×

जम्मू-कश्मीर में नहीं होगा चुनाव: मार्च से होनी थी वोटिंग, ये है वजह

जम्मू कश्मीर के हालातों को देखते हुए 5 मार्च से होने वाले चुनावों को कैंसिल कर दिया गया है। इसके लिए सुरक्षा व्यवस्था का हवाला दिया गया।

Shivani Awasthi
Published on: 19 Feb 2020 6:49 AM GMT
जम्मू-कश्मीर में नहीं होगा चुनाव: मार्च से होनी थी वोटिंग, ये है वजह
X

श्रीनगर: जम्मू कश्मीर के हालातों को देखते हुए यहां बड़ा फैसला लिया गया है। दरअसल, राज्य में होने वाले चुनावों को कैंसिल कर दिया गया है। इसके लिए सुरक्षा व्यवस्था का हवाला दिया गया। बता दें कि अगले महीने में पंचायत चुनाव होने थे जो अब तीन सप्ताह के लिए स्थगित कर दिए गये हैं। 5 मार्च से आठ चरणों में एक हजार से ज्यादा सीटों पर चुनाव का ऐलान किया गया था।

जम्मू कश्मीर में पंचायत उपचुनाव हुए स्थगित:

आर्टिकल 370 हटने के बाद से जम्मू कश्मीर की स्थिति संवेदनशील बनी हुई है। पहले पूरे राज्य में इन्टरनेट और दूरसंचार व्यवस्था को बंद कर दिया गया, जिसके बाद राज्य के कई नेताओं को नजरबंद कर दिया गया। हालाँकि हालातों में कुछ बदलाव आया है लेकिन इसी बीच जम्मू कश्मीर में पंचायत चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में अब प्रशासन ने इसे लेकर भी बदलाव किया है।

ये भी पढ़ें: AP के खिलाफ खड़ा हुआ था ये नेता: मौत के बाद मची सनसनी

दरअसल, प्रशासन ने होने वाले पंचायत उपचुनावों को तीन हफ्ते के लिए स्थगित कर दिया। इस बारे में मुख्य निर्वाचन अधिकारी शैलेन्द्र कुमार ने जानकारी दी है। बताया जा रहा है कि इस बाबत गृह विभाग ने सुरक्षा मामलों को लेकर जानकारी दी थी, जिसके बाद यह फैसला लिया गया।

8 चरणों में सरपंच की 1011 सीटों पर चुनाव:

बता दें कि जम्मू कश्मीर के एक हजार से ज्यादा सरपंचों के पद पर 5 मार्च को चुनावों का ऐलान किया गया है। प्रदेश में सरपंच की 1011 सीटें खाली हैं, जिन पर आत्ग चरणों में उपचुनाव होने हैं। इसी कड़ी में पहले चरण का चुनाव 5 मार्च को होना था। जिसके बाद 7 मार्च, 9 मार्च, 12 मार्च , 14 मार्च, 16 मार्च, 18 मार्च और 20 मार्च को होंने प्रस्तावित थे।

ये भी पढ़ें: पुलवामा में तड़तड़ाई गोलियां: सेना ने इन खूंखार आतंकियों को उतारा मौत के घाट

लंबे समय से इन पदों को भरने के लिए चुनाव की अटकलें लगाई जा रही थीं, जिस पर हाल ही में चुनाव आयोग ने ऐलान कर दिया। हालाँकि अब चुनाव फिर टाल दिए गये हैं। गौरतलब है कि पंचायत उपचुनावों में 60 फीसदी से ज्यादा सीटें खाली हैं।

Shivani Awasthi

Shivani Awasthi

Next Story