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बंगाल में अब नेताजी के नाम पर सियासी जंग, भाजपा के इस फैसले पर बिफरीं ममता

केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल ने एलान किया है कि सरकार ने सुभाष चंद्र बोस की जयंती को पराक्रम दिवस के रूप में मनाने का निर्णय किया है। इस मौके पर होने वाले कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए पीएम मोदी भी कोलकाता पहुंचेंगे। वहीं तृणमूल कांग्रेस पीएम मोदी के इस पूरे कार्यक्रम को सियासत से जोड़कर देख रही है। पार्टी का कहना है कि केंद्र सरकार की नीयत में खोट है।

Shreya
Published on: 20 Jan 2021 5:54 AM GMT
बंगाल में अब नेताजी के नाम पर सियासी जंग, भाजपा के इस फैसले पर बिफरीं ममता
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बंगाल में अब नेताजी के नाम पर सियासी जंग, भाजपा के इस फैसले पर बिफरीं ममता

नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल की सियासत में अब नेताजी सुभाष चंद्र बोस को लेकर भी खींचतान शुरू हो गई है। राज्य में जल्द ही होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के बीच सियासी जंग के कारण राज्य का राजनीतिक पारा पहले ही चढ़ा हुआ है और अब केंद्र सरकार की ओर से नेताजी की जयंती पर 23 जनवरी को पराक्रम दिवस घोषित किए जाने के बाद सियासी जंग और तेज हो गई है।

तृणमूल कांग्रेस ने केंद्र सरकार के इस कदम को राजनीति से प्रेरित बताते हुए कहा है कि विधानसभा चुनाव में फायदा उठाने के लिए भाजपा की ओर से यह कदम उठाया गया है। पार्टी ने यह भी कहा है कि वह नेताजी की जयंती अपने तरीके से मनाएगी।

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केंद्र सरकार का बड़ा एलान

बंगाली अस्मिता के प्रतीकों में नेताजी सुभाष चंद्र बोस और गुरुदेव रवींद्र नाथ टैगोर का नाम सबसे प्रमुख माना जाता रहा है। केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल ने एलान किया है कि सरकार ने सुभाष चंद्र बोस की जयंती को पराक्रम दिवस के रूप में मनाने का निर्णय किया है।



पराक्रम दिवस के मौके पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कोलकाता पहुंचने वाले हैं। नेताजी की 125 वीं जयंती के मौके पर कोलकाता में पराक्रम दिवस पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। पीएम मोदी इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने के साथ ही ही नेशनल लाइब्रेरी मैदान में एक प्रदर्शनी का भी उद्घाटन करेंगे। तृणमूल कांग्रेस पीएम मोदी के इस पूरे कार्यक्रम को सियासत से जोड़कर देख रही है। पार्टी का कहना है कि केंद्र सरकार की नीयत में खोट है।

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देशनायक दिवस मनाएगी टीएमसी

तृणमूल कांग्रेस नेताजी का जन्मदिन देशनायक दिवस के रूप में मनाने का एलान किया है। पार्टी की मुखिया और राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने घोषणा की है कि पार्टी 23 जनवरी को नेताजी की जयंती देशनायक दिवस के रूप में मनाएगी। उन्हें भी केंद्र सरकार की ओर से घोषित किए गए पराक्रम दिवस में सियासत की बू आ रही है।

sogat (फोटो- सोशल मीडिया)

केंद्र के फैसले पर खड़े किए सवाल

तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद सौगत राय ने केंद्र सरकार के फैसले पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने केंद्र के फैसले पर नाखुशी जताते हुए कहा कि राज्य सरकार नेताजी की जयंती को अपने तरीके से बनाएगी। उन्होंने कहा कि हम नेताजी का जन्मदिन पराक्रम दिवस के रूप में मनाने के केंद्र के फैसले से संतुष्ट नहीं हैं।

पराक्रम दिवस की जगह इसे देश प्रेम दिवस के रूप में मनाया गया चाहिए। उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस की ओर से इस दिन एक बड़ा जुलूस निकाला जाएगा।

सियासी फायदा उठाने का आरोप

उन्होंने कहा कि नेताजी के जरिए सियासी फायदा उठाने के लिए केंद्र सरकार की ओर से यह घोषणा की गई है। उन्होंने कहा कि पराक्रम दिवस की घोषणा के पीछे पश्चिम बंगाल का भावी विधानसभा चुनाव है। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी नेताजी के नाम पर कोई राजनीति नहीं करती और हम दूसरों से भी नेताजी के नाम पर राजनीति अपेक्षा नहीं करते।

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उन्होंने कहा कि अगर केंद्र सरकार की घोषणा में तनिक भी ईमानदारी होती है तो यह एलान 6 महीने पहले भी किया जा सकता था मगर राज्य में विधानसभा चुनावों से ठीक पहले इस एलान के जरिए सियासी फायदा उठाने की कोशिश की जा रही है।

पीएम मोदी के दौरे का पड़ेगा असर

पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने इस बार पूरी ताकत झोंक रखी है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा लगातार राज्य का दौरा कर रहे हैं मगर हाल के दिनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पश्चिम बंगाल का एक भी दौरा नहीं किया है। ऐसे में पीएम के दौरे का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है।

सियासी जानकारों का कहना है कि पीएम के इस दौरे के सियासी असर की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। यही कारण है कि प्रधानमंत्री के दौरे से पहले ही तृणमूल कांग्रेस ने इस मुद्दे को लेकर सियासत शुरू कर दी है। पार्टी यह मुद्दा उठाकर भाजपा की घेरेबंदी में जुट गई है।

अंशुमान तिवारी

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