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मायावती की निगाहें अब दक्खिन भारत पर 

बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती अब दक्षिण भारत में अपनी पार्टी का आधार बढ़ाने की तैयारी में है। मायावती की मंशा दक्षिण के राज्यों में कैडर आधारित राजनीति करके वहां पार्टी का जनाधार तैयार करना है। 

Aditya Mishra
Published on: 29 Aug 2019 3:25 PM GMT
मायावती की निगाहें अब दक्खिन भारत पर 
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मायावती की निगाहें अब दक्खिन भारत पर 

लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती अब दक्षिण भारत में अपनी पार्टी का आधार बढ़ाने की तैयारी में है। मायावती की मंशा दक्षिण के राज्यों में कैडर आधारित राजनीति करके वहां पार्टी का जनाधार तैयार करना है।

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बैलेन्स आफ पावर बनाने की कोशिश करनी चाहिए:

दक्षिण भारत के पांच राज्यों तमिलनाडू, केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश व तेलंगाना से आये बसपा के वरिष्ठ व जिम्मेदार पदाधिकारियों के साथ गुरुवार को बैठक में मायावती ने कहा कि दक्षिण भारत के राज्यों को भी यूपी के पैटर्न पर ही कैडर के आधार पर चल कर अपनी शक्ति बढ़ाकर पहले बैलेन्स आफ पावर बनाने की कोशिश करनी चाहिए।

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सर्वसमाज का सहयोग व उनकी भागीदारी जरूरी:

बसपा सुप्रीमों ने कहा कि बहुजन समाज पार्टी एक राजनीतिक पार्टी के साथ-साथ आत्म-सम्मान व स्वाभिमान का एक अम्बेडकरवादी मूवमेन्ट भी है, जिसके लिए पूरे जी-जान से लगातार काम करते रहने की जरूरत है ताकि परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के मिशनरी लक्ष्यों को इस देश की उपेक्षित व तिरस्कृत ’बहुजनों’ के हित में प्राप्त किया जा सके।

इसके लिए सर्वसमाज का सहयोग व उनकी भागीदारी जरूरी है और जिसके तहत ही बसपा हर स्तर पर ’सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय’ की नीति व सिद्धान्त पर कार्यरत् है।

मायावती की निगाहें अब दक्खिन भारत पर

उन्होंने कहा कि बी.एस.पी. ही एकमात्र पार्टी है जो देश के सर्वसमाज के करोड़ों गरीबों, मजदूरों व अन्य मेहनतकश लोगों के साथ-साथ दलितों, पिछड़ों व धार्मिक अल्पसंख्यकों आदि की उम्मीद की किरण है।

इन दक्षिणी भारत के राज्यों में बाढ़ के कारण भयानक तबाही का उल्लेख करते हुए मायावती ने पार्टी के लोगों से कहा कि उनसे जहां तक हो सके वे गरीबों व अति-जरूरतमन्दों की हर प्रकार से मदद करने की कोशिश करें।

इसके अलावा बैठक में पार्टी संगठन के कार्यकलापों की गहन समीक्षा के तहत संगठन की तैयारियों व कैडर कार्यक्रमों की प्रगति रिपोर्ट ली गई। बताते चले कि दक्षिण के राज्यों में कई सीटों पर दलित वोट अच्छी संख्या में है। इसी का नतीजा है कि कर्नाटक विधानसभा में बसपा का एक विधायक चुन कर आया है।

Aditya Mishra

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