऊ: संतकबीर नगर से भाजपा सांसद शरद त्रिपाठी व पार्टी के विधायक राकेश सिंह बघेल के बीच जूतमपैजार भले ही अचानक हो गई हो मगर दोनों के बीच तनातनी काफी दिनों से चल रही थी। दोनों के बीच काफी दिनों से खींचतान चल चल रही थी और इसकी चरम परिणति बुधवार को जिला योजना समिति की बैठक में जूतमपैजाम के रूप में हुई। सांसद ने विधायक पर जूतों की जमकर बारिश की और विधायक ने भी सांसद को जवाब देने में कोई कसर नहीं छोड़ी। दोनों के बीच गालीगलौज भी हुई। बैठक में मौजूद प्रदेश के मंत्री आशुतोष टंडन ने पहले तो बहस के दौरान सांसद को रोकने की कोशिश की मगर जूतमपैजार शुरू हो जाने पर उन्होंने किनारे हो जाने में ही अपनी भलाई समझी।

यह भी पढ़ें.....‘‘माननीय हैं कि मानते ही नहीं, पिछले साल भी धौरहरा में हुई थी सांसद विधायक में जूतम पैजार’’

विधायक कर रहे थे टिकट का विरोध

सांसद और विधायक के बीच चल रही तनातनी लोकसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही काफी बढ़ गई है। सूबे में सपा-बसपा गठबंधन में संतकबीर नगर सीट मायावती के खाते में गई है। 2019 के लोकसभा चुनाव में शरद त्रिपाठी को दोबारा टिकट मिलने पर संशय बना हुआ है। संतकबीर नगर लोकसभा क्षेत्र के तहत आने वाली मेंहदावल विधानसभा सीट से विधायक राकेश सिंह बघेल सांसद शरद त्रिपाठी के टिकट का विरोध कर रहे हैं। बघेल को इस मुहिम को सफलता मिलती देखकर सांसद शरद त्रिपाठी उनसे काफी नाराज चल रहे थे।

यह भी पढ़ें.....…और जब लखनऊ नगर निगम के पार्षद और ठेकेदार में ही शुरू हुआ जूतम-पैजार

सपा नेता टिकट पाने के लिए सक्रिय

संतकबीर नगर सीट बसपा के खाते में जाने के साथ इलाके में सपा के दिग्गज नेता भालचंद यादव भाजपा से टिकट पाने के लिए काफी सक्रिय हैं। उन्होंने पिछले दिनों बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से दिल्ली में मुलाकात कर टिकट पाने के लिए अपना पक्ष भी रखा है। उनकी इस सीट से मजबूत दावेदारी मानी जा रही है। इससे शरद त्रिपाठी का टिकट कटना लगभग तय माना जा रहा है। शरद त्रिपाठी अपने खिलाफ हो रही इस गोलबंदी को लेकर विधायक से काफी नाराज हैं।

यह भी पढ़ें.....सांसद शरद त्रिपाठी ने बीजेपी विधायक राकेश सिंह पर बरसाए जूते, देखें वीडियो

दूसरे प्रयास में जीते हैं शरद त्रिपाठी

भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रमापति राम त्रिपाठी के पुत्र शरद त्रिपाठी 2009 के लोकसभा चुनाव में भी भाजपा के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे थे, लेकिन हरिशंकर तिवारी के बेटे कुशल तिवारी ने उन्हें पराजित कर दिया था। इसके बाद 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर में शरद त्रिपाठी चुनाव जीतने में कामयाब रहे। 2017 के विधानसभा चुनाव के बाद से उनका बीजेपी के जीते विधायकों से मनमुटाव कई कार्यक्रमों में साफ दिखा।

यह भी पढ़ें.....काशी के कबीरपंथियों ने खोला मोर्चा, पीएम से नाराजगी की ये है वजह ?

मोदी के कार्यक्रम से विधायकों की नाराजगी बढ़ी

पिछले साल जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संत कबीर के परिनिर्वाण स्थल मगहर पहुंचे थे तो सांसद व पार्टी विधायकों के बीच जंग और बढ़ गई थी। सांसद शरद त्रिपाठी ने मगहर की जनसभा के मंच पर अपने संसदीय क्षेत्र के तीनों विधायकों को जगह नहीं दी थी। सांसद के इस रवैए से तीनों विधायक काफी नाराज थे और सांसद से अपनी नाराजगी सार्वजनिक रूप से जताई थी। मजे की बात यह है कि सांसद को गृहमंत्री राजनाथ सिंह के गुट के माना जाता है तो विधायक राकेश सिंह बघेल को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का करीबी बताया जाता है। सूबे में बीजेपी की सरकार और योगी के सीएम बनने के बाद राकेश सिंह बघेल की खूब चलती है। जानकारों का तो यहां तक कहना है कि जिला प्रशासन भी सांसद से ज्यादा महत्व विधायक को देता है।

यह भी पढ़ें.....सवालों के घेरे में मोदी का मगहर प्रेम

कई कार्यक्रमों में दिख चुका है टकराव

जिले में आयोजित होने वाले पार्टी के कार्यक्रमों के दौरान भी सांसद व विधायक के बीच टकराव दिखता रहा है। पार्टी के मेरा बूथ सबसे मजबूत सहित कई कार्यक्रमों के दौरान सांसद व विधायक के बीच टकराव साफ दिखा। यही कारण है कि सांसद के खिलाफ राकेश सिंह बघेल के खिलाफ तीनों विधायक लामबंद हो गए और तीनों ने मिलकर सांसद के खिलाफ मुहिम छेड़ दी।

यह भी पढ़ें.....विपक्षी पार्टियों ने ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि’ योजना को बताया छलावा

फिर शुरू हुई शिलापट्टों की राजनीति

इसके बाद जिले में शिलापट्टों की राजनीति शुरू हो गयी। सांसद ने सांसद निधि से कराए गए विकास कार्यों के शिलापट्टों से विधायकों का नाम गायब करा दिया। फिर क्या था, बघेल भी कहां चुप रहने वाले थे। उन्होंने भी इसका बदला लिया और विधायक निधि से होने वाले कामों के शिलापट्टों से सांसद का नाम गायब करा दिया।

यह भी पढ़ें.....उत्तर प्रदेश में अभिशप्त है भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी

लोग कस रहे भाजपा पर तंज

बुधवार को इसी बात को लेकर जिला योजना समिति की बैठक में बहस शुरू हो गयी। जिले के प्रभारी मंत्री आशुतोष टंडन की मौजूदगी में हो रही बैठक में इस बहस की चरण परिणति जूतमपैजार में होगी, यह किसी ने सोचा भी नहीं था। सांसद के जूता उतारकर हमलावर होने के बाद हर कोई हतप्रभ रह गया। किसी तरह बीचबचाव कर आपस में गुत्थमगुत्था सांसद और विधायक को छुड़ाया गया। अब सोशल मीडिया पर इस घटना का वीडियो टॉप ट्रेंडिग है। लोग इसे लेकर अनुशासित मानी जाने वाली भाजपा पर खूब तंज कर रहे हैं।



\
Anoop Ojha

Anoop Ojha

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

Next Story