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राजस्थान: क्या कांग्रेस में उठा सियासी तूफान थम गया? या 'पिक्चर' अभी बाक़ी है

राजस्थान में उठा सियासी तूफान थमने का नाम नहीं ले रहा है। सीएम अशोक गहलोत और डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच खींचतान जारी है। बताया जा रहा है गतिरोध बढ़ने के बाद से गहलोत और पायलट दोनों में से कोई भी अपने कदम पीछे लेना नहीं चाहता है।

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Published on: 13 July 2020 5:55 PM GMT
राजस्थान: क्या कांग्रेस में उठा सियासी तूफान थम गया? या पिक्चर अभी बाक़ी है
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जयपुर: राजस्थान में उठा सियासी तूफान थमने का नाम नहीं ले रहा है। सीएम अशोक गहलोत और डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच खींचतान जारी है।

बताया जा रहा है गतिरोध बढ़ने के बाद से गहलोत और पायलट दोनों में से कोई भी अपने कदम पीछे लेना नहीं चाहता है।

गहलोत ने पार्टी आलाकमान से ये साफ कह दिया है कि वे सचिन पायलट से बात नहीं करना चाहते हैं।

पायलट पर बीजेपी नेताओं के सम्पर्क में होने और कांग्रेस की सरकार गिराने की साजिश में भागीदार होने के भी आरोप लगाये गए हैं।

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पायलट अभी भी पीछे हटने को तैयार नहीं

वहीं पायलट भी अपने रुख पर कायम हैं और गहलोत की मीटिंग से दूरी बनाये हैं। उन्होंने साफ़ कर दिया है कि वे गहलोत की किसी भी मीटिंग में भाग नहीं लेंगे क्योंकि उनकी सरकार अल्पमत में हैं।

उधर पिछले दो दिनों से सचिन पायलट से राहुल गांधी और प्रियंका गांधी समेत कांग्रेस के दिग्गज नेता पी चिदंबरम, अहमद पटेल और केसी वेणुगोपाल बात कर रहे हैं। लेकिन यह बातचीत अभी तक किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंची है।

पी चिदंबरम और पार्टी में सचिन पायलट के साथ के नेताओं को लगता है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के बाद अगर सचिन पायलट ने भी पार्टी छोड़ दी तो कांग्रेस को इससे बहुत बड़ी हानि होगी।

इससे गलत संदेश पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं में जा सकता है। इतना ही नहीं राहुल गांधी की इमेज पर भी इसका बुरा असर पड़ेगा।

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प्रियंका गांधी ने संभाली कमान

इसको देखते हुए कांग्रेस आलाकमान ने प्रियंका गांधी को इस मामले को सुलझाने के लिए बोल दिया है।

प्रियंका ने नेताओं से बातचीत भी शुरू कर दी है।

सूत्रों के मुताबिक सचिन पायलट को लेकर पार्टी में दो खेमे बन गए। एक गुट चाहता है कि सचिन को रोका जाए। वहीं, दूसरे गुट की राय है कि सचिन के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई होनी चाहिए।

इस पूरे घटनाक्रम के बीच प्रियंका गांधी ने अशोक गहलोत और सचिन पायलट दोनों से बात कर मामले को सुलझाने की कोशिश की है, लेकिन अभी तक सचिन पायलट ने किसी भी फार्मूले पर पाजिटिव एप्रोच नहीं दिखाया है। कहने के मतलब ये है कि राजस्थान में पिक्चर अभी बाकी है।

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