बिहार: आपस में ही उलझे महागठबंधन के नेता, मांझी का तेजस्वी पर बड़ा हमला

माझी ने तेजस्वी पर हमला बोलते हुए कहा कि उनका यही रवैया रहा है कि जब बिहार में संकट का कोई समय होता है तो वे दिल्ली में रहते हैं।

Shivani Awasthi
Published on: 29 April 2020 3:01 PM GMT
बिहार: आपस में ही उलझे महागठबंधन के नेता, मांझी का तेजस्वी पर बड़ा हमला
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अंशुमान तिवारी

पटना। कोरोना संकट के दिनों में भी बिहार में विपक्षी दलों के महागठबंधन में एकजुटता नहीं दिख रही है। गठबंधन के नेता आपस में ही उलझे हुए हैं। महागठबंधन के प्रमुख घटक दल हिंदुस्तान अवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख जीतन राम मांझी ने महागठबंधन के नेता तेजस्वी यादव पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि कोरोना के संकट के समय में भी तेजस्वी यादव बिहार से नदारद हैं। मांझी ने कहा कि जब भी विपक्ष के नेता ही राज्य में नहीं है तब हम लोगों के बोलने का सरकार पर क्या असर होगा।

संकट के समय बिहार से रहते हैं गायब

माझी ने तेजस्वी पर हमला बोलते हुए कहा कि उनका यही रवैया रहा है कि जब बिहार में संकट का कोई समय होता है तो वे दिल्ली में रहते हैं। उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए। जब कोई नेता अपने लोगों के बीच में रहता है तो लोगों को भी विश्वास होता है कि हमारा नेता हमारे बीच में है। तेजस्वी यादव के यहां ना रहने से मैसेज ठीक नहीं जा रहा है। कोरोना संकट के इस दौर में उन्हें यहां रहकर राज्य के लोगों के लिए जुटना चाहिए था।

पहले भी तेजस्वी को दी थी सही सलाह

मांझी ने कहा कि मैं पहले भी कहता रहा हूं कि तेजस्वी यादव में भी अनुभव की कमी है। तब लोगों ने इसे तेजस्वी की आलोचना माना था जबकि मैंने उन्हें नेक सलाह दी थी। अगर उन्होंने मेरे सुझावों पर अमल किया होता तो निश्चित रूप से संकट की इस घड़ी में वे आज बिहार के लोगों के बीच में होते।

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जब नेता ही गायब तो क्या होगा असर

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री मांझी ने कहा कि जब नेता ही बिहार से गायब है तो महागठबंधन में शामिल हम लोग कुछ बोलें भी तो सरकार पर कोई असर नहीं पड़ने वाला। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी यही सोचते होंगे जब महागठबंधन का नेता ही नहीं है तो हम बात करें भी तो किससे करें। मांझी ने नीतीश कुमार को लॉकडाउन के कारण विभिन्न राज्यों में फंसे बिहार के लोगों को वापस लाने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने विभिन्न मुद्दों को लेकर सर्वदलीय बैठक आयोजित की मगर नीतीश कुमार ने अभी तक राज्य में ऐसा कोई कदम नहीं उठाया।

देर से टूटी नीतीश सरकार की नींद

मांझी ने बिहार में कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर सरकार को कटघरे में खड़ा किया और कहा कि बिहार सरकार देर से नींद से जगी। जब कोरोना का प्रकोप विश्व के अन्य देशों में फैल गया था, तभी सरकार की नींद टूट जानी चाहिए थी। बाहर से आने वाले लोगों की भी ठीक तरीके से जांच पड़ताल नहीं की गई। ऐसा होता तो जो स्थिति आज पैदा हुई है, वह भी ना हुई होती।

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मजदूरों को नहीं मिल रही मदद

उन्होंने कहा कि मनरेगा में मजदूरों को रोजगार दिए जाने के दावे में कोई दम नहीं है क्योंकि मस्टररोल में फर्जी नाम भरे जा रहे हैं। बिहार के मजदूरों की मदद के लिए सरकार कोई कदम नहीं उठा रही है। सरकार की ओर से घोषित सुविधाएं गरीबों और मजदूरों तक नहीं पहुंच पा रही हैं। मांझी ने कहा कि राज्य में लौटने वाले मजदूरों के पास कोई काम नहीं है। वे बिलबिला रहे हैं मगर सरकार की ओर से उन्हें कोई मदद नहीं की जा रही है।

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Shivani Awasthi

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