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जानिए क्या है SoG की जांच, जिसके बाद राजस्थान में आया सियासी भूचाल
राजस्थान की सियासत मे एक बार फिर से खलबली मच गई है। सीएम और डिप्टी सीएम के बीच शुरू हुई सियासी जंग अब काफी आगे बढ़ चुकी है। सीएम गहलोत...
जयपुर: राजस्थान की सियासत मे एक बार फिर से खलबली मच गई है। सीएम और डिप्टी सीएम के बीच शुरू हुई सियासी जंग अब काफी आगे बढ़ चुकी है। सीएम गहलोत और डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच का सियासी तनाव अब किसी से छुपा नहीं है। हालांकि ये तनाव 2018 में हुए चुनाव के बाद से ही लगातार झलकने लगा था।
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अब ये सियासी खींचातानी इतनी बढ़ गयी है सचिन पायलट के भाजपा में जाने के आसार नजर आने लगे हैं। हालिया विवाद कैसे शुरू हुआ और किस बात को लेकर सचिन पायलट नाराज नज़र आ रहे हैं, चलिए जानते हैं....
बीजेपी पर सरकार गिराने का आरोप
राजस्थान के सीएम गहलोत काफी समय से बीजेपी पर आरोप लगा रहे हैं कि बीजेपी उनकी सरकार को गिराने की कोशिश कर रही है। कई नेताओं के फोन भी टैप हो रहे हैं। हाल ही में कुछ निर्दलीय विधायकों की फोन रिकॉर्डिंग होने का मामला सामने आया, जिसमें वो लोग विधायकों की खरीद फरोख्त की बात कर रहे हैं।
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मामले की जांच के लिए स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप
विधायकों की खरीद फरोक्त को लेकर हुए विवाद के बाद राजस्थान की सरकार ने इस मामले की जांच के लिए स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप बनाया। जांच में खुलासा हुआ कि निर्दलीय विधायक रमिला खड़िया विधायकों को खरीदने की बात कर रहे हैं। इस मामले का खुलासा होने के बाद एंटी करप्शन ब्यूरो ने कुल तीन विधायकों के खिलाफ FIR दर्ज की और साथ ही इसमें बीजेपी के दो नेता गिरफ्तार हुए
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SOG की नोटिस ने बिगाड़ी बात
सीएम गहलोत ने इस पूरे मामले की जांच बैठाने की ठान ली, जिसके बाद SOG ने जांच भी शुरू कर दी। जिसमे 10 जुलाई को एक नोटिस सचिन पायलट को भेजा गया। इस नोटिस में रास्थान में हो रहे हलचल को लेकर सवाल-जवाब और बयान माँगा गया था। अब ऐसा माना जा रहा है कि सचिन पायलट को ये नोटिस ही अखर गया।
इसके पहले गहलोत ने बयान दिया था कि पार्टी ने जिन्हें मंत्री बनाया वही गद्दारी कर रहे हैं। इस मामले पर विवाद बढ़ने लगा, जिसके बाद अशोक गहलोत ने साफ किया कि ये नोटिस सिर्फ उपमुख्यमंत्री को नहीं गया है। बल्कि मुख्यमंत्री समेत पार्टी के अन्य लोगों को भी आया है। इस नोटिस के तहत SOG के सामने सबको अपना बयान दर्ज कराना है। इस नोटिस के बाद से ही राजस्थान सरकार में दरार साफ हो गई।
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