×

यहां भूत-प्रेत का डेरा! कमरा नंबर 602 में घुसने से डरते है मंत्री, 1 की हो चुकी है मौत

महाराष्ट्र में शिवसेना की ताकत जगजाहिर है, लेकिन इस सरकार के मंत्री भी एक खौफ में जी रहे हैं। ये मंत्री चाहे शिवसेना के विधायक हों, कांग्रेस या फिर एनसीपी के। मामला मंत्रालय के एक कमरे से जुड़ा हुआ है। इस कमरे को लेकर अंधविश्वास फैला हुआ है।

Aditya Mishra
Published on: 3 Jan 2020 5:14 PM IST
यहां भूत-प्रेत का डेरा! कमरा नंबर 602 में घुसने से डरते है मंत्री, 1 की हो चुकी है मौत
X

मुंबई: महाराष्ट्र में शिवसेना की ताकत जगजाहिर है, लेकिन इस सरकार के मंत्री भी एक खौफ में जी रहे हैं। ये मंत्री चाहे शिवसेना के विधायक हों, कांग्रेस या फिर एनसीपी के। मामला मंत्रालय के एक कमरे से जुड़ा हुआ है। इस कमरे को लेकर अंधविश्वास फैला हुआ है।

कुछ घटनाओं के बाद इसे अभिशप्त मानने लगे हैं। इस कमरे का नंबर है 602। सोमवार को उद्धव ठाकरे सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार हुआ। लेकिन कोई भी मंत्री इस कमरे को अपने लिए आवंटित कराने को राजी नहीं है। कहते हैं कि इस कमरे में कोई साया है। इसके चलते इसमें एक मंत्री की मौत तक हो चुकी है।

वहीं, एक दिग्गज नेता को चुनाव तक हारना पड़ा। यह कमरा मंत्रालय में मुख्यमंत्री के केबिन के ठीक अपोजिट है। यानी पहले इस कमरे को अपना नाम आवंटित कराने जोड़-तोड़ तक करनी पड़ती थी, लेकिन अब मंत्री मना कर देते हैं।

ये भी पढ़ें...महाराष्ट्र में कैबिनेट का एक्सटेंशन होते ही क्यों बढ़ गई है ‘उद्धव’ की टेंशन?

काफी चर्चित रहा है कमरा नंबर 602

महाराष्ट्र के राज्य मंत्रिमंडल का आधिकारिक कार्यालय 'मंत्रालय' है। इसकी छठी मंजिल पर स्थित 3000 वर्ग फीट का केबिन 602 फिलहाल किसी भी मंत्री को आवंटित नहीं किया गया है।

बताया जाता है कि इस ऑफिस में एक कॉन्फ्रेंस रूम, ऑफिस स्टाफ हॉल और दो बड़े केबिन हैं। हालांकि इससे पहले इस ऑफिस को महाराष्ट्र की सत्ता का पावर सेंटर माना जाता था. खुद सीएम से लेकर सबसे वरिष्ठ मंत्री और मुख्य सचिव यहीं बैठा करते थे।

अब इस ऑफिस को लेने के लिए कोई तैयार नहीं है। इस ऑफिस को लेकर अंधविश्वास है कि इस केबिन में जो भी शख्स बैठता है, वह अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाता है।

ये भी पढ़ें...आदित्य ठाकरे ने ली मंत्री पद की शपथ, महाराष्ट्र में बनी बाप-बेटे और भतीजे की सरकार

किसी का हुआ इस्तीफा तो किसी की मौत

दरअसल अंधविश्वास का यह सिलसिला 2014 में शुरू हुआ था। तब यह ऑफिस बीजेपी नेता और तत्कालीन कैबिनेट मंत्री एकनाथ खडसे को दिया गया था। खडसे अपने कार्यकाल के दो साल के अंदर ही एक घोटाले में फंस गए।

इसका असर यह हुआ कि उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। कुछ दिनों तक दो यह ऑफिस खाली रहा लेकिन बाद में इसे कृषि मंत्री पांडुरंग फुंडकर को आवंटित कर दिया गया। फुंडकर की कामकाज संभालने के सिर्फ दो साल के बाद मई 2018 में हार्ट अटैक के बाद मौत हो गई।

चुनाव हार गए अनिल बोंडे

पांडुरंग फुंडकर की मौत के बाद 2019 में कृषि विभाग का प्रभार बीजेपी नेता अनिल बोंडे को दिया गया। वह भी इसी ऑफिस में बैठने लगे. अनिल बोंडे विधानसभा का चुनाव हार गए और महाराष्ट्र में बीजेपी की सरकार भी नहीं रही। अब इस ऑफिस को लेने के लिए कोई तैयार नहीं है। खबर है कि अजित पवार ने इस ऑफिस को लेने के इंकार कर दिया है।

ये भी पढ़ें...उद्धव ने महाराष्ट्र की जनता को दिया ये बड़ा तोहफा, सुनकर ख़ुशी से झूम उठेंगे लोग



Aditya Mishra

Aditya Mishra

Next Story