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राहुल की फैन हुई शिवसेना, कहा- मुश्किल वक्त में दिखाया विपक्ष को कैसा होना चाहिए
काग्रेंस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कुछ ऐसा कहा कि शिवसेना कांग्रेस नेता की मुरीद हो गई। जिसके बाद शिवसेना ने शनिवार को राहुल की जमकर तारीफें कीं।
नई दिल्ली: इस वक्त पूरा देश कोरोना वायरस के संकट से जूझ रहा है। इस दौरान केंद्र सरकार और राज्य सरकारें मिलकर इस महामारी का सामना कर रहे हैं। वहीं इस बीच काग्रेंस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कुछ ऐसा कहा कि शिवसेना कांग्रेस नेता की मुरीद हो गई। शिवसेना ने शनिवार को राहुल की जमकर तारीफें कीं और कहा कि उन्होंने इस मुश्किल वक्त में सकारात्मक रुख अपनाया और दिखाया कि ऐसे समय में विपक्ष को कैसे पेश आना चाहिए।
राहुल गांधी ने बीते दिनों सरकार को दिए थे सुझाव
बता दें कि महाराष्ट्र में शिवसेना कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के साथ सत्ता साझा करती है। गौरतलब है कि बीते दिनों राहुल गांधी ने एक वीडियो प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए कोरोना वायरस को लेकर सरकार को अपनी ओर से कुछ सुझाव दिए थे। सामना में उसी का जिक्र है।
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PM मोदी और राहुल गांधी को आमने-सामने करनी चाहिए चर्चा
पार्टी के मुखपत्र सामना के एक संपादकीय में शिवसेना ने कहा कि राहुल गांधी और PM मोदी को देश के फायदे के लिए इस महामारी पर आमने-सामने चर्चा करनी चाहिए। शिवसेना ने कहा कि राहुल गांधी को लेकर कुछ अपवाद हो सकते हैं, लेकिन वो किसमें नहीं हैं। राय तो पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को लेकर भी हैं।
BJP की आधी सफलता राहुल गांधी की छवि धूमिल करने से
इसमें यह भी कहा गया है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की आधी सफलता तो राहुल गांधी की छवि को बिगाड़ने के कारण ही है। यह आज भी जारी है। उद्धव ठाकरे की नेतृत्व वाली पार्टी ने कहा कि वैश्विक महामारी के संकट में राहुल गांधी के रुख की सराहना होनी चाहिए। उन्होंने आदर्श आचार संहिता सामने रखी है कि ऐसे संकटत के समय में विपक्षी पार्टी को कैसा पेश आना चाहिए।
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चिंतन शिविर की तरह हैं, राहुल के विचार
राहुल की तारीफ करते हुए पार्टी ने कहा कि जब हर कोई मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार गिराने में व्यस्त था तब राहुल गांधी सरकार को कोरोना वायरस संकट से निपटने के लिए जगा रहे थे। सामना में कहा गया है कि राहुल की तरफ से सरकार को बार-बार कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज कें जरुरी मेडिकल उपकरण के निर्यात को रोकने की अपील की जा रही थी। पार्टी ने कहा कि गांधी विचार सरकार और विपक्षी पार्टियों के लिए चिंतन शिविर की ही तरह हैं, जिससे देश को लाभ होगा।
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