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अखिलेश का बड़ा बयान: योगी सरकार पर बोला हमला, दीवाली पर कही ये बात
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शनिवार को लिखित बयान में कहा है कि मुख्यमंत्री जी को अपनी दिव्यशक्ति से हकीकत को फसाना बना देना खूब आता है। प्रदेश में रोजगार संकट है, नौजवान परेशान है। लेकिन वे झूठे आंकड़ों से लोगों को भ्रमित करते रहते हैं।
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने दीवाली त्यौहार के मौके पर भी मजदूरों की हालत सुधारने की कोशिश नहीं की। मजदूरों के काम में 60 प्रतिशत की कमी आई है। नौजवान परेशान है लेकिन योगी सरकार को इसकी परवाह नहीं है।
रोजगार संकट है, नौजवान परेशान है-अखिलेश यादव
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शनिवार को लिखित बयान में कहा है कि मुख्यमंत्री जी को अपनी दिव्यशक्ति से हकीकत को फसाना बना देना खूब आता है। प्रदेश में रोजगार संकट है, नौजवान परेशान है। लेकिन वे झूठे आंकड़ों से लोगों को भ्रमित करते रहते हैं। वास्तव में प्रदेश में मनरेगा, माटी कला सहित जिन-जिन योजनाओं से रोजगार के अवसर सृजित करने की लम्बी चौड़ी डींगे हांकी जा रही हैं वे सब स्वयं संकट ग्रस्त हैं। इनसे सम्बन्धित कामगार आज दो जून की रोटी के लिए भी तरस रहे हैं। खुद सरकारी वोकेशनल करियर सर्विस पोर्टल बताता है कि सितम्बर के मुकाबले अक्टूबर 2020 में ही रोजगार में 60 प्रतिशत गिरावट आई है।
कन्नौज में कुम्हारों के लिए सरकारी योजनाएं कागजों में सिमटी
उन्होंने कहा कि जिला उद्योग केन्द्रों में विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना अंतर्गत माटी कला के प्रशिक्षण प्राप्त लोगों को टूल किट न दिए जाने से वे अब तक कोई काम काज नहीं कर पा रहे हैं। कन्नौज में कुम्हारों के लिए सरकारी योजनाएं कागजों में ही सिमट कर रह गई है। कुम्हारी कला प्रोत्साहन में जिन कुम्हारों को बिजली से चलने वाला चाक दिया गया है उसके बढ़ते बिल के मुकाबले उनके उत्पाद की बिक्री नहीं होती है। वे कर्जदार बनते जा रहे हैं। उन्हें परम्परागत तरीका ही अच्छा लगने लगा है। माटी कला में लगे लोगों के हित में तीन योजनाएं राज्य सरकार ने घोषित की।
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सरकार विज्ञापन पर तो खूब खर्च कर देती है
जिन्होंने बैंक से कर्ज लिया वे अब पछता रहे हैं। बहुतों ने यह काम छोड़ने का मन बना लिया है। भाजपा राज में शासन प्रशासन की कागजी कार्यवाहियों का यही नतीजा है कि सरकार विज्ञापन पर तो खूब खर्च कर देती है लेकिन अपनी योजनाओं को फाइलों में ही समेट लेती है। भाजपा राज में प्रदेश में नई नौकरियां दिखी नहीं, पुरानी फैक्ट्रियां भी बंद हो गईं कर्मचारियों की लाकडाउन में ही छंटनी हो गई थी। आज भी तमाम लोग काम पाने के लिए भटक रहे हैं।
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रिपोर्ट-अखिलेश तिवारी
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