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महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन से BJP को सबसे ज्यादा नुकसान- अमित शाह

अमित शाह ने कहा कि, चुनावों से पहले प्रधानमंत्री और मैंने कई बार सार्वजनिक रूप से कहा था कि यदि हमारा गठबंधन जीतता है तो देवेंद्र फडणवीस सीएम होंगे।

Shreya
Published on: 14 Nov 2019 3:44 AM GMT
महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन से BJP को सबसे ज्यादा नुकसान- अमित शाह
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मुंबई: महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू हो चुका है। लेकिन पार्टियों ने हार नहीं मानी है और सरकार बनाने की कोशिशें अब भी जारी है। इसी बीच बुधवार को देश के गृहमंत्री और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने शिवसेना के साथ गठबंधन को लेकर बड़ा बयान दिया है। एक इंटरव्यू में बात करते हुए अमित शाह ने कहा कि, चुनावों से पहले प्रधानमंत्री और मैंने कई बार सार्वजनिक रूप से कहा था कि यदि हमारा गठबंधन जीतता है तो देवेंद्र फडणवीस सीएम होंगे। किसी ने भी आपत्ति नहीं की। लेकिन अब वे नई मांगें लेकर आए हैं जो हमें स्वीकार्य नहीं है।

उन्होंने कहा कि, सरकार बनाने का मौका किसी से भी नहीं छीना गया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, हम शिवसेना के साथ सरकार बनाने को तैयार थे, लेकिन उनकी कुछ ऐसी शर्तें थीं, जिन्हें हम स्वीकार नहीं कर सकते हैं।

राष्ट्रपति शासन से BJP को हुआ सबसे ज्यादा नुकसान- शाह

इस दौरान जब उनसे शिवसेना से हुई बातचीत के बारे में पूछा गया तो उनका कहना था कि, हमारे ऐसे संस्कार नहीं है कि हम बंद कमरे में हुई बातें सार्वजनिक करें। हमने किसी तरह का कोई विश्वासघात नहीं किया है। उन्होंने एक अन्य सवाल का जवाब देते हुए कहा कि, राष्ट्रपति शासन से सबसे ज्यादा नुकसान बीजेपी का हुआ है। हमारी केयर टेकर गवर्नमेंट चली गई।

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राष्ट्रपति शासन के फैसले पर सवाल पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि, सरकार बनाने के लिए 18 दिन तक का इंतजार किया गया। सरकार बनाने के लिए इतना वक्त काफी थी। जिसके पास बहुमत था उसको राज्यपाल के पास जाना चाहिए था। लेकिन आखिरी में उन्होंने खुद सबको लिखकर बारी-बारी आमंत्रित किया। राज्यपाल ने कुछ भी गलत नहीं किया।





विपक्ष की राजनीति 'कोरी राजनीति' है

बीजेपी अध्यक्ष ने आगे कहा कि, राष्ट्रपति शासन पर जो हाय तौबा मची है, वो जनता की सहानुभूति प्राप्त करने का निरर्थक प्रयास है. उन्होंने इस दौरान विपक्ष पार्टी की राजनीति को कोरी राजनीति बताया। अमित शाह ने कहा कि, महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन को लेकर विपक्ष की प्रतिक्रियाएं एक कोरी राजनीति हैं, इसके अलावा कुछ नहीं है। राज्यपाल महोदय ने किसी प्रकार से भी संविधान का उल्लंघन नहीं किया है।



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