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नागरिकों के कॉल रिकॉर्ड मांग रही सरकार, कांग्रेस ने पूछे ये बड़े सवाल
प्राइवेसी यानी निजता के अधिकार को लेकर कांग्रेस नेता मनीष तिवारी का कहना है कि भारत के उच्चतम न्यायालय ने निजता को मूलभूत अधिकार ठहराया है.
नई दिल्ली: प्राइवेसी यानी निजता के अधिकार को लेकर कांग्रेस नेता मनीष तिवारी का कहना है कि भारत के उच्चतम न्यायालय ने निजता को मूलभूत अधिकार ठहराया है। उच्चतम न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण फैसला दिया था जिसमें कहा था कि राइट टू प्राइवेसी (निजता का अधिकार) एक मूलभूत अधिकार है, लेकिन एनडीए और बीजेपी की सरकार उच्चतम न्यायालय के इस फैसले का निरंतर उल्लंघन करती आ रही है। एनडीए और बीजेपी की सरकार में आम नागरिकों की निजता खत्म हो गई है।
किस कानून के तहत मांगा डिटेल
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा, आज जो खबरें सार्वजनिक हुई हैं, उससे यह बात जाहिर होती है कि सरकार का मंसूबा एक षड्यंत्र है। सबकुछ पूर्व नियोजित तरीके से अंजाम दिया जा रहा है। सरकार ने कुछ लोगों के कॉल डिटेल सेलफोन कंपनियों से मांगे हैं। हम पूछना चाहते हैं कि इसका क्या औचित्य है।
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क्या बीजेपी सरकार सभी नियमों को तोड़ते हुए आम लोगों की प्राइवेसी पर हमला कर रही है? यह जो खुलासा हुआ है, वह बहुत ही संवेदनशील है। नागरिकों के जो मूलभूत अधिकार संविधान ने दिए हैं, उनके ऊपर कुठाराघात है। हम इस पर सरकार से जवाब मांगेंगे और सरकार से पूछेंगे कि किस कानून के तहत नागरिकों के कॉल रिकॉर्ड मोबाइल कंपनियों से मांगे गए हैं।
संसद की संयुक्त समिति ने भी उठाए सवाल
डाटा प्रोटेक्शन पर संसद की संयुक्त समिति ने मंगलवार को एक बैठक की। इस बैठक में डाटा प्रोटेक्शन पर संसद की संयुक्त समिति ने सरकार से पूछा कि बाहरी देशों से आने वाले इलेक्ट्रॉनिक इक्विपमेंट और अप्प से लोगों की डाटा प्रोटेक्शन के लिए क्या कायदे-कानून है। साथ ही समिति ने सरकार से पूछा कि लोगों की निजता बची रहे इसके लिए क्या तैयारी है।
रंजन गोगोई के राज्यसभा जाने पर बवाल
दूसरी ओर, पूर्व जीफ जस्टिस रंजन गोगोई के राज्यसभा भेजे जाने के फैसले पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। कांग्रेस ने रंजन गोगोई से कई सवाल पूछे हैं। हालांकि, गोगोई ने कहा था कि वह शपथ लेने के बाद हर सवाल का जवाब देंगे। पूर्व कानून मंत्री और कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने ट्विटर पर लिखा, 'रंजन गोगोई कृपया यह भी बताएं कि अपने ही केस में खुद निर्णय क्यों?
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लिफाफा बंद न्यायिक प्रणाली क्यों? चुनावी बॉन्ड का मसला क्यों नहीं लिया गया? राफेल मामले में क्यों क्लीन चिट दी गई? सीबीआई निदेशक को क्यों हटाया गया?' इससे पहले कपिल सिब्बल ने कहा था कि यही जस्टिस गोगोई ने सीजेआई रहते रिटायरमेंट के बाद पद ग्रहण करने को संस्था पर धब्बा जैसा बताया था और आज खुद ग्रहण कर रहे हैं।