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अमिताभ ठाकुर के निलंबन मामले में पूर्व मुख्य सचिव को क्लीनचिट
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव अनूप चन्द्र पाण्डेय ने आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर के निलंबन मामले में सूबे के पूर्व मुख्य सचिव आलोक रंजन को क्लीनचिट दे दिया है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव अनूप चन्द्र पाण्डेय ने आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर के निलंबन मामले में सूबे के पूर्व मुख्य सचिव आलोक रंजन को क्लीनचिट दे दिया है। ठाकुर द्वारा पूर्व मुख्य सचिव आलोक रंजन तथा पूर्व प्रमुख सचिव गृह देबाशीष पांडा पर लगाये गए आरोपों का औचित्य नहीं पाते हुए उनकी शिकायत को पाण्डेय ने निस्तारित कर दिया है।
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सामाजिक कार्यकर्ता नूतन ठाकुर ने सोमवार को यहां बताया कि आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर ने पूर्व मुख्य सचिव आलोक रंजन और पूर्व प्रमुख सचिव गृह देबाशीष पांडा पर राजनैतिक दवाब में उनके निलंबन संबंधी मामले में अनेक फर्जी अभिलेख तैयार कराये जाने तथा विधिविरुद्ध तरीके से दो बार उनका निलंबन बढ़ा कर छह माह अवैध निलंबित रखे जाने के आरोप लगाया था।
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नूतन ठाकुर ने बताया कि मुख्य सचिव श्री पाण्डेय ने अपनी जाँच आख्या में कहा है कि उन्होंने अमिताभ ठाकुर के आरोपों के संबंध में गृह विभाग से आख्या प्राप्त की। इसमें गृह विभाग ने कहा कि अमिताभ के विरुद्ध अत्यंत गंभीर आरोप होने के कारण ही उनका निलंबन दो बार बढ़ाया गया तथा अंत में जब गृह मंत्रालय, भारत सरकार एवं केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण ने उन्हें बहाल करने के आदेश दिए तो उन्हें पिछली तिथि से बहाल कर दिया गया।
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गृह विभाग ने कहा कि चूँकि समयाभाव के कारण निलंबन बढ़ाये जाने के संबंध में आयोजित दोनों बैठक हेतु अफसरों को फोन से सूचना दी गयी होगी, अतः उन्हें पत्र नहीं भेजा गया। गृह विभाग ने यह भी कहा कि तत्कालीन पुलिस महानिदेशक द्वारा शासन को भेजे गए निलंबन विषयक एक पत्र में हुई चूक से अमिताभ के आरोपों को सही नहीं माना जा सकता है।
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सामाजिक कार्यकर्ता के अनुसार मुख्य सचिव ने गृह विभाग के इन सभी स्पष्टीकरण को सही मानते हुए कहा कि अमिताभ ठाकुर के खिलाफ नियमों के अनुसार ही कार्यवाही की गयी तथा किसी स्तर पर कदाशयतापूर्वक अधिकारों का गलत प्रयोग नहीं किया गया।