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एमपी में जारी सियासी घमासान, अभी-अभी राज्यपाल से मिले कमलनाथ

मध्यप्रदेश में सियासी घटनाक्रमों के लगातार जारी रहने के बीच गुरुवार को राज्यपाल लालजी टंडन से मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मुलाकात कर एक पत्र सौंपा, जिसमें ...

Deepak Raj
Published on: 13 March 2020 2:04 PM IST
एमपी में जारी सियासी घमासान, अभी-अभी राज्यपाल से मिले कमलनाथ
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भोपाल। मध्यप्रदेश में सियासी घटनाक्रमों के लगातार जारी रहने के बीच गुरुवार को राज्यपाल लालजी टंडन से मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मुलाकात कर एक पत्र सौंपा, जिसमें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर विधायकों की 'हॉर्सट्रेडिंग' का आरोप लगाया। तीन पेज का यह पत्र राज्यपाल को सौंपने के साथ ही कमलनाथ ने उन्हें राजनैतिक हालातों से अवगत कराया।

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कमलनाथ ने बीजेपी द्वारा विधायकों को बंधक बनाने का आरोप लगाया है और राज्यपाल से अनुरोध किया गया कि वह 'बेंगलुरु में कैद में रखे गए विधायकों की रिहाई' सुनिश्चित करें। कमलनाथ ने राज्यपाल लालजी टंडन को सौंपे पत्र में विधानसभा अध्यक्ष द्वारा आगामी सत्र में फ्लोर टेस्ट कराने का अनुरोध किया है।

मध्यप्रदेश में कांग्रेस-भाजपा के बीच दिलचस्प लड़ाई

राज्यसभा की तीन सीटों के लिए मध्य प्रदेश में होने वाले चुनाव में कांग्रेस और भाजपा के बीच दिलचस्प लड़ाई देखने को मिलेगी, जहां कांग्रेस के कम से कम 22 विधायकों के बगावत के चलते कमलनाथ सरकार का भविष्य अधर में लटक गया है। वहीं, राज्य में तीन सीटों के लिए दोनों पार्टियों ने दो-दो प्रत्याशी मैदान में उतारे हैं।

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दोनों पार्टियां विधायकों के संख्या बल के आधार पर आसानी से अपने एक-एक प्रत्याशियों को राज्यसभा भेज सकती है। जबकि तीसरी सीट के लिए कांग्रेस को बढ़त मिलती दिख रही थी लेकिन 22 विधायकों के विधानसभा से इस्तीफे के साथ संख्याबल के इस खेल में अनिश्चितता की स्थिति पैदा हो गई है।

इस्तीफा देने वाले अधिकतर विधायक ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक हैं, जिन्होंने कांग्रेस से मंगलवार को इस्तीफा देने के बाद बुधवार को भाजपा की सदस्यता ले ली। राज्य की 228 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस विधायकों की संख्या आधिकारिक रूप से 114 है, जबकि पार्टी को चार निर्दलीय, दो बहुजन समाज पार्टी और एक विधायक का समर्थन भी हासिल है।

कांग्रेस के पास सिर्फ 92 सदस्य होंगे...

बेंगलुरु में डेरा डाले अगर 22 विधायकों का इस्तीफा स्वीकार कर लिया जाता है या राज्यसभा चुनाव में मतदान के दौरान वे अनुपस्थित रहते हैं तो विधानसभा में सदस्यों की संख्या 206 रह जाएगी। ऐसी स्थिति में कांग्रेस के पास सिर्फ 92 सदस्य होंगे, जबकि भाजपा के खेमें में 107 विधायक होंगे।

उम्मीद है कि भाजपा के सिंधिया और कांग्रेस के दिग्विजय सिंह आसानी से जीत दर्ज कर लेंगे क्योंकि वे संभवत: अपनी-अपनी पार्टियों की पहली पसंद है। तीसरी सीट के लिए भाजपा के सुमेर सिंह सोलंकी और कांग्रेस के फूल सिंह बरैया के बीच मुकाबला होगा।

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सोलंकी की उम्मीदवारी की घोषणा मंगलवार को की गई और वह राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े रहे हैं। वह संघ की विभिन्न योजनाओं के तहत राज्य के आदिवासी इलाको में काम कर रहे हैं।



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