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कार्य समिति की बैठक में राहुल ने फोड़ा सियासी बम, कांग्रेस में दो फाड़

कांग्रेस पार्टी की कार्य समिति की बैठक में राहुल गांधी के बयान के बाद से पार्टी के अंदर घमासान मचा हुआ है। एक तरफ गांधी परिवार के समर्थन में लोग दिखे तो दूसरी तरफ बागी नेताओं ने भी अपने तेवर सख्त अख्तियार कर खुली चुनौती दे दी है।

Newstrack
Published on: 24 Aug 2020 12:31 PM GMT
कार्य समिति की बैठक में राहुल ने फोड़ा सियासी बम, कांग्रेस में दो फाड़
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कांग्रेस नेता राहुल गांधी की फोटो

नई दिल्ली: कांग्रेस पार्टी की कार्य समिति की बैठक में राहुल गांधी के बयान के बाद से पार्टी के अंदर घमासान मचा हुआ है। एक तरफ गांधी परिवार के समर्थन में लोग दिखे तो दूसरी तरफ बागी नेताओं ने भी अपने तेवर सख्त अख्तियार कर खुली चुनौती दे दी है।

वहीं, कांग्रेस के तीनों मौजूदा मुख्यमंत्री डटकर गांधी परिवार के साथ खड़े नजर आ रहे हैं। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सार्वजनिक तौर पर गांधी परिवार के प्रति अपना विश्वास जताया है। कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में भी तीनों मुख्यमंत्री गांधी परिवार के समर्थन में खड़े नजर आए।

पूर्व पीएम मनमोहन सिंह और वरिष्ठ कांग्रेसी एके एंटनी ने सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखने के कदम की आलोचना और नेतृत्व में बदलाव की मांग रखने वाले नेताओं के प्रति गुस्सा भी जाहिर किया।

राहुल गांधी, गुलाम नबी आजाद और कपिल सिब्बल की फाइल फोटो राहुल गांधी, गुलाम नबी आजाद और कपिल सिब्बल की फाइल फोटो

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गुलाम नबी और कपिल सिब्बल हुए आगबबूला

वहीं राहुल गांधी द्वारा लगाए गये आरोप को लेकर गुलाम नबी आजाद बैठक में लाल-पीले हो गए। उन्होंने कहा कि अगर मिलीभगत साबित हो गई तो वे इस्तीफा दे देंगे। हालांकि आजाद ने जवाब देते समय राहुल गांधी का नाम नहीं लिया।

गुलाम नबी आजाद की फाइल फोटो गुलाम नबी आजाद की फाइल फोटो

उधर कपिल सिब्बल ने भी ट्वीट कर राहुल गांधी के आरोपों का जवाब दिया। कपिल सिब्बल ने कहा कि बीजेपी की मदद करने का आरोप लगाया गया है। उन्होंने कहा, 'मैंने राजस्थान हाईकोर्ट में कांग्रेस पार्टी का बचाव किया। मणिपुर में पार्टी का बचाव किया। पिछले 30 सालों में कभी भी किसी मुद्दे पर बीजेपी के पक्ष में बयान नहीं दिया। फिर भी हम बीजेपी से मिले हुए हैं!'

कपिल सिब्बल के ट्वीट पर कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि राहुल गांधी ने इस तरह की (बीजेपी से साठगांठ) कोई बात नहीं कही है। इस तरह की गलत खबरों से भ्रमित न हों। हमें आपस में या कांग्रेस पार्टी से लड़ने की जगह निरंकुश मोदी सरकार से मिलकर लड़ना चाहिए।



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क्या है ये पूरा विवाद

दरअसल बीते दिनों कांग्रेस पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पार्टी का अगला अध्यक्ष तय करने को कहा था। कुछ नेताओं ने राहुल गांधी का नाम अध्यक्ष पद के लिए आगे किया था।

सोनिया को लिए गए पत्र में गुलाम कपिल सिब्बल, नबी आजाद, आनंद शर्मा, शशि थरूर, जितिन प्रसाद, मुकुल वासनिक, भूपेंद्र सिंह हुड्डा, मिलिंद देवड़ा, रेणुका चौधरी, अखिलेश प्रसाद, पीजे कुरियन, संदीप दीक्षित, टीके सिंह, कुलदीप शर्मा, विवेक तन्खा, पृथ्वीराज चव्हाण, मनीष तिवारी और अरविंदर सिंह लवली जैसे वरिष्ठ नेताओं के नाम हैं जो पार्टी नेतृत्व में बदलाव चाहते हैं।

आज कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में राहुल गांधी ने उस पत्र का जिक्र करते हुए कहा कि चिट्ठी लिखने की टाइमिंग सही नहीं थी, क्योंकि इस वक्त पार्टी राजस्थान और मध्य प्रदेश में लड़ाई लड़ रही थी, साथ ही सोनिया गांधी भी बीमार थीं।

कांग्रेस के कुछ नेताओं पर आरोप लगाते हुए कहा कि जिन्होंने इस वक्त चिट्ठी लिखी है वो भारतीय जनता पार्टी से मिले हुए हैं। इस पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता खफा हैं और पलटवार कर रहे हैं।

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