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महाराष्ट्र में कैबिनेट का एक्सटेंशन होते ही क्यों बढ़ गई है 'उद्धव' की टेंशन?

बीजेपी के साथ वर्षों पुराना गठबंधन तोड़ कर एनसीपी और कांग्रेस के साथ मिलकर महाराष्ट्र में सरकार बनाने वाले उद्धव ठाकरे की टेंशन बढ़ गई है। इसकी शुरुआत सोमवार को कैबिनेट के विस्तार के बाद हुई।

Aditya Mishra
Published on: 2 Jan 2020 10:27 AM GMT
महाराष्ट्र में कैबिनेट का एक्सटेंशन होते ही क्यों बढ़ गई है उद्धव की टेंशन?
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मुंबई: बीजेपी के साथ वर्षों पुराना गठबंधन तोड़ कर एनसीपी और कांग्रेस के साथ मिलकर महाराष्ट्र में सरकार बनाने वाले उद्धव ठाकरे की टेंशन बढ़ गई है। इसकी शुरुआत सोमवार को कैबिनेट के विस्तार के बाद हुई।

मंगलवार को वरिष्ठ एनसीपी नेता और विधायक प्रकाश सोलंकी ने विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा देने की घोषणा की। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कांग्रेस के भी कुछ वरिष्ठ नेता मंत्रिमंडल में जगह न मिलने से नाखुश हैं।

इनमें पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चाह्वाण, पूर्व मंत्री नसीम खान, तीन बार की विधायक प्रणीति शिंदे, संग्राम थोपते, अमीन पटेल शामिल हैं। जिन नेताओं को जगह मिली भी है वे अपनी विभाग से नाखुश हैं। सभी ने कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी मलिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी तक अपनी नाराजगी पहुंचाई है।

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सोनिया गांधी को लिखी खून से चिट्ठी

सोलापुर में प्रणीति शिंदे के समर्थकों ने खून से लिखी चिट्ठी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजी है। इसमें प्रणीति को मंत्री बनाने की मांग की गई है। प्रणीति वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और पूर्व गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे की बेटी हैं। जिला कांग्रेस अध्यक्ष ने इस्तीफा देने की चेतावनी दी है।

मंगलवार को दिल्ली में राहुल गांधी के आवास पर हुई बैठक में महाराष्ट्र सरकार के कांग्रेस मंत्री भी शामिल हुए। इस मौके पर कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, केसी वेणुगोपाल और महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा भी मौजूद थीं।

यही नहीं बुधवार को पुणे में स्थित कांग्रेस भवन में विधायक संग्राम थोपटे के समर्थकों ने जमकर तोड़फोड़ की। समर्थक उद्धव ठाकरे मंत्रिमंडल में मंत्री पद नहीं दिए जाने से नाराज थे।

महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन को अभी 33 दिन ही पूरे हुए है लेकिन जिस तरह से मंत्री पत्र को लेकर गठबंधन के नेता पार्टी में विरोध पर उतारू है और किसी भी हद तक जाते हुए दिख रहे है।

ऐसे में सवाल उठ रहा है कि जब अभी से पार्टी में इतनी खींचतान है तो क्या उद्धव सरकार अपने 5 साल के कार्यकाल पूरे कर पायेगी? उद्धव ठाकरे के समन डर इस बात का भी है कि बीच में ही एनसीपी और कांग्रेस के मंत्री कैबिनेट से बगावत कर उनकी सरकार ही गिरा दें?

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शिवसेना की तरफ से भी दिखी नाराजगी

उधर नाराजगी अब शिवसेना की तरफ से भी दिखाई दे रही है। जिस तरह से कांग्रेस और एनसीपी के नेता मंत्री पद को लेकर विरोध पर उतारू हो गये है। शिवसेना को उनका बर्ताव ठीक नहीं लग रहा है।

इसी का नतीजा है कि आज महाराष्ट्र में शिवसेना(उद्धव ठाकरे) का मुखपत्र कहे जाने वाले सामना अख़बार में लेख प्रकाशित किया गया है।

जिसमें कांग्रेस विधायक संग्राम थोपटे को मंत्री पद न मिलने पर उनके ही पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा अपनी ही पार्टी के दफ्तर में तोड़फोड़ किये जाने पर सवाल उठाया गया है।

इस लेख के जरिये कांग्रेस पार्टी के नेताओं को अनुशासन में रखने की हिदायत भी दी गई है। इससे साफ जाहिर हो रहा है कि कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। आने वाले दिनों में तकरार और भी ज्यादा बढ़ सकती है। ऐसे में उद्धव ठाकरे का चिंतित होना लाजिमी भी है।

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Aditya Mishra

Aditya Mishra

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