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गांगुली करेंगे भाजपा का बेड़ा पार! पीएम मोदी की रैली से आएगा सियासी भूचाल
सौरव गांगुली की भाजपा से नजदीकी को लेकर शुरू हुई ये चर्चाएं नई नहीं है। इसके पहले भी गांगुली के भाजपा में शामिल होने की चर्चाएं होती रही हैं।
अंशुमान तिवारी
कोलकाता: पश्चिम बंगाल की सियासत में एक बार फिर टीम इंडिया के पूर्व कप्तान और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष सौरव गांगुली को लेकर चर्चाओं का बाजार गरमाया हुआ है। राज्य में विधानसभा चुनावों के कार्यक्रम की घोषणा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 7 मार्च को कोलकाता के ब्रिगेड ग्राउंड में बड़ी जनसभा होने वाली है। कोलकाता में इस बात की काफी तेज अटकलें हैं कि प्रधानमंत्री की इस बड़ी रैली में गांगुली भी हिस्सा ले सकते हैं।
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हालांकि गांगुली की ओर से इस रैली को लेकर अभी तक कोई बयान नहीं दिया गया है। पिछले दिनों गंभीर रूप से अस्वस्थ हो जाने वाले गांगुली के परिजन और उनके करीबी दोस्त भी इस मुद्दे पर कुछ भी खुलकर नहीं बोल रहे हैं। दूसरी और भाजपा का कहना है कि यदि गांगुली इस रैली में हिस्सा लेते हैं तो हम उनका स्वागत करेंगे।
पहले भी लगती रही हैं अटकलें
सौरव गांगुली की भाजपा से नजदीकी को लेकर शुरू हुई ये चर्चाएं नई नहीं है। इसके पहले भी गांगुली के भाजपा में शामिल होने की चर्चाएं होती रही हैं। एक चर्चा तो यह भी फैली थी कि गांगुली को भाजपा की ओर से सीएम पद का चेहरा बनाया जा सकता है।
bjp-sourav ganguly (PC: social media)
हालांकि अभी तक गांगुली ने राज्य की सियासत और भाजपा को लेकर कभी खुलकर कोई बात नहीं की है। पहले की तरह इस बार भी गांगुली चुप्पी साधे हुए हैं मगर सियासी हलकों में गांगुली के पीएम मोदी की रैली में हिस्सा लेने की अटकलें काफी तेज हो गई हैं।
भाजपा के सामने सीएम चेहरे की दिक्कत
भाजपा के सामने सबसे बड़ी दिक्कत राज्य में सीएम पद के चेहरे को लेकर पैदा हो गई है। तृणमूल कांग्रेस के पास ममता बनर्जी के रूप में सीएम पद का सशक्त चेहरा है जबकि भाजपा जोरदार चुनावी अभियान चलाने के बावजूद इस मामले में टीएमसी से पिछड़ी हुई है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बंगाल दौरे के समय उनसे यह सवाल हमेशा पूछा जाता रहा है कि भाजपा की ओर से सीएम पद का चेहरा कौन होगा। हर बार सवाल का सीधा जवाब देने से बचते हुए शाह ने यही कहा है कि भाजपा के चुनाव जीतने पर बंगाल की धरती से ही किसी चेहरे को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा।
भाजपा अन्य राज्यों के चुनावों की तरह ही बंगाल में भी पीएम मोदी के चेहरे और काम के नाम पर वोट मांगने में जुटी हुई है। ऐसे में गांगुली का साथ भाजपा के लिए काफी महत्वपूर्ण हो सकता है मगर गांगुली अभी तक इस बाबत पत्ते खोलने के लिए तैयार नहीं हैं।
गांगुली को ही करना है फैसला
गांगुली के संबंध में भाजपा का कहना है कि इस बारे में उन्हें ही यह फैसला करना है कि वे 7 मार्च को कोलकाता में होने वाली पीएम मोदी की बड़ी रैली में शामिल होना चाहते हैं या नहीं।
भाजपा के प्रवक्ता शामिक भट्टाचार्य ने मीडिया से बातचीत में कहा कि यदि टीम इंडिया के पूर्व कप्तान ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया तो हम उनका स्वागत करेंगे। उन्होंने कहा कि अगर उनका स्वास्थ्य इस बात की इजाजत देगा तो भाजपा निश्चित तौर पर उनका स्वागत करने के लिए तैयार है।
गंभीर रूप से बीमार हो गए थे गांगुली
दरअसल गांगुली हाल के दिनों में स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों से जूझ रहे हैं। जनवरी की शुरुआत में गांगुली को दिल का हाल का दौरा पड़ा था और उन्हें हृदय से संबंधित गंभीर बीमारी से जूझना पड़ा था।
इसके बाद दिल तक जाने वाली धमनियों में अवरोध को दूर करने के लिए एक महीने में उनकी दो बार एंजीयोप्लास्टी की गई थी। उन्हें 31 जनवरी को अस्पताल से छुट्टी मिली थी और उसके बाद वे लगातार स्वास्थ्य लाभ कर रहे हैं।
लोगों को पसंद आएगा गांगुली का फैसला
भाजपा प्रवक्ता भट्टाचार्य ने कहा कि हमें इस बात की जानकारी है कि फिलहाल गांगुली स्वास्थ्य लाभ कर रहे हैं। ऐसे में अगर वे पीएम मोदी की रैली में शामिल होने का फैसला करते हैं तो यह बात उन्हें भी पसंद आएगी और रैली में मौजूद लोगों को भी अच्छा लगेगा। इस बारे में अंतिम फैसला उन्हें ही करना है।
sourav ganguly (PC: social media)
दादा कर चुके हैं मोदी और शाह की तारीफ
दूसरी ओर गांगुली और उनके परिजन इस मुद्दे पर कुछ भी खुलकर नहीं बोल रहे हैं। हाल के दिनों में किए गए कई सर्वे में लोगों ने दादा से राजनीति में उतरने की अपील की है। यहां तक कि काफी संख्या में लोग उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में भी देखना चाहते हैं।
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24 फरवरी को मोटेरा में दुनिया के सबसे बड़े क्रिकेट स्टेडियम के उद्घाटन के बाद गांगुली ने पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की जमकर तारीफ की थी। ऐसे में गांगुली कोई बड़ा सियासी फैसला लेते हैं तो किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिए।
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