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पायलट खेमे की वापसी के दरवाजे बंद हो, विधायक दल की बैठक में उठी ये मांग
बैठक से बड़ा सियासी संदेश निकला है। पायलट कैंप के लिए कांग्रेस के दरवाजे अब लगभग बंद बताए जा रहे हैं। इस बैठक में विधायकों ने सचिन पायलट सहित बागियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
जयपुर: राजस्थान के डिप्टी सीएम रहे सचिन पायलट के कांग्रेस पार्टी से अलग हुए दो महीने से अधिक का समय बीत चुका है। ऐसी उम्मीद लगाई जा रही थी कि शायद सचिन पायलट कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व की बात मानकर पार्टी में वापसी करे लेकिन इस पर अभी भी संशय बना हुआ है।
सचिन पायलट अभी भी अपना रुख स्पष्ट नहीं कर पाए हैं। हालांकि उन्होंने ये जरूर कहा है कि वे बीजेपी में नहीं जाएंगे। क्योंकि उनकी शुरू से विचारधारा कांग्रेस की रही है।
उधर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जैसलमेर के सूर्यगढ़ फोर्ट पैलेस में कांग्रेस विधायक दल के साथ बैठक की। बैठक से बड़ा सियासी संदेश निकला है। पायलट कैंप के लिए कांग्रेस के दरवाजे अब लगभग बंद बताए जा रहे हैं। इस बैठक में विधायकों ने सचिन पायलट सहित बागियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
जिस पर अशोक गहलोत ने कहा कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह क्या चाहते हैं, ये किसी से छिपा नहीं है। बीजेपी के साजिश की पोल खुल चुकी है। ये बीजेपी के कई विधायक भी जानते हैं। पार्टी में गुटबाजी चरम पर है। उन्होंने ये भी कहा कि जीत हमारी और सत्य की ही होगी। हमारे विधायकों की एकता अटूट है। विधायकों की एकता की वजह से ही बीजेपी को बाड़ेबंदी के लिए मजबूर होना पड़ा।
प्रदेश कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडे ने आश्वासन दिया कि बागियों की अब हाईकमान के सामने पैरवी नहीं होगी। इस बैठक के दौरान शांति धारीवाल ने सचिन पायलट पर जमकर निशाना साधा।
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राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत की फ़ाइल फोटो
गहलोत ने विधायकों को लिखा पत्र
मालूम हो कि कांग्रेस के कुछ बागी और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के कुछ नेताओं पर सरकार को अस्थिर करने की कोशिश का आरोप है। गहलोत ने चिट्ठी में लिखा, चुनी हुई सरकार को अस्थिर करना किसी भी दृष्टिकोण से न्यायोचित नहीं है।
गहलोत ने 3 पेज के पत्र में कोरोना के हालातों पर सरकार की भूमिका के बारे में भी विधायकों को विस्तृत जानकारी दी। साथ ही मुख्यमंत्री ने विधायकों से जनता की आवाज सुनने और लोकतंत्र को बचाने के लिए निर्णय लेने का की भी अपील की।
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कांग्रेस नेताओं के साथ सीएम अशोक गहलोत की फ़ाइल फोटो
बसपा विधायकों के कांग्रेस विलय मामले में आज सुनवाई
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में राजस्थान विधानसभा में बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर जीतकर पहुंचने के बाद अब कांग्रेस में विलय कर चुके छह विधायकों को लेकर दायर याचिका पर जस्टिस अरुण मिश्रा , जस्टिस बी आर गवई, जस्टिस कृष्णा मुरारी की बेंच इस मामले की सुनवाई करेगी। विधायकों ने उनके कांग्रेस में जाने के खिलाफ दायर याचिका को राजस्थान हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर करने की मांग की है।
भाजपा विधायक मदन दिलावर ने राजस्थान हाईकोर्ट में इन छह विधायकों के बसपा से कांग्रेस में विलय के खिलाफ याचिका दायर करते हुए इसे असंवैधानिक बताया है। इस मामले को अब इन छह विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट ट्रांसफर करने की अपील की है।
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