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दशहरा पर देश को बड़ा तोहफा देने वाले हैं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह
भारतीय वायुसेना को साल 2016 में तेजस लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट मिलने के बाद अब ये पहला मौका होने वाला है जब वायुसेना के बेड़े में कोई नया लड़ाकू विमान शामिल हो रहा हो।
नई दिल्ली: केंद्रीय रक्षा मानती राजनाथ सिंह स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस में उंची उड़ान भर चुके हैं, लेकिन अब वह फ्रांसीसी लड़ाकू विमान राफेल में उड़ान भरने की तैयारी कर रहे हैं। दशहरा के मौके पर यानि 8 अक्टूबर को भारत को फ्रांस पहला राफेल विमान सौंपने वाला है।
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अपनी स्थापना दिवस के समारोह में जब भारतीय सेना व्यस्त होगी तब फ्रांस में आयोजित एक भव्य समारोह में सिंह की मौजूदगी में भारत को पहला राफेल विमान मिलेगा। भारतीय वायुसेना को साल 2016 में तेजस लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट मिलने के बाद अब ये पहला मौका होने वाला है जब वायुसेना के बेड़े में कोई नया लड़ाकू विमान शामिल हो रहा हो।
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राफेल की खासियत
- राफेल विमान दो इंजनों वाला बहुउद्देश्यीय लड़ाकू विमान है। जो भारतीय वायुसेना की पहली पसंद है। हर तरह के मिशन में भेजा जा सकता।
- परमाणु आयुध का इस्तेमाल करने में सक्षम है।
- यह हवा से हवा में और हवा से जमीन पर हमले कर सकता है।
- फ्रांसीसी कंपनी दसाल्ट एविएशन ने विमान का निर्माण किया है।
- अत्याधुनिक हथियारों से लैस होगा राफेल, प्लेन के साथ मेटेअर मिसाइल भी है।
- 150 किमी की बियोंड विज़ुअल रेंज मिसाइल, हवा से जमीन पर मार वाली स्कैल्प मिसाइल।
- स्कैल्प मिसाइल की रेंज 300 किमी, हथियारों के स्टोरेज के लिए 6 महीने की गारंटी।
- अधिकतम स्पीड 2,130 किमी/घंटा और 3700 किमी. तक मारक क्षमता।
- 1 मिनट में 60,000 फ़ुट की ऊंचाई और 4.5 जेनरेशन के ट्विन इंजन से लैस।
- 24,500 किलो उठाकर ले जाने में सक्षम और 60 घंटे अतिरिक्त उड़ान की गारंटी।
- 75% विमान हमेशा ऑपरेशन के लिए तैयार हैं, परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है।
- अफगानिस्तान और लीबिया में अपनी ताकत का प्रदर्शन कर चुका है।
- फ्रांस की कंपनी दसॉल्ट ने भारतीय वायुसेना के हिसाब से फेरबदल किए गए हैं।
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